मल्हारगढ़ (तेज समाचार डेस्क). देश के राजनीतिक हालात इस कदर दूषित हो चुके हैं कि, विपक्ष फिर चाहे वह कोई भी हो, सत्ताधारियों को घेरने का कोई मुद्दा नहीं छोड़ा जाता। घटना या मुद्दा कोई मायने नहीं रखता। घटना की संवेदनशीलता कोई मायने नहीं रखती। विपक्ष सिर्फ उस मुद्दे को राजनीतिक रंग देकर अपना उल्लू सीधा करना चाहते हैं। अब मंदसौर जिले के मल्हारगढ़ क्षेत्र में जहरीली शराब से हुई मौतों पर सियासी रंग चलने लगा है। कांग्रेस ने इस मामले में बनाए गए जांच दल को लेकर आबकारी मंत्री जगदीश देवड़ा को ही निशाने पर ले लिया है.
मंदसौर जिले के मल्हारगढ़ विधानसभा क्षेत्र में खकराई गांव में शनिवार की रात कुछ लोगों ने जहरीली शराब पी थी जिनमें से तीन लोगों की मौत शनिवार और रविवार को हो गई. इसके बाद तीन और लोगों ने दम तोड़ दिया यानी मौतों का आंकड़ा 6 पर पहुंच गया. यह विधानसभा क्षेत्र लंबे समय से भाजपा विधायक जगदीश देवड़ा का है, जो प्रदेश के आबकारी मंत्री भी हैं. हालांकि खुद देवड़ा ने इस मामले में कठोर कानूनी कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट के माध्यम से सरकार को आड़े हाथों ले लिया.
उन्होंने लिखा कि “शिवराज सरकार में प्रदेश के उज्जैन, मुरैना, भिंड, ग्वालियर के बाद अब मंदसौर जिले के कई गांव में जहरीली शराब से 6 लोगों की मौत और कुछ लोगों की गंभीर हालत की खबर सामने आई है. प्रदेश के आबकारी मंत्री के क्षेत्र की यही स्थिति है.”
मंगलवार को कैबिनेट बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने खुद पूरे मामले को संभाला और जहरीली शराब बेचने वालों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए. उन्होंने इस पूरे मामले की जांच के लिए गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश राजौरा के साथ दो अन्य आईपीएस अधिकारियों जीपी सिंह और एम एस सिकरवार सहित तीन सदस्यीय जांच दल इस मामले की जांच के लिए बना दिया.
कांग्रेस के प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने इस जांच दल को लेकर आबकारी मंत्री जगदीश देवड़ा की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि जहरीली शराब का मामला सीधे-सीधे आबकारी विभाग का मामला है लेकिन जांच दल में सिर्फ पुलिस विभाग के अधिकारियों को शामिल करने से यह साफ होता है कि सरकार में अब आबकारी मंत्री की स्थिति क्या है.
प्रदेश के मंदसौर के आबकारी मंत्री के क्षेत्र में ज़हरीली शराब कांड पर शिवराज सरकर की 3 सदस्यीय जाँच समिति में गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के साथ दो अन्य आईपीएस ?आबकारी मंत्री के क्षेत्र में शराब कांड में आबकारी विभाग का एक भी सदस्य जाँच में शामिल नही, मतलब समझा जा सकता है ?