MAMCJ स्नातकोत्तर मे एमीअबीगेल ने अर्जीत किया पहला स्थान : कहा सकारात्मक पत्रकारीता पर रहेगा फ़ोकस
जलगांव (नरेंद्र इंगले):कवयित्री बहिनाबाई उत्तर महाराष्ट्र विश्वविद्यालय के जनसंवाद तथा पत्रकारीता विभाग के मास्टर आफ़ आर्ट MCJ के अंतिम वर्ष के परिणाम घोषित हो चुके है ! इस विभाग का सौ फीसद नतीजा आया जिसमे सभी छात्र सफ़ल रहे है ! परिणाम मे पहला स्थान अर्जीत किया है एमीअबीगेल चौधरी ने ! कवीता ठाकरे ने दुसरा और मिनल खैरनार ने तिसरा स्थान हासिल किया है ! कुल 5 छात्र गुणवत्ता सुची मे टापर रहे जिनमे उक्त तीन लडकिया है ! वहि अन्य 8 छात्र प्रथम श्रेणी मे पास हुए है ! पहला स्थान प्राप्त करने वाली एमीअबीगेल ने अपनी सफ़लता पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते कहा कि वह अपने करीयर मे पत्रकारीता धर्म को उस सकारात्मक तरीके से निभाने का प्रयास करेगी जिसका आज अभाव है ! वहि उदारीकरण के इस दौर मे लोकतांत्रीक मुल्यो के साथ माध्यमो के बोलने कि आजादी कि गरीमा को भी नयी ऊँचायियो तक स्थापीत करने कि आवश्यकता पर जोर दिया जाना चाहिए ऐसा उन्होने कहा ! एमीअबीगेल के पिता श्री संजय चौधरी जो बायबल कालेज बोदवड के प्रिन्सीपल है उन्होने अपनी बेटी कि इस सफ़लता कि जानकारी को सोशल मिडीया के जरीये संवाददाता से साझा किया है ! एमीअबीगेल कि माताजी श्रीमती जिरोनी चौधरी इसी बायबल कालेज मे व्याख्याता है ! पत्रकारीता तथा जनसंवाद विभाग मे सफ़ल छात्रो कि ओर से कुलगुरु श्री पी पी पाटील , प्रभारी पी पी माहुलीकर , प्रो डा तुकाराम दौड , प्रो डा सुधीर भटकर , प्रो डा विनोद नीतडे , प्रो डा सोमनाथ वडनेरे समेत संबंधितो के प्रती आभार व्यक्त किए गए है ! विदीत हो कि आज बीते एक दशक मे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ कहे जाने वाली पत्रकारीता जगत को लेकर जहा कयी सवाल सिधे जनता से उस सोशल मिडीया के जरीये उठने लगे है जिसे न्यायिक मानको पर भले हि अनाधिकारीक संस्था माना जा चुका हो ! वहि ऐसी स्थिती मे मिडीया के आधिकारीक संस्थानो से अपना पाठयक्रम पुरा कर करीयर कि शुरुवात करने से पहले मिडीया को लेकर उमडते कथित संदीग्ध सवालो के प्रती अपनी जवाबदेहि को सुनिश्चित करने कि मेधावीयो कि इस भुमिका का जरुर स्वागत किया जाना चाहिए ! अल्पसंख्यांक समुदाय से आने वाली टापर एमीअबीगेल चौधरी कि पत्रकारीता को लेकर अभिव्यक्त शाश्वत भुमिका सराहनीय है साथ हि पत्रकारीता मे अपना करीयर करने कि मंशा रखने वाले उन तमाम युवाओ के लिए एक ऐसा आदर्श भी है जिसे अगर सोच मे ढाला गया तो शायद पत्रकारीता को नया जनआश्वासक आयाम प्रदान किया जा सकेगा !