इंदौर (तेज समाचार डेस्क). इंदौर विकास प्राधिकरण के प्लानिंग शाखा के उप अभियंता के 6 ठिकानों पर शनिवार सुबह लोकायुक्त की टीम ने एक साथ छापे मारे. लोकायुक्त की एक टीम गजानंद पाटीदार के योजना क्रमांक 78 स्थित निवास के साथ ही उनके बहन और भाई के घर पहुंची. एक टीम उनके खरगोन स्थित पैतृक निवास पर भी तलाशी लेने पहुंची. कार्रवाई में टीम को करोड़ों रुपए की संपत्ति मिली है. इसमें 35 लाख रुपए नकद और सवा किलो सोना शामिल है.
– छापे के समय मॉर्निग वॉक पर गया था अभियंता
अलग-अलग टीम एक साथ सभी ठिकानों पर दबिश देने पहुंची. स्कीम नंबर 78 स्थित निवास के बाहर पाटीदार पत्नी के साथ मॉर्निंग वाॅक कर रहे थे, टीम ने अपना परिचय दिया तो उनके हाथ-पांव फूल गए. लोकायुक्त पुलिस इंस्पेक्टर विजय चौधरी ने बताया कि सुबह जिस समय गजानंद पाटीदार के घर पर छापा मारा गया, उसी समय गजानंद पाटीदार के अन्य ठिकानों पर भी छापा मारा गया है. इनमें योजना स्कीम – 78 योजना, स्कीम -136, योजना स्कीम -114 तथा सुखलिया स्थित ठिकाने शामिल हैं. गजानंद पाटीदार के पास करोड़ों रुपए की संपदा होने के दस्तावेज मिले हैं.
– करोड़ों की संपत्ति के दस्तावेज मिले
टीम को छापे में करोड़ों रुपए की संपत्ति के दस्तावेज मिले हैं. इसमें स्कीम नंबर – 94 में एक मकान, खरगोन स्थित शेगांव में पैतृक निवास, 35 लाख नकद, सवा लाख का गोल्ड, स्कीम 78 में 2500 स्क्वेयर फीट पर मकान, एक खाली फ्लॉट और गार्डन, खेती की जमीन, दुकान.
– पांच साल पहले मिला था प्रमोशन
गजानंद पाटीदार पांच साल पहले ही प्रमोशन पर इंदौर विकास प्राधिकरण में सब इंजीनियर बने हैं. वर्तमान में उनका वेतन करीब 55 हजार रुपए महीना है. शुरू से ही वे प्राधिकरण की प्लानिंग शाखा में ही काम कर रहे हैं. प्राधिकरण द्वारा लाई जाने वाली किसी भी नई योजना का प्लान बनाने का काम शाखा के द्वारा किया जाता है.
– गजानंद का बड़ा भाई है बिल्डर
लोकायुक्त की एक टीम गजानंद के बड़े भाई और बिल्डर रमेश चंद्र पाटीदार के यहां भी पहुंची. टीम ने यहां पर दस्तावेज जांचे और उन्हें जब्त किया. बताया जाता है कि गजानंद नौकरी के साथ ही अपने भाई के कारोबार में भी भागीदार हैं. प्लालिंग शाखा में होने की वजह से इन्होंने जमीन और बिल्डिंग में बड़ी मात्रा में मोटी कमाई की है.