पुणे (तेज समाचार डेस्क)। नियमानुसार न्यूनतम वेतन न देते हुए सफाई कर्मचारियों का पूरा वेतन न देनेवाली पिंपरी चिंचवड मनपा की ठेकेदार कंपनी के निदेशक सहित 15 लोगों के खिलाफ पिंपरी पुलिस ने मामला दर्ज किया है। उनमें से सात लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है हालांकि अन्यों की गिरफ्तारी और मामले की छानबीन अभी जारी है। इस बारे में मनपा के श्रम अधिकारी प्रमोद श्रीरंग जगताप ने शिकायत दर्ज कराई है। यह पूरा मामला 16 दिसंबर 2017 से 24 जुलै 2019 के बीच का है।
इन पर दर्ज हुआ मामला
मामला दर्ज किए गए आरोपियों में कंपनी के निदेशक हायगरीब एच गुरु (60), सहनिदेशक मीनाक्षी एच गुरु (36, दोनों निवासी भाईंदर, ठाणे), अकाउंट फायनान्स चंदन जलधर मोहंती (वय 36), मार्केटिंग रिक्रूटमेंट ऑफिसर प्रमोद उर्फ प्रमोद कुमार प्रफुल बेहुरा (39), मार्केटिंग व फिल्ड ऑफिसर कार्तिक सूर्यमनी तराई (51, तीनों निवासी चिंचवड, पुणे), मार्केटिंग व फिल्ड ऑफिसर पवन संभाजी पवार (29, निवासी तलवडे, पुणे), सुपरवाइजर बापू पांढरे (35, निवासी रहाटणी, पुणे), नितीन गुंडोपण माडलगी (46, निवासी चिंचवड), विश्वनाथ विष्णू बराल (40, निवासी चिंचवड), अक्षय चंद्रकांत देवले (26), स्वप्नील गजानन काले (32), नंदू ढोबले (35), चंदा अशोक मगर (40), धनाजी खाडे (40, सभी निवासी निगडी, पुणे), ज्ञानेश्वर म्हाम्बरे (40, निवासी चिखली) का समावेश है।
मनपा के साथ करार की शर्तों का भी उल्लंघन
पिंपरी पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, उपरोक्त आरोपियों ने पिंपरी-चिंचवड़ मनपा के साथ हुए करार की शर्तों का पालन नहीं किया। न्यूनतम मजदूरी अधिनियम और अन्य अनुषंगी कानूनों के अनुसार सफाईकर्मियों को काम की पूरी राशि न देकर उन्हें और मनपा को धोखा दिया गया। उन्होंने अपने और कंपनी के फायदे के लिए सफाईकर्मियों का विश्वास भी हासिल किया और उनके बैंक फॉर्म पर हस्ताक्षर और अंगूठे के निशान लिए। सफाईकर्मियों के बैंक खाते खुलवाए गए और कुछ बैंक के एटीएम कार्ड और श्रमिकों द्वारा प्राप्त दस्तावेजों को धमकी देकर जबरन अपने कब्जे में ले लिया। कुछ कर्मचारियों ने न्यूनतम वेतन 13,000 रुपये की मांग की तो उन्हें नौकरी से निकालने की धमकी दी। आरोपियों के पास बैंक के एटीएम और मजदूरों के दस्तावेज होने का फायदा उठाकर अब तक हर कर्मचारी से हर महीने चार हजार रुपये की फिरौती ली जा चुकी है। अकुशल श्रमिकों के खिलाफ न्यूनतम मजदूरी का भुगतान किए बिना उन्हें थोड़ी सी नकद राशि देकर उनके साथ विश्वासघात करने का मामला दर्ज किया गया है।