पुणे (तेज समाचार डेस्क). वर्तमान में प्राइवेट के अलावा महाराष्ट्र में 1 हजार 700 सरकारी प्रशिक्षित नर्सेस हर साल तैयार होती है. राज्य में 50 हजार नर्सेस बेरोजगार है. फिर केरल के नर्स स्टॉफ की महाराष्ट्र को जरुरत क्यों? यह सवाल महाराष्ट्र गवर्नमेंट नर्सेस फेडरेशन ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लेटर द्वारा किया है.
वैद्यकीय शिक्षा संचालक डॉ. तात्याराव लहाने ने केरल के स्वास्थ्य मंत्री के. के. शैलजा को लेटर लिखकर 100 नर्सेस व 50 डॉक्टर की मांग की है. इस फैसले का फेडरेशन द्वारा निषेध व्यक्त किया गया है. महाराष्ट्र के लडकियों को ट्रेनिंग के लिए फस्ट प्रेफरेंस दे. बाहर के राज्य की लडकियों को नर्सिंग ट्रेनिंग के लिए 15 साल का अनुभव होने पर ही ले. यह आदेश शासन द्वारा 1968 में दिये थे. शासन द्वारा कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर नर्सेस की भर्ती के आदेश दिये थे. इसे अच्छा रिस्पांस मिला है. औरंगाबाद में 103 जगह के लिए 700 तथा मालेगांव के 102 जगह के लिए 2500 लोगों ने अपना आवेदन दिया है.
महाराष्ट्र में इतनी बडी संख्या में नर्सेस होने पर इनको सेवा करने का अवसर दे. उनका भी विकास होकर उन्हें रोजगार दें. ऐसा इस लेटर में फेडरेशन की अध्यक्षा डॉ. सुमन टिलेकर व महासचिव कमल वायकोले ने कहां है.