पुणे (तेज समाचार डेस्क)। महाराष्ट्र से अपने ग्रामगृह लौट रहे प्रवासी मजदूरों को मात्र स्थिति सामान्य होने के बाद वापस अपने काम-धंधे में लौटने की पूरी उम्मीद है। पुणे शहर से नौकरी गंवाने के बाद अपने गृह राज्यों को लौटे कई प्रवासी मजदूरों को उम्मीद है कि स्थिति सामान्य हो जाएगी और वे काम पर लौट पाएंगे। उनका कहना है कि चूंकि उनके पास फिलहाल कोई काम नहीं है और वे आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं, उनके पास अपने घरों को लौटने और बेहतर समय आने का इंतजार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।
– स्थिति सामान्य होने का इंतजार
उत्तर प्रदेश में गोरखपुर जा रही ट्रेन में सवार होने से पहले पुणे रेलवे स्टेशन पर 24 वर्षीय सराजुद्दीन शाह ने बताया कि वह यहां लक्ष्मी रोड पर एक दुकान में दर्जी का काम करते हैं और ग्राहक न मिलने की वजह से उन्होंने अपने मूल निवास स्थान पर लौटने का फैसला किया। यह पूछने पर कि क्या वह पुणे लौटना चाहेंगे, शाह ने कहा, “मैं क्यों नहीं लौटकर आऊंगा? मैं पिछले तीन साल से यहां दर्जी का काम कर रहा हूं। शहर ने मुझे रोजी रोटी दी है। एक बार स्थिति सामान्य हो जाए, मैं शहर लौट आऊंगा। शाह के अलावा कम से कम 10 अन्य दर्जी थे जो लक्ष्मी रोड पर अलग-अलग दुकानों में काम करते थे।
– परिवार की चिंता के कारण घर जाना मजबूरी है शाह की भांति इस समूह में शामिल अन्य दर्जी व अन्य प्रवासी भी उत्तर प्रदेश लौटने के लिए ट्रेन का इंतजार कर रहे थे। उनका कहना है कि अगर पुणे में अभी दुकानें खुल भी जाएं तो इस बात की बहुत कम संभावना है कि उन्हें जल्द ग्राहक मिल पाएंगे। एक अन्य दर्जी, मोहन प्रसाद (30) ने कहा कि वह अपने घर इसलिए लौट रहे हैं क्योंकि उनका परिवार वहां उन्हें लेकर चिंतित है और उनसे लौटने को कहा है। उन्होंने कहा, मैं पिछले पांच-छह साल से लक्ष्मी रोड पर दर्जी की दुकान में काम कर रहा था। लॉकडाउन के बाद, मुझे राशन किट मिल रहा था, लेकिन दिन पर दिन गुजारा मुश्किल होता जा रहा था। चूंकि बीमारी दिनोंदिन बढ़ रही है, मेरे घर वाले और पत्नी चिंतित हो रही थी और उन्होंने मुझे घर लौटने को कहा।
– करीब डेढ़ मजदूर गृहग्राम लौटे
हालांकि, प्रसाद ने यह भी कहा कि स्थिति सामान्य होने के बाद उसे पुणे लौटने पूरी उम्मीद हैं। मूल बिहार के रहने वाले रमैया यादव ने कहा कि, वह पुणे के शिवाजीनगर इलाके में रह रहे थे जो कोविड-19 से अत्यधिक प्रभावित है। बिहार जाने वाली ट्रेन की प्रतीक्षा करते हुए उन्होंने कहा, फिलहाल इस हालात में पुणे में रहना बहुत मुश्किल हो रहा था और लॉकडाउन के बीच किसी दूसरी जगह पर रहने जाना बहुत मुश्किल था इसलिए मैंने घर जाने का फैसला चुना, लेकिन मैं स्थिति सामान्य होने पर पुणे लौटकर आऊंगा। पुणे जिला प्रशासन ने अब तक डेढ़ लाख से भी ज्यादा प्रवासी मजदूरों को उनके ग्रामगृह भेजा गया है। इसके लिए पुणे से 118 विशेष श्रमिक ट्रेनें चलाई गई हैं।