आखिरकार मनमाड़-इंदौर रेल लाइन का सिग्लन हुआ ग्रीन
धुलिया (तेज समाचार डेस्क). पिछले करीब 50 वर्षों से लंबित और उत्तर महाराष्ट्र निवासियों की बहू प्रतीक्षित मनमाड- इंदौर रेल लाइन का सिग्लन आखिरकार ग्रीन हो ही गया. रेल मंत्रालय ने रेल लाई को बिछाए जाने की प्रक्रिया प्रत्यक्ष रूप में आरंभ कर दी है. केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष भामरे के तीन सालों के अथक प्रयासों से 50 साल से लंबित रेल मार्ग की टेंडर प्रक्रिया अपनाई गई है. सितंबर महीने में निविदा रेल मंत्रालय द्वारा सार्वजनिक की जाएगी.
– मैंने सिर्फ अपना वादा निभाया है : डॉ. भामरे
डॉ. भामरे ने कहा कि निर्वाचन क्षेत्र की जनता से किया हुआ वादा पूरा किया है. खानदेश की बहुप्रतीक्षित मनमाड-इंदौर रेलमार्ग की निविदा रेल मंत्रालय द्वारा प्रकाशित की गई है. नवंबर माह के बाद भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी शुरू किए और मनमाड-इंदौर का कार्य प्रत्यक्ष रूप में आरंभ होने की जानकारी मंत्री भामरे ने दी.
– नितीन गडकरी हैं श्रेय के हकदार
इस रेल मार्ग का श्रेय केंद्रीय जहाज तथा परिवहन मंत्री नितीन गडकरी को जाता है, जिनके सहयोग के कारण मनमाड- इंदौर रेल परियोजना का प्रथम चरण का कार्य शुरू किया गया है. केंद्रीय मंत्री भामरे ने बताया कि उनके सांसद तथा मंत्री बनने के बाद तीन साल के निरंतर प्रयासों से रेल मार्ग का डीपीआर तैयार किया गया और उसमें 8 हजार 857 करोड़ रुपए से 5 हजार 875 करोड़ का बनाया गया है जो एक उपलब्धि है कि रेल परियोजना के बढ़े हुए खर्च को कम किया गया. इंदौर- मनमाड रेल परियोजना की मंजूरी के सिलसिले में जानकारी देते हुए केंद्रीय सुरक्षा राज्यमंत्री सुभाष भामरे ने बताया कि इस रेल परियोजना से मध्यप्रदेश के तीन और महाराष्ट्र के चार जिलों को जोड़ने वाली इंदौर (महू)- मनमाड रेल परियोजना का अगले तीन महीनों के भीतर सरकारी भूमि अधिग्रहण कर उस पर प्रत्यक्ष रूप से रेलवे लाइन का कार्य आरंभ किया जाएगा.
– रेलमार्ग का डीपीआर बनाने के आदेश
यह परियोजना औद्योगिक विकास की दृष्टि से पिछड़े व रेल विहीन इलाकों में काफी बदलाव ला सकती है. पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में भी यह प्रोजेक्ट काफी बदलाव लाएगा. इस क्षेत्र से हर साल चालीस हजार से भी ज्यादा कंटेनर मुंबई भेजे जाते हैं. पहले कंटेनर रतलाम जाते हैं, फिर वे मालगाड़ी में लोड होते हैं. पीथमपुर से मुंबई स्थित जवाहरलाल नेहरू पोर्ट तक 850 किलोमीटर की दूर तय करना होती है. इस रेल लाइन के बिछ जाने से मुंबई की पीथमपुर से दूरी घटकर 625 किलोमीटर हो जाएगी. इस प्रोजेक्ट के कारण धुलिया में दिल्ली कॉरिडोर मालेगांव में ड्राई पोर्ट से इंडस्ट्रीयल सेक्टर को फायदा मिलना तय है. इससे परिवहन लागत कम होगी और समय भी काफी बचेगा, जिसका महत्व केंद्रीय शिपिंग मंत्री नितिन गडकरी को बताया. इस पर संज्ञान लेते हुए 14 नवंबर को रेल परियोजना के सिलसिले में एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाकर शिपिंग मंत्रालय में किया गया था. इसमें नए रेलमार्ग का डीपीआर तैयार करने के आदेश दिए गए.
– प्रथम चरण में धुनिया-नरडाणा रेल परियोजना
केंद्रीय सुरक्षा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष भामरे ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ट्रांसपोर्ट तथा शिपिंग मंत्री नितिन गडकरी, पूर्व रेल मंत्री सुरेश प्रभु, रेल मंत्री पीयूष गोयल, मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के विशेष योगदान से इंदौर-धुलिया- मनमाड रेल परिजनों का प्रत्यक्ष रूप में साकार किया जा रहा है. मनमाड- इंदौर रेल परियोजना के प्रथम चरण में धुलिया नरडाना के बीच रेल परियोजना का कार्य शुरू होगा, जिसमें पांझरा नदी पर एक बड़ा रेल ब्रिज का निर्माण किया जाएगा इस तरह से नरडाना तक चार पुलों का कार्य होगा, जिसका टेंडर प्रक्रिया अगस्त माह के प्रथम सप्ताह में शुरू होने वाली थी, लेकिन मंत्री भामरे के प्रयासों से यह टेंडर प्रक्रिया 31 जुलाई को ही पूरी कर दी गई है. केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री भामरे ने कहा कि इस रेल मार्ग से जिले में विकास की गंगा बहेंगी और युवाओं को रोजगार के नए अवसर उपलब्ध होंगे.
– लोगों में खुशी की लहर
मनमाड- धुलिया- इंदौर रेल मार्ग के प्रथम चरण के मार्ग की निविदा रेल मंत्रालय द्वारा प्रकाशित किए जाने की सूचना केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष भामरे ने मीडिया को बताने के बाद शहर में खुशी की लहर दौड़ पड़ी. नगर में एक दूसरे को मिठाई खिलाकर शहर में आतिशबाजी की और एक- दूसरे को इस अवसर पर बधाई दी.