जलगांव / जामनेर (नरेंद्र इंगले). शनिवार की शाम सोनाला गांव के एक किसान के खेत में की गई खुदाई में 4 बंदरों की सड़ी-गली लाशें मिली है. जिस किसान का यह खेत है, उस पर आरोप लगाया जा रहा है कि बंदरों को पानी में जहर देकर उनकी हत्या की गई होगी, लेकिन किसान ने इन आरोपों को सिरे से इनकार किया है. हालांकि किसान ने उसके खेत में चार बंदरों को मृत पाए जाने के बाद बंदरों का अंतिम संस्कार करने की बात स्वीकार की है. सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम घटनास्थल पर पहुंच गई और खेत के किसान पर मामला दर्ज कर लिया गया है.
घटना की जानकारी मिलने के बाद सच्चाई जानने के लिए हमारे संवाददाता ने पहुर बीट के जंगलों में स्थित घटनास्थल का जायजा लिया. यहां वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित मिले, जो डॉक्टर के आने का इंतजार कर रहे थे. कुछ देर बाद जब पशुधन अधिकारी डॉ. एस. एच. व्यवहारे, डॉ. एस. एस. मनगुडे ने यहां पहुंच कर पशुओं के कंकालों का निरीक्षण किया, तब पता कि ये कंकाल बंदरों के हैं.
– मैंने मृत बंदरों का अंतिम संस्कार किया : किसान
इस पुष्टि के बाद खेत मालिक 70 वर्षीय लक्ष्मण रामदास पाटिल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. किसान ने बंदरों की हत्या करने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कुछ दिन पहले मुझे मेरे खेत में तीन बंदर और उनका बच्चा मरे हुए पड़े दिखाई दिए. इसके बाद अन्य किसानों के सुझाव पर मैंने जेसीबी मशीन से खेत में गड्ढा खोद कर बंदरों की लाशों को दफना दिया.
– जहर देकर हत्या की बात से किया इनकार
पाटिल ने कहा कि मैं अनपढ़ आदमी हूं. कानून नहीं जानता. मानवता तथा हिंदू धर्म संस्कृति की मान्यताओं के अनुसार मैंने मृत बंदरों का सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया. पानी के अभाव से मेरा खेत खाली पडा है. भला मैं पानी में जहर मिलाकर जानवरों को क्यों और किस लिए मार सकता हूं. फिर भी अगर मैंने कुछ गलत किया है और इसके लिए मुझे सूली पर चढा दिया, तो भी मुझे कोई शिकवा नहीं है.
– रिपोर्ट के बाद की जाएगी कार्रवाई
वन अधिकारी समाधान पाटिल ने बताया कि जमीन की खुदायी में हमें कुल चार बंदरो के गले हुए शव बरामद हुए है. मोर, काला हिरण वगैरे पशु पक्षियों का अब तक कोई सुराग नहीं मिला है. बंदरों की मौत किस कारण से हुई, इसका पता लगाने के लिए पशु वैद्यकिय अधिकारियों द्वारा जांच करने और रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.