बेंगलुरु (तेज समाचार डेस्क). पिछले चार दिनों से चली मैराथन चर्चा के बाद मंगलवार की शाम कर्नाटक की कुमारस्वामी सरकार आखिरकार गिर ही गई. मंगलवार की शाम कर्नाटक विधानसभा में हुए फ्लोर टेस्ट में कांग्रेस-जेडीएस वाली कुमारस्वामी सरकार के पक्ष में मात्र 99 वोट पड़े जबकि भाजपा को 105 वोट मिले. फ्लोर टेस्ट के पहले उपस्थित विधायकों की गणना की गई, जिसमें स्पीकर को हटाकर सदन में विधायकों की संख्या 204 थी और बहुमत के लिए 103 का आंकड़ा जरूरी था. भाजपा के पास मौजूद 105 विधायकों का संख्या बहुमत के लिए पर्याप्त थी.
– 15 विधायक बागी हो गए थे
कुमारस्वामी 14 महीने से 116 विधायकों के साथ सरकार चला रहे थे, लेकिन इसी महीने 15 विधायक बागी हो गए. एचडी कुमारास्वामी ने राज्यपाल वजुभाई वाला को अपना इस्तीफा सौंपा. उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया. अब भाजपा सरकार बनाने का दावा पेश करेगी. येदियुरप्पा चौथी बार मुख्यमंत्री बन सकते हैं.
– विकास का नया युग शुरू होगा
कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि यह लोकतंत्र की जीत है. जनता कुमारस्वामी सरकार से त्रस्त थी. मैं कर्नाटक के लोगों को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि अब विकास का नया युग शुरू होगा. हम किसानों को भरोसा दिलाते हैं कि उन्हें ज्यादा तवज्जो दी जाएगी. हम जल्द ही वाजिब कदम उठाएंगे.
– बागियों के इस्तीफे अभी नहीं स्वीकारे
भाजपा नेता जगदीश शेट्टार ने कहा कि अभी बागी विधायकों के इस्तीफे स्पीकर ने स्वीकार नहीं किए हैं. उन्हें तय करना है कि वे भाजपा में शामिल होंगे या नहीं. मौजूदा परिस्थिति में हमारे पास 105 विधायक हैं, बहुमत हमारा है. हम स्थिर सरकार बनाएंगे.
– मुझे पता था, आज सरकार गिर जाएगी : कुमारस्वामी
वोटिंग से पहले चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने कहा कि 2018 के विधानसभा चुनाव का नतीजा आने के बाद मैं राजनीति छोड़ने को तैयार था. मेरा राजनीति में आना भी अपेक्षित नहीं था. लोग चर्चा कर रहे हैं कि मैं कुर्सी से क्यों चिपका हुआ हूं. मैं खुशी से यह पद छोड़ने को तैयार हूं. मेरी सरकार बेशर्म नहीं है. मैं भाषण के बाद भागूंगा नहीं. इसके बाद वोट डाले जाएंगे और उनकी गिनती होगी.
– बागियों को अयोग्य घोषित किया जाएगा
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया ने मंगलवार को भाजपा पर विधायकों का होलसेल व्यापार करने और रिश्वत देने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा- भाजपा सत्तारूढ़ कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन को अस्थिर करना चाहती है. होलसेल व्यापार एक समस्या है. अगर वहां पर रिटेल ट्रेड से एक या दो विधायकों को खरीदा जाता तो समस्या नहीं थी. 25 करोड़, 30 करोड़, 50 करोड़, इतने पैसे कहां से आ रहे हैं. बागियों को अयोग्य कर दिया जाएगा. उनकी राजनीतिक समाधि बनेगी.
– विधायकों की अनुपस्थिति
सदन में जब बहस शुरू हुई तो सत्ता पक्ष (ट्रेजरी बेंच) में ज्यादातर विधायक गैर-हाजिर थे. इस पर स्पीकर रमेश कुमार ने नाराजगी जाहिर की. उन्होंने पूछा कि गठबंधन सरकार के विधायक कहां हैं? इससे पहले इस्तीफा देने वाले बागी विधायकों ने स्पीकर को एक खत लिखा, इसमें उन्होंने मांग की कि उन्हें मुलाकात के लिए 4 हफ्तों का वक्त दिया जाए. इन बागियों को स्पीकर ने सोमवार को मिलने के लिए नोटिस भेजा था. सुप्रीम कोर्ट में बागी विधायकों की याचिका पर बुधवार को सुनवाई होगी.
– कांग्रेस के 13 और जेडीएस के 3 विधायकों ने दिया इस्तीफा
उमेश कामतल्ली, बीसी पाटिल, रमेश जारकिहोली, शिवाराम हेब्बर, एच विश्वनाथ, गोपालैया, बी बस्वराज, नारायण गौड़ा, मुनिरत्ना, एसटी सोमाशेखरा, प्रताप गौड़ा पाटिल, मुनिरत्ना और आनंद सिंह इस्तीफा सौंप चुके हैं. वहीं, कांग्रेस के निलंबित विधायक रोशन बेग ने भी इस्तीफा दे दिया. 10 जून को के सुधाकर, एमटीबी नागराज ने इस्तीफा दे दिया था. दो निर्दलीय विधायकों ने भी सरकार से समर्थन वापस ले लिया.
– बसपा विधायकों ने नहीं सुना मायावती का आदेश
बीएसपी प्रमुख मायावती ने विधायक एन.महेश को फ्लोर टेस्ट में हिस्सा न लेने की वजह से पार्टी से निलंबित कर दिया. दरअसल विधायक को पार्टी ने कुमारास्वामी के पक्ष में वोट करने के निर्देश दिए थे.