नाशिक (तेज समाचार डेस्क). सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय के तहत चलने वाले राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम के माध्यम से जेआईटी इंजीनियरिंग का शीतकालीन श्रमसंस्कार शिविर आयोजित किया गया. 8 जनवरी से 14 जनवरी के दौरान ग्राम गंगावर्हे (तहसील नाशिक) में चले इस शिविर में छात्रों ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया.
शिविर के समापन कार्यक्रम को प्रमुख अतिथि के तौर पर सरपंच गणपत जगताप, कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एम. वी. भटकर, ग्रामसेवक संजय बोबड़े, प्रा. समाधान पाटिल, पुलिस पटेल, सभी विभागप्रमुख उपस्थित थे. कार्यक्रम में बोलते हुए सरपंच गणपत जगताप ने कहा कि, राष्ट्रीय सेवा योजना ग्रामीण इलाके के लिए एक वरदान साबित हो रही है. इसके माध्यम से होने वाले श्रमसंस्कार शिविर द्वारा विभिन्न विकासकार्य होते है. साथ ही विभिन्न विषयों पर जनजागृति होती है.
पूर्व रासेयो स्वयंसेवक लखन सावंत ने शिविर को भेंट देकर छात्रों को मार्गदर्शन किया. उन्होंने कहा कि, ऐसे शिविरों में स्वयंसेवक अपने विचारों को रखते हुए अपने कौशल का परिचय दे सकते है. साथ ही अपनी जरुरतों को पहचानते हुए अपना शारीरिक और बौद्धिक क्षमताओं को पहचान सकते है.
रासेयो समन्वयक प्रा. पंकज बडगुजर ने सात दिनों के शिविर में हुए विभिन्न उपक्रमों यानी ग्रामस्वच्छता, गंदे पानी के लिए शोषगड्ढों की निर्मिति और खुले शौचमुक्ति के लिए हुए कामों की जानकारी दी. इसके अलावा चलाए गए उपक्रम में सरपंच, उपसरपंच एवं रासेयो स्वयंसेवक के सहयोग से गुड मॉर्निंग दस्ते का निर्माण किया गया और लोगों को शौचालयों का महत्व समझाया गया. विभिन्न विषयों पर गाव के लोगों में जनजागृति की गई. व्याख्यानों का आयोजन किया गया. छात्रों के लिए कम्प्युटर कार्यशाला, नोटबंदी और गो-कैशलेस विषय पर प्रबोधन किया गया.
प्रा. चेतन पाटिल का ‘विज्ञान का महत्व और वैज्ञानिक दृष्टिकोण’ विषय पर व्याख्यान हुआ. शिविर के तहत हुए उपक्रमों में प्राचार्य डॉ. एम. वी. भटकर, रासेयो समन्वयक प्रा. पंकज बडगुजर तथा सभी विभाग प्रमुख प्राध्यापकों का मार्गदर्शन मिला. लाभार्थी प्रतिनिधि के तौर पर प्रथमेश धोंडगे तथा दीप्ति शिंदे ने कामकाज संभाला. शिविर के लिए सभी स्वयंसेवयकों ने सहयोग दिया.