• ABOUT US
  • DISCLAIMER
  • PRIVACY POLICY
  • TERMS & CONDITION
  • CONTACT US
  • ADVERTISE WITH US
  • तेज़ समाचार मराठी
Tezsamachar
  • Home
  • देश
  • दुनिया
  • प्रदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • लाईफस्टाईल
  • विविधा
No Result
View All Result
  • Home
  • देश
  • दुनिया
  • प्रदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • लाईफस्टाईल
  • विविधा
No Result
View All Result
Tezsamachar
No Result
View All Result

Kainchi Dham Foundation Day 2025: 15 जून को कैंची धाम में उमड़ेगा श्रद्धा का सैलाब

हनुमान जी का अवतार कहलाते हैं बाबा नीब करौरी

Tez Samachar by Tez Samachar
June 15, 2025
in Featured, देश, विविधा
0
Kainchi Dham Foundation Day 2025: 15 जून को कैंची धाम में उमड़ेगा श्रद्धा का सैलाब

( By: Pragati ) – 

नैनीताल में मशहूर कैंची धाम और बाबा नीम करोली ( नीब करौरी )  के बारे में कौन नहीं जानता, बता दें, हर साल की तरह इस साल भी 15 जून को यहां स्थापना दिवस के मौके पर सबसे बड़ा भंडारा आयोजित कराया जाएगा, कहते हैं इस दिन खुद नीम करौली बाबा भंडारा संभालते हैं। इस साल कैंची धाम का 61वां स्थापना दिवस मनाया जाएगा। ऐसी मान्यता है की लाखों की भीड़ उमड़ने के बाद भी कभी भी भंडारे की कमी नहीं होती, क्योंकि इस दिन खुद नीम करौली बाबा भोज को देखते हैं। जानिए आखिर क्यों है दिन खास।

15 जून को बटने वाले मालपुए प्रसाद की तैयारी

इस त्योहारी अवसर पर भव्य पूजा अर्चना के साथ लगभग 6 लाख से अधिक मालपुआ बनाना लक्ष्य है। बृजभूमि यानी आगरा-मथुरा से आए कारीगर और स्थानीय अधिकारी मिलकर मेले के सफल आयोजन की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जिलाधिकारी को तैयारियों को कड़ा करने के निर्देश दिए हैं। आयोजक और सामाजिक संगठन भक्तों से पर्यावरण को साफ-सुथरा रखने का आग्रह कर रहे हैं, ताकि प्लास्टिक एवं कूड़ा-करकट न फैलाएं। इस मेले में अनुमानित 5 लाख से अधिक श्रद्धालु शामिल होंगे।

मेले की तैयारियों में पुलिस प्रशासन पूरी तरह से लगे हुए हैं, ताकि भीड़-भाड़ और यातायात संबंधित समस्याओं को नियंत्रित किया जा सके। विशेष तौर पर पर्वतीय क्षेत्रों में पार्किंग की व्यवस्था सीमित होने के कारण प्रशासन ने बाहरी राज्यों से आने वाले वाहनों के लिए शटल सेवा शुरू करने की योजना बनाई है, जिससे श्रद्धालुओं को सहजता से पहुंचाने में मदद मिलेगी। साथ ही, स्थानीय प्रशासन और पुलिस श्रद्धालुओं को सतर्क रहने और पर्यावरण संरक्षण का ध्यान रखने के लिए भी जागरूक कर रहे हैं। वे लोग, जो बाबा नीम करोरी महाराज के भक्त हैं, उन्हें मिष्ठान विक्रेताओं के चंगुल में न पड़ने की सलाह दी गई है क्योंकि बाबा भक्तों की पूजा भोग-प्रसाद में नहीं, भाव में होती है। इस प्रकार, यह मेला न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि स्थानीय जनता और प्रशासन के बीच समन्वय का भी उदाहरण प्रस्तुत करता है।

पर्वतीय क्षेत्र की सीमित पार्किंग व्यवस्था के कारण प्रशासन ने शटल सेवा लागू की है, जो बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आगमन को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यह दर्शाता है कि धार्मिक आयोजनों में लॉजिस्टिक प्रबंधन कितना अहम होता है।

15 जून को हुई थी मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा

कैंची आश्रम में हनुमान जी और दूसरी मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा अलग-अलग साल में 15 जून को की गई थी .इस तरह से हर साल 15 जून को प्रतिष्ठा दिवस के रूप में मनाया जाता है। नीम करौली बाबा ने खुद भी कैंची धाम की प्रतिष्ठा के लिए 15 जून का दिन तय किया था। बाबा ने 10 सितंबर 1973 को महासमाधि ली और शरीर छोड़ दिया और उनकी अस्थियों को कैंची धाम में स्थापित कर दिया। इस तरह 1974 में बाबा के मंदिर का निर्माण कार्य शुरू किया गया। यहां नीम करौली बाबा को गुरु मूर्ती में विराजमान किया गया है।

विश्व प्रसिद्ध हस्तियाँ हैं भक्तों में शामिल 

कैंची धाम न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी प्रसिद्ध है। एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स, फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग जैसी विश्व प्रसिद्ध हस्तियां भी यहां आकर आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्राप्त कर चुकी हैं। बाबा नीम करौली महाराज के चमत्कारी अनुभवों और शिक्षाओं के कारण यह स्थान श्रद्धालुओं के लिए प्रेरणा और आस्था का केंद्र बन गया है।

बाबा ने चरण सिंह को दिया था प्रधान मंत्री बनने का आशीर्वाद 

उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित कैंची आश्रम एवं मंदिर का निर्माण बाबा नीम करौली महाराज ने भूमियाधार में रहते हुए किया। यह आश्रम 3500 फीट की ऊँचाई पर, पहाड़ों और घने वनों से घिरे एक अत्यंत रमणीक और शांत स्थान पर स्थित है। यह क्षेत्र प्राचीन काल से ही संत-महात्माओं की साधना स्थली रहा है। शताब्दी की शुरुआत में यहां सोमवार गिरि नामक सिद्ध बाबा एक प्राकृतिक गुफा में निवास करते थे। इस क्षेत्र के पूर्वी और उत्तरी किनारे से बहने वाली नदी को महाराज ने ‘उत्तर वाहिनी गंगा’ नाम दिया था, जबकि पश्चिम और दक्षिण में ऊँचे पर्वत हैं। पूर्व में गर्गाचल पर्वत है, जो गर्ग ऋषि की तपोभूमि मानी जाती है।

1950-53 में पंजाब के संत कमला गिरि ने यहां शिव पुराण और देवी भागवत का पाठ कराया। उनके बाद प्रेमी बाबा ने भी इस स्थान को अपनाया, हालांकि वे नदी के उस पार रहते थे। 25 मई 1962 को बाबा नीम करौली महाराज भूमियाधार से शीतला खेत जाते समय कैंची स्थान पर रुके और श्री पूर्णानंद तिवारी के घर पहुंचे। तिवारी जी को बाबा के दर्शन 20 वर्ष पूर्व हुए थे, और बाबा ने वादा किया था कि वे 20 साल बाद फिर मिलेंगे, जो सच साबित हुआ।

बाबा ने तिवारी जी के साथ सोमवार गिरि के हवन कुण्ड का निरीक्षण किया और वहीं हनुमान जी के विग्रह की स्थापना के लिए चबूतरा बनाने का आदेश दिया। निर्माण के दौरान वन विभाग से विवाद हुआ, जिसे बाबा ने अपने प्रभाव से सुलझा लिया। बाद में उत्तर प्रदेश सरकार ने यह भूमि बाबा के नाम लीज़ पर दे दी। कहा जाता है कि बाबा ने उस समय के वन मंत्री श्री चरण सिंह को आशीर्वाद दिया था कि वे भारत के प्रधानमंत्री बनेंगे, जो बाद में सच हुआ।

आज कैंची धाम न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि श्रद्धा, आस्था और चमत्कारों का केंद्र भी है, जहां हर वर्ष लाखों श्रद्धालु बाबा नीम करौली महाराज के दर्शन के लिए आते हैं।

Tags: Gargachal पर्वतKainchi DhamKainchi Dham foundationKainchi Dham historyKainchi Dham storyMonday Giri BabaNeem Karoli Baba templeShri Purnanand TiwariUttarakhand spiritual placesउत्तर वाहिनी गंगाकैंची आश्रम नैनीतालकैंची धामनीम करौली बाबाबाबा नीम करौली चमत्कारहनुमान मंदिर कैंची
Previous Post

कनोरिया पीजी महिला महाविद्यालय का अमृतांश फाउंडेशन के साथ अनुबंध

Next Post

मनोज अम्बिके की मराठी भाषा में प्रकाशित “कर्णपुत्र आणि अस्त्र ” उपन्यास ने मचाई धूम

Next Post
मनोज अम्बिके की मराठी भाषा में प्रकाशित “कर्णपुत्र आणि अस्त्र ” उपन्यास ने मचाई धूम

मनोज अम्बिके की मराठी भाषा में प्रकाशित "कर्णपुत्र आणि अस्त्र " उपन्यास ने मचाई धूम

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

  • Disclaimer
  • Privacy
  • Advertisement
  • Contact Us

© 2025 JNews - Premium WordPress news & magazine theme by Jegtheme.

No Result
View All Result
  • Home
  • देश
  • दुनिया
  • प्रदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • लाईफस्टाईल
  • विविधा

© 2025 JNews - Premium WordPress news & magazine theme by Jegtheme.