लॉकडाउन में मदद की बजाय राजनीतिक रोटियां सेंक रहे कुछ लोग
– विधायक फारुक शाह का पूर्व विधयक अनिल गोटे पर जवाबी हमला – मालेगांव को लेकर दो समुदायों में द्वेष फैलाने की साजिश
धुलिया (जुनैद काकर). हाल ही में पूर्व विधायक अनिल गोटे ने अपरोक्ष रूप से विधायक फारुक शाह पर धुलिया को ग्रीन जोन से रेड जोन में धकेलने का आरोप लगाया था. इस आरोप के प्रत्युत्तर में फारुख शाह ने अनिल गोटे पर जवाबी हमला करते हुए कहा कि जब यहां लोग भूखे मर रहे थे, लोगों को खाने के लिए अन्न नहीं था, तब पूर्व विधायक कहा थे. उन्होंने गोटे के सभी आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि कोरोना की महामारी में सभी लोगों को साथ मिलकर काम करना चाहिए. किसी प्रकार की राजनीति नहीं करनी चाहिए. शहर के कुछ लोग कोरोना बीमारी के इस नाजुक दौर में भी आरोप-प्रत्यारोप की घिनौनी राजनीति कर दो समुदायों में द्वेष फैलाने की साजिश कर रहे हैं.
– 122 टन खाद्य सामग्री घर-घर पहुंचाई
मोदी सरकार ने देश में जब कोरोना के प्रकोप से लॉकडाउन घोषणा किया था, उस वक्त आम आदमी को खाद्य सामग्री पहुंचा कर राहत पहुंचाने की आवश्यकता थी. उस समय स्वयं को कार्य सम्राट कहलाने वाले पूर्व विधायक अनिल गोटे कहा थे. शाह ने कहा कि मैंने और मेरे भाई ने जरूरतमंद लोगों को धुलिया शहर में बिना जाति धर्म का भेदभाव किए 122 टन खाद्य सामग्री घर घर पहुंचकर वितरण किया है. यह समय राजनीतिक करने का नहीं है. बल्कि नगर की जनता को राहत पहुंचाने का कार्य करने का है. शाह ने कहा कि किसी पर बेबुनियाद आरोप लगाना आसान है, लेकिन वास्तविकता से दो-चार होना अलग बात है. उन्होंने पूर्व विधायक को सलाह देते हुए कहा कि वे लॉकडाउन के दौर में राजनीति करने की बजाय, गरीब जनता को दो वक्त की रोटी कैसे मिले, इसके बारे में विचार करें, तो बेहतर होगा.
– मैं काम करता हूं, फिर बोलता हूं
विधायक फारूक शाह ने कहा कि मैं काम करता हूं, उसके बाद बोलता हूं. न कि लोगों पर आरोप लगाकर ओछी राजनीति की रोटियां सेकता हूं. शाह ने कहा कि कोरोना बीमारी ने धुलिया शहर व जिले में पैर पसारे भी नहीं थे. दो महीने पहले ही गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध सुविधाएं साधन सामग्री की समीक्षा की थी. जिला अस्पताल में कोरोना को लेकर लापरवाही बरती जा रही थी. नगर वासियों के लिए शहर स्थित जिला अस्पताल में तीन क्वारटाइन बनाए. कोराना परीक्षण की जांच तत्काल उपलब्ध कराने विडीआरएल प्रयोगशाला नागपुर के बाद धुलिया में मंत्री राजेश टोपे के सहयोग से आरंभ कराई, जिसका लाभ मालेगांव, नाशिक, जलगांव, नंदुरबार के कोरोना से ग्रस्त लोगों को मिल रहा है.
– बेबुनियाद आरोप लगाना बंद करें
मुंबई पुणे नाशिक मालेगांव से आने वाले लोगों की अवधान टोल नाके पर स्वास्थ्य जांच के बाद ही महत्वपूर्ण कार्य के चलते धुलिया में प्रवेश दिए जाने की मांग जिला अधिकारी से पहले ही कर चुके हैं. मैंने प्रशासन से स्पष्ट कहा था कि यदि प्रशासन ने धुलिया में प्रवेश करनेवालों पर ध्यान नहीं दिया, तो टोल नाके पर मैं खुद खड़े होकर बिना अनुमति के आने वालों को खदेड़ दूंगा. लेकिन कुछ लोग शहर का सामाजिक माहौल बिगाड़ने के लिए झूठे और बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं.