जलगांव (नरेंद्र कुमार इंगले ):8 मार्च कि रात जामनेर के निगम तिराहे पर हुए हुडदंग का गरदा सरकारी फाईल मे तफ्तीश के अंचल मे हि है , कि 10 मार्च कि आधी रात को गांधी चौक मे अंजान भीड ने गलतफहमी का चोला ओढकर एक निरपराध को अपना शिकार बनाया है ! इस मामले मे पिडीत सरकारी कर्मी बताया जा रहा है ! पुलिस सुत्रो के मुताबीक घटना 10 मार्च कि रात 11 से 12 बजे के बीच हुयी है , मामले को लेकर कोतवाली मे अब तक कोई शिकायत दर्ज नहि हो सकि है ! लेकिन थाने मे पार्टी विशेष से जुडे स्थानीय पदाधिकारीयो के चहल कदमी से पिटायी वाला प्रकरण काफी संजीदा दिखायी पड रहा है ! लोकसभा चुनावो के मुहाने शहर मे अचानक से हावी हो चुके इस भीडतंत्र का प्रायोजन आखिर क्या हो सकता है ? कल तक तत्काल प्रभाव से कि गयी प्रशासनीक कार्रवायीयो से इस कथित उन्माद पर कुछ हद तक नियंत्रण पाया गया था जो अब फिर अनियंत्रीत हो गया है ! समीक्षको के अनुसंधान के मुताबीक इस भीडतंत्र कि प्रमुख वजह क्षेत्र मे माकूल मानव संसाधन कि तुलना मे कमतर रोजगार अवसरो के असंतुलन से पनपी स्थिती को भी बताया जा रहा है जो वास्तविकता भी है ! लोकसभा कि आदर्श आचारसंहिता लागु होने के बाद इस तरह के भीडतंत्र के बीच कानून व्यवस्था को बनाए रखना पुलिस महकमे के सामने किसी चुनौती से कम नहि है !