पुणे (तेज समाचार डेस्क). कोरोना की पृष्ठभूमि पर जिले में कड़ाई से लाॅक डाउन पर अमल किया जा रहा है. इसका नतीजा है कि, शहर समेत जिले में दूध के दामों में कमी आई है. साथ ही पैकिंग दूध की मांग में भी 50 प्रतिशत तक गिरावट देखी गई है. इस स्थिति में दूध उत्पादक और विक्रेता परेशानी महसूस कर रहे है.
ज्ञात हों कि, कोरोना वाइरस का संक्रमण बढ़ने का खतरा देखते हुए केंद्र और राज्य सरकार की ओर से लाॅकडाउन की घोषणा की गई है. इस दौरान सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठान, कंपनियों के कार्यालयत बंद है. ज्यादातर लोगों को वर्क फ्राॅम होम दिया गया है. व्यापार में काफी कमी आई है. इसका सीधा असर दूध बिक्री पर भी हुआ है. राज्य में प्रतिदिन 1 करोड़ 80 लाख लीटर पैकेट के दूध की बिक्री होती है. बाकी दूध का पाउडर बनाने के लिए इस्तेमाल होता है. लाॅक डाउन के चलते इस समय औसतन 50 लाख लीटर दूध की ही बिक्री हो रही है. हालांकि, अतिरिक्त दूध को पाउडर बनाने की ओर मोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. लेकिन इस समय बेकरी, स्वीट मार्ट, आईस्क्रिम के दुकान बंद होने के कारण दूध पाउडर की मांग में काफी कमी आई है.
पूरे राज्य के दूध संस्थाओं की ओर से पिछले सप्ताह भर से केवल एक या दो बार दूध संकलन केंद्र बंद रखना शुरू किया है. इससे दूध उत्पादक किसानों की चिंता और भी बढ़ गई है. इस स्थिति का फायदा उठाकर कुछ निजी दूध संस्था दूध के दाम कम करने का प्रयास कर रहे है. जिससे दूध के दामों में 7 से 8 रुपयों की कमी आई है. इस समय खेती से कोई आय ना होने तथा दूध के व्यवसाय में घाटा होने के चलते किसान काफी परेशानी में दिखाई दे रहे है.