मंदसौर (तेज समाचार डेस्क). मंदसौर का पशुपतिनाथ मंदिर इन दिनों विशेष आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है. यहां बिना छूए ही घंटियां बज रही है. यह कोई दैविक चमत्कार नहीं है, बल्कि यहां के एक समाजसेवी नाहरू खान का तकनीकी दिमाग है. नाहरू खान ने मंदिर की घंटी में एक ऐसा सेंसर लगाया है, जहां घंटी बजाने की मंशा से जब आप अपना हाथ या चेहरा सामने लाते हो, तो मंदिर की घंटी अपने आप बजने लगती है. यह सोलर सिस्टम पर आधारित तकनीक है.
– 8 जून से खोले गए हैं देश भर के मंदिर
अनलॉक-1 में देशभर के मंदिर 8 जून से खोल दिए गए हैं, लेकिन संक्रमण न फैले इसलिए घंटी बजाने पर रोक लगाई है. मंदसौर के समाजसेवी नाहरू खान के मन में दर्द उठा कि मस्जिदाें से अजान सुनाई देने लगी, लेकिन मंदिर में घंटी की आवाज नहीं गूंज रही है. इस पर नाहरू ने सेंसर से घंटी बजाने पर काम शुरू किया. 3 दिन की मेहनत के बाद पशुपतिनाथ मंदिर में ऐसा सेंसर लगाया, जिसके नीचे हाथ और चेहरा दिखाने पर घंटी अपने आप बजने लगती है.
– देश का पहला मंदिर बना
मध्य प्रदेश के मंदसाैर स्थित पशुपतिनाथ मंदिर संभवत: देश का पहला ऐसा मंदिर है जहां सेंसर से घंटियां बज रही हैं. 8 जून से शुक्रवार शाम तक 3824 भक्तों ने मंदिर पहुंच कर भगवान के दर्शन किए. यहां हर भक्त की प्रवेश से पहले एंट्री की जा रही है.हाथ लगाने की जरूरत नहींएक राॅड के बीच में रोलर और नीचे की तरफ सेंसर लगा है. नीचे हाथ या चेहरा दिखाने पर यह राॅड के अंदर लगे रोलर को घुमाना शुरू करता है. घंटी रोलर से बांध दी है. सेंसर रोलर रस्सी खींचता और छोड़ता है. इससे बिना हाथ लगे घंटी बजती है.
– मस्जिदाें में अजान तो मंदिर में घंटी क्यों नहीं
शहर के समाजसेवी नाहरू खान का कहना है कि मस्जिदाें से अजान की आवाज आने लगी, लेकिन मंदिरों से घंटी नहीं सुनाई दे रही थी. जब मशीनों वाले ढाेल-नगाड़े बन सकते हैं तो सेंसर वाली घंटी भी बनाई जा सकती है. यहीं सोच कर मैंने थोड़ा दिमाग लगाया और पशुपतिनाथ की कृपा से आइडिया सफल हो गया.