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(विक्रांत राय): #1 काला रंग अच्छी और बुरी दोनों भावनाओं को अभिव्यक्त करता है, काला रंग सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रवृत्तियों को दर्शाता है. जब यह अच्छी भावना को अभिव्यक्त करता है और सकारात्मक प्रवृत्ति को दर्शाता है, तब हम इसे श्याम रंग से संबोधित करते है, लेकिन जब बुरी भावना और नकारात्मक प्रवृत्ति की अभिव्यक्ति होती है, तब हम इसे काला रंग से ही संबोधित करते है. जैसे आसमान पर जब बादल काले होते है, तब हम इन्हें घन:श्याम कहते है. जब किसी व्यक्ति के काले रंग की बात करते है तब इसे सावला या श्याम वर्ण कहते है.
काला रंग भले ही नकारात्मक या बुराई का प्रतीक हो, लेकिन यह भी सच है कि काला रंग ही व्यक्ति को सबसे अधिक सुकून देता है. क्योंकि अंधेरे भी काला ही होता है और सुकून भरी नींद के लिए अंधेरा नितांत आवश्यक होता है. इसीलिए विधाता ने रात बनाई है. काजल भी काला ही होता है, जो हमारे आंखों को स्वास्थ्य देता है.
श्याम वर्ण या सावले रंग के व्यक्ति की बात की जाए, तो ऐसे व्यक्ति वर्ण से भले ही काले हो, लेकिन अधिकांश अवसरों पर देखा जाता है कि सावले या श्यामवर्ण के व्यक्ति दिल के बड़े ही साफ होते है. इसीलिए अनेक महिलाओं को भी श्याम वर्ण वाले व्यक्ति अपने जोड़ीदार के रूप में पसंद होते है. समाज में हमें अनेक दंपतियां ऐसी दिखाई दे देती है, जहां पुरुष या स्त्री श्याम वर्ण की होती है और उनका दाम्पत्य जीवन भी काफी सुन्दर होता है.
– कुछ लोग दिल के भी काले होते है
इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इस तस्वीर से कुछ-कुछ ऐसा ही प्रतीत होता है कि कुछ लोगों का वर्ण और दिल से भी काले ही होते है. इन लोगों की नजर सदैव आपकी तरक्की पर ही होती है. इन नजर सदैव ही आपकी जासूसी करती रहती है. कहते है कि जलनेवाले दिल के भी काले ही होते है. ऐसी प्रवृत्तिवाले लाेगों के लिए एक शब्द और भी कहा गया है, ‘कपटी.’ इनके मन में दूसरों के प्रति इतना कपट होता है कि ये पहले तो दूसरों की तरक्की नहीं देख सकते, दूसरा ये उस व्यक्ति को परेशान करने के नित नए तरीके खोजते रहते है. इन्हें दूसरों की जिन्दगी में झांकने का भी अच्छा-खासा शौक होता है.
लेकिन अनेक मामलों में देखा गया है कि कुछ लोग रंग और दिल दोनों से ही काले होते है. जितना इनका वर्ण काला उससे अधिक इनका मन या दिल काला होता है. इसे हम कलुषित मन भी कह सकते है. ऐसे व्यक्तियों की सबसे बड़ी खासियत यह होती है कि ये लोग ऊपरी मन से स्वयं को भला दिखाने की कोशिश करते है, लेकिन ऐसे व्यक्तियों को कभी भी दूसरे की प्रगती भाती नहीं है. यह कभी भी दूसरों की प्रगती नहीं देख सकते. दूसरों का भला होता हुआ देख कर उन्हें काफी मानसिक परेशानी होती है.
अमूमन ऐसे व्यक्ति किसी कंपनी में जब मैनेजर या एचआर जैसे पदों पर कार्यरत होते है, तो ये लोग काफी घातक प्रवृत्ती के साबित होते है. क्योंकि ये अपने ऊपरी स्वभाव से अपने मालिकों या वरिष्ठों के सामने तो स्वयं को काफी ईमानदार और कर्त्तव्यनिष्ठ दिखाने का प्रयास करते है, लेकिन वास्तव में ये वैसे होते नहीं है. क्योंकि इनका स्वभाव अपने कनिष्ठों के साथ काफी अमानवीय होता है. ये लोग कभी भी अपने कनिष्ठों को ऊपर आता हुआ नहीं देख सकते. अपने कनिष्ठों की किसी के भी द्वारा की गई प्रशंसा से ये काफी आहत होते है. ऐसे में ये अपने कनिष्ठों को अक्सर प्रताड़ित करते रहते है.ऐसे लोगों को चाटूकारिता प्रिय होते है. इसलिए जो कनिष्ठ इनकी झूठी प्रशंसा करते है और इनकी चाटूकारिता करते है, ये उस कनिष्ठ को सिर्फ दिखावे के लिए उसका सहयोग करते है. लेकिन यदि इनका चाटूकार कनिष्ठ भी यदि कभी आगे बढ़ने का प्रयास करे, तो ये तुरंत ही उसकी राह का रोडा बन जाते है.
इसका परिणाम यह होता है कि अनेक कनिष्ठ लोग या तो इनसे विवाद कर सभी की नजरों में बुरे बन जाते है या फिर कुंठित और परेशान हो कर ऐसे कालेदिल वाले वरिष्ठों की प्रताड़ना को सहते हुए काम करते रहते है. अनेक मामलों में कनिष्ठ लोग ऐसे कालेदिल वाले वरिष्ठों की प्रताड़ना से परेशान हो कर काम ही छोड़ देते है. काले वर्ण और कालेदिलवाले लोगों से न सिर्फ उनके कार्य स्थल के लोग परेशान होते है, बल्कि उनका यह स्वभाव उनके परिवार के लिए भी घातक होता है. ये अपने स्वभाके मारे होते है. इसलिए इनका परिवार भी इनके स्वभाव से परेशान होता है. ऐसे व्यक्तियों के इस प्रकार के स्वभाव के पीछे इनका डर और ग्लानीभाव होता है. परिवार की बात करें, विशेष रूप से विवाहित व्यक्ति की, तो इन्हें यह बात खलती रहती है कि मैं तो रंग से काला हूं, कहीं मेरी पत्नी को मेरा काला रंग पसंद तो नहीं है? कहीं मेरे काले रंग की वजह से वह मुझे छोड़ तो नहीं देगी? कहीं उसे मेरा रंग पसंद न होने के कारण व किसी और को तो पसंद नहीं करती होगी? इस प्रकार की अनेक आशंकाएं उनके मन में सदैव कौंधती रहती है. इन आशंकाओं का असर उनके स्वभाव पर होता है और सदैव ग्लानी में डूबे रहते है और असुरक्षित महसूस करते है. कार्यस्थल पर ऐसे काले स्वभाव वाले व्यक्ति इसलिए स्वयं को असुरक्षित महसूस करते है, क्योंकि अनेक बाद देखा गया है कि उन्हें इस बात का शत-प्रतिशत एहसास होता है कि वे जिस पद पर कार्यरत है, वे उसके शत-प्रतिशत योग्य नहीं है. इसलिए उन्हें सदैव ही यह डर सताता रहता है कि यदि उनके वरिष्ठों को या मालिकों को यह बात पता चल जाए कि वे इस पद के लिए शत-प्रतिशत योग्य नहीं है, तो उनकी नौकरी जा सकती है. इसलिए वे सदैव यह प्रयास करते है कि उनके ज्यादा योग्य व्यक्ति कभी भी उनके वरिष्ठों तक या मालिकों तक न पहुंच पाए. अपनी इसी अयोग्यता के कारण वे अपने कनिष्ठों को भी प्रताड़ित करते रहते है. कनिष्ठों द्वारा दिखाई गई योग्यता का ऐसे व्यक्ति कभी भी सम्मान नहीं करते और उनका सदैव ही अपमान करते रहते है.
अमूमन देखा गया है कि ऐसे कालेदिल वाले लोग अपनी योग्यता से नहीं बल्कि वरिष्ठों और मालिकों की चापलूसी से अपने जीवन में आगे बढ़ते रहते है और नौकरी पर टिके रहते है. ऐसे लोग एक ही नौकरी पर टिकना ज्यादा पसंद करते है. इन्हें नौकरी बदलना ज्यादा पसंद नहीं है. ये उसी स्थिति में अपनी नौकरी बदलते है, जब इन्हें लगता है कि यहां उनकी चाटूकारिता ज्यादा काम नहीं कर रही है या उनकी अयोग्यता का यहां भांडा कभी भी फूट सकता है.
– वरिष्ठों और मालिकों को सतर्क रहने की जरूरत
ऐसे व्यक्ति न सिर्फ दूसरे व्यक्तियों के लिए बल्कि उस संस्थान के लिए भी काफी घातक होते है, जिसके लिए ये काम कर रहे होते है. इसलिए ऐसे व्यक्तियों के वरिष्ठों और मालिकों को ऐसे चापलूस और कालेदिल वाले व्यक्तियों से सदैव सतर्क रहना चाहिए. वरिष्ठों और मालिकों को समझना चाहिए कि यह व्यक्ति जो सदैव उनकी चापलूसी करता रहता है और अपने कनिष्ठों या अन्य दूसरे व्यक्तियों को बुराई करता है, तो इसके पीछे क्या कारण है. ऐसे में ऐसे व्यक्तियों की योग्यता का परीक्षण करना निहायत जरूरी है, क्योंकि ऐसे व्यक्ति न सिर्फ किसी संस्थान बल्कि समाज और परिवार के लिए भी घातक होते है.
यह चंद खयालात इन दिनों वायरल हो रही उपरोक्त तस्वीर को देख कर उपजे हैं. सोशल मीडिया पर यदि आपको कोई काले दिल का, कपटी दोस्त मिलता है, तो एक अच्छी बात यह है कि आप उसे नापसंद करते हुए अनफ्रेंड कर सकते हैं, लेकिन जब ऐसा व्यक्ति आपकी वास्तविक जिन्दगी से जुड़ा हो, तो जीवन काफी कुंठित और परेशानी भरा हो जाता है. यह लेख सिर्फ इसलिए कि यदि आप भी इसी प्रकार काले दिलवाले है, तो अपने इस काले दिल को पहचानिए और स्वयं को सुधारने का प्रयास कीजिए, अन्यथा फिर न कहना, किसी ने कहा ही नहीं था…