तारीख थी 8 दिसंबर 2006 । उस समय कांग्रेस की सरकार के रेल मंत्री लालू यादव की बेटी रागिनी यादव झारखंड राज्य के रांची के इंजीनियरिंग कॉलेज (बीआईटी मेसरा) में पढ़ती थीं। उन्हीं के साथ दिल्ली के अभिषेक मिश्रा भी पढ़ते थे। अभिषेक दिल्ली के राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल के चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ सुभाष मिश्रा का बेटा था। ऐसा कहा जाता है कि लालू यादव की बेटी रागिनी और अभिषेक मिश्रा दोनों एक-दूसरे के खास मित्र थे। यानी दोनों के बीच प्रेम संबंध थे। साथ ही यह दोनों वैवाहिक बंधन में बंधने का निर्णय भी ले चुके थे
तो हुआ यूं कि उस दिन रागिनी, अभिषेक मिश्रा और दो अन्य दोस्त पिकनिक मनाने रांची के निकट दशम फॉल पहुंचे। दशम फॉल में बहुत ही संदिग्ध परिस्थितियों में अभिषेक मिश्रा की डूबने से मृत्यु हो गई। सरकारी रेकॉर्ड में इसे दुर्घटना माना गया।किंतु बहुत से लोगों ने इसे दुर्घटना नहीं बल्कि हत्या होने का दावा किया।
इस केस में सबसे अजीब ये बात हुई थी की अभिषेक की मृत्यु का कारण डूबना बताया गया।यह बात पोस्टमार्टम के मात्र 15 मिनट बाद रिपोर्ट जारी करके घोषित कर दी गई। इसी टाइम फैक्टर पर सवाल उठे।
अभिषेक मिश्रा की मृत्यु प्राकृतिक नहीं है यह बात सबसे पहले अभिषेक मिश्रा के पिता सुभाष मिश्रा ने कही जो कि खुद ना केवल एक डॉक्टर थे बल्कि दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल के चीफ मेडिकल ऑफिसर (CMO)भी थे। डॉक्टर सुभाष मिश्रा ने स्थानीय प्रशासन के ऊपर प्रश्न उठाए कि आखिर उन्हें इतनी क्या जल्दी थी इस मृत्यु को एक दुर्घटना बताने के लिए कि उन्होंने 15 मिनट के अंदर ही घोषणा कर दी।
उस समय डॉक्टर सुभाष मिश्रा ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि “मेरे बेटे की मृत्यु दुर्घटना नहीं है । मेरे पास उसके पूरे सबूत हैं जिससे कि दोषियों को पकड़ा जा सकता है। मेरे पास उस दिन के फोटो और वीडियो फुटेज भी है। अभिषेक के चेहरे पर एक गहरे कटने का निशान है और उसके ऊपर का एक दांत टुटा हुआ है। उसके सिर की हड्डी पीछे से फ्रैक्चर है। ऐसी चोटें गिरने से नहीं आती। मैं एक प्रैक्टिशनर डॉक्टर होने नाते यह बात शपथ पूर्वक कहता हूं।”
डॉक्टर सुभाष मिश्रा ने इस घटना में CBI इंक्वायरी की मांग की। झारखंड भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा से मिले उन्हें घटना से अवगत कराया जिसके बाद अर्जुन मुंडा वह पहले राजनीतिक व्यक्ति थे जिन्होंने अभिषेक मिश्रा की मृत्यु की CBI जांच करवाने की मांग की।
अभिषेक मिश्रा के पिता ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश, झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायधीश और राष्ट्रीय मानव अधिकार कमीशन को पत्र लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप करने और उन्हें न्याय दिलाने की मांग भी की,। उन दिनों झारखंड के मुख्यमंत्री घोटालेबाज मधु कोड़ा थे जो कि यूपीए के मुख्यमंत्री थे और जिन्हें लालू की पार्टी आरजेडी का समर्थन प्राप्त था(जो आज हजारों करोड़ के घोटाले में जेल में हैं) । मधु कोड़ा ने सीबीआई जांच की मांग को सिरे से खारिज कर दिया था।
परिस्थिति यह थी कि केंद्र में कांग्रेस की सरकार । साथ ही उसी सरकार में लालू यादव रेल मंत्री । जिस राज्य में घटना हुई यानि झारखंड में कांग्रेस की यूपीए सरकार वह भी लालू यादव की पार्टी के समर्थन से बनी हुई। इसका परिणाम यह निकला कि इस मामले को दबा दिया गया और कोई भी जांच नहीं हुई।
सबसे विचित्र बात यह थी की घटना घटने के बाद जैसे ही स्थानीय प्रशासन को पता चला की रागिनी आरजेडी के प्रमुख लालू यादव की बेटी है वह और उसके साथ के दोनोंं लड़कों को सीधे मुख्यमंत्री निवास ले जाया गया, इसके बाद वह सभी गायब हो गए । कहते हैं इसके तुरन्त लालू की बेटी को हेलीकॉप्टर से पटना भेज दिया गया था। जाते जाते वो अभिषेक मिश्रा का लैपटॉप भी ले गयी थी। जिसमे कई अंदरूनी जानकारियां और फोटोग्राफ थे।
अभिषेक की बहन मीडिया के सामने रोकर चीखते हुए बोली थी “मेरे भाई का लैपटॉप वो ले जाने वाली रागिनी होती कौन है ? लैपटॉप लेकर उसकी की जांच हो तो सच्चाई सामने आएगी ?”
लेकिन वो जमाना लालू के जंगलराज का था। वैसे तो लालू यादव शुरुआत से ही घोटालों गुंडागर्दी और जंगलराज के लिए विख्यात रहे । कहते हैं जब वे बिहार के मुख्यमंत्री हुआ करते थे तब बिहार में अपहरण , फिरौती व हत्या एक उद्योग हुआ करता था। अपराध तो बिहार की दिनचर्या का एक भाग था । बहू बेटियों को उठाकर ले जाना , बलात्कार होना रोज की घटनाएं थी। लालू की पार्टी आरजेडी के गुंडों का खौफ इतना था कि शाम को 6:00 बजे के बाद बच्चियां लड़कियां महिलाएं घर से बाहर नहीं निकलती थी । साथ ही आवश्यकता ना हो तो पुरुष भी शाम के बाद घर से बाहर नहीं निकलते थे क्योंकि चोरी छिनैती और लूट सूरज ढलने के बाद रोज की बात थी।
यह था लालू यादव के काले कारनामों का एक और अध्याय, जिसमें एक निर्दोष मासूम लड़के को अपने प्राणों से हाथ धोना पड़ा।आज लालू यादव स्वंय गंभीर बीमारियों से जूझ रहे है। उनके बड़े पुत्र तेजप्रताप के अजीब व्यवहार के चलते पूरा परिवार संकट में है। सभी भाई बहन आपस मे जबरदस्त लड़ रहे हैं।
बिहार के लोगों को यह सच जानना होगा। समझना होगा।
सादर
सुधांशु