पुणे (तेज समाचार डेस्क). बेमौसम बारिश का नुकसान किसानों को हुआ. पर वर्तमान महाविकास आघाड़ी सरकार ने उनकी कोई मदद नहीं की. सातबारा कोरा करने के नाम पर सरकार बनानेवाली महाविकास आघाड़ी ने फसल कर्जमाफी देकर किसानों को फंसाया है. उक्त आरोप भाजपा नेता व विरोधी दल के नेता देवेंद्र फडणवीस ने लगाया.
पुणे श्रमिक पत्रकार संघ से वार्तालाप में फडणवीस ने बताया कि राज्य सरकार ने शीतकालीन अधिवेशन की परंपरा को नहीं निभाया. केवल औपचारिकता भर निभाई. इस अधिवेशन में उठाए गए प्रश्नों के उत्तर देने के लिए मंत्री भी उपस्थित नहीं थे. पूरक मांगों का उत्तर मंत्रियों ने केवल दो से तीन मिनट में देते बने. उन्होंने कहा कि लगभग सोलह हजार करोड़ रुपए की मांगें मंजूर की गई.
फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किसानों के लिए दो लाख रुपए तक की कर्जमाफी यानी उनके साथ धोखा है. बेमौसम बारिश के कारण नुकसान हुए किसानों को प्रति हेक्टेयर २५ हजार रुपये नुकसान भरपाई देने की मांग करनेवालों ने अब उनके साथ नाइंसाफी की है. राज्य में जब राष्ट्रपति शासन लगा था तब राज्यपाल ने जो मदद किसानों को दिए थे, वहीं भर मिले हैं. मौजूदा सरकार की ओर से अभी कुछ नहीं मिला है. इस सरकार ने किसानों के साथ विश्वासघात करने की शुरूआत की है. राज्य में ९४ लाख हेक्टेयर खेतों का नुकवान बेमौसम बारिश में हुआ. इन किसानों की संख्या ७० से ८० लाख के आसपास है.
नागरिकता कानून को लेकर भड़काया जा रहा-
संसद से पास नागरिकता कानून पर फडणवीस ने कहा कि लोगों को भड़काया जा रहा है. इस कानून के जरिए किसी की नागरिता नहीं छीनी जाएगी. बल्कि तीन देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश व अफगानिस्तान के सताए हुए अल्पसंख्यकों को नागरीकता दी जाएगी.
पुलिस का मनोबल गिरेगा-
राकां सुप्रीमो शरद पवार द्वारा एल्गार परिषद मामले की एसआयटी से से जांच कराने की मांग को फडणवीस ने उचित नहीं ठहराया. उन्होंने कहा कि जब केंद्र में मनमोहन सिंह की यूपीए की सरकार थी, तब माओवादियों से संबंधित लोगों के नाम जारी किए गए थे. तब राज्य में राष्ट्रवादी कांग्रेस के गृहमंत्री के कार्यकाल में उन्हें गिरफ्तार किया गया था. हमारे समय भी ऐसे ही लोगों को एल्गार परिषद मामले में गिरफ्तार किया गया. पवार की मांग से पुलिस का मनोबल गिरेगा.
नाराज नेताओं की नाराजगी दूर की जाएगी-
पार्टी में कुछ नेताओं की नाराजगी के बारे में फडणवीस ने कहा कि उनकी नाराजगी दूर करने का प्रयत्न किया जाएगा. उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के समय पंकजा मुंडे, एकनाथ खडसे जेसे नेताओं का नाम उम्मीदवार के तौर परराज्य संसदीय समिति को दी गई थी. पर केंद्रीय संसदीय समिति ने कुछ नाम निकाल दिए.