पुणे (तेज समाचार डेस्क). लॉकडाउन के इस दौर में अनेक लोग ऐसे हैं, जो घर में बैठे बोर हो रहे हैं, तो कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो इस समय का सदुपयोग कर रहे हैं. हिन्दी हमारे देश की सिर्फ राष्ट्रभाषा ही नहीं है, बल्कि पूरे देश में संवाद की यह प्रमुख भाषा भी है. हमारी इसी राष्ट्रभाषा हिन्दी का प्रचार-प्रसार करने का काम साहित्यकार और कवियित्री डॉ. ममता जैन लगातार करती रहती है. इसके लिए वे वर्ष भर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन भी करती रहती हैं. लॉकडाउन के समय का सदुपयोग करते हुए डॉ. ममता जैन ने शाहगढ़ के साथ डॉ. आशीष जैन के साथ मिल कर ऑनलाइन शिविर का आयोजन किया.
– प्रथम चरण को मिला अच्छा प्रतिसाद
इस शिविर के प्रथम चरण में भाषा का परिचय एवं व्याकरण सिखाया गया. इस प्रथम चरण में करीब 1082 लोगों ने ऑनलाइन जुड़ कर शिविर का लाभ उठाया. 10 दिवसीय इस शिविर के अंत में एक परीक्षा भी ली गई. 200 अंकों की इस परीक्षा में 50 प्रतिशत प्रतिभागियों ने 186 अंक प्राप्त कर प्रथम स्थान हासिल किया.
– दि्वतीय चरण शुरू
इस ‘प्राकृत मिशन’ का 10 दिवसीय द्वितीय चरण की शुरुआत 7 मई से की गई है, जो आगामी 17 मई तक जारी रहेगा. डॉ. ममता जैन और डॉ. आशीष जैन ने आशा व्यक्त की है कि इस एक साल में एक लाख से अधिक देशी-विदेशी प्राकृत के जानकार हो जाएंगे. इस शिविर में पुणे के अलावा दिल्ली, सागर के अलावा देश के विभिन्न शहरों के भाषा प्रेमी लगातार जुड़ रहे हैं. इस शिविर की विशेषता यह है कि इस शिविर में करीब 30 विदेशी भी साहित्य प्रेमियो ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है.
– प्रधानमंत्री ने जगाई हिन्दी की अलख
हिन्दी के प्रचार-प्रसार में डॉ. ममता जैन का इस प्रकार का योगदान वाकई प्रशंसनीय है. हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी पिछले सात सालों से विदेशों में जा कर हिन्दी में भाषण कर लोगों के मन में हिन्दी जो अलख जगाई है, उसे सतत प्रज्ज्वलित रखने का उल्लेखनीय कार्य इन दिनों डॉ. ममता जैन कर रही है.