पिंपरी (तेज समाचार डेस्क)। कोरोना महामारी के प्रकोप के बीच पिंपरी चिंचवड़ में हत्याओं के सिलसिला शुरू ही है। शुक्रवार की देर रात थेरगांव में पुराने विवाद में एक 18 वर्षीय युवक की घातक हथियारों से वार कर और पत्थरों से मारकर निर्मम हत्या कर दी गई। इस वारदात को चार आरोपियों ने मिलकर अंजाम दिया जिसमें से एक के साथ मृत युवक का सालभर पहले विवाद हुआ था। वाकड पुलिस की डिटेक्शन ब्रांच (डीबी) की टीम ने वारदात के 12 घँटों के भीतर चारों आरोपियों को धरदबोचा और उन्हें सलाखों के पीछे डाल दिया।
– 12 घंटे में चारों आरोपी सलाखों के पीछे
मृत युवक का नाम ऋषभ बालाजी गायकवाड (18, निवासी जगतापनगर, थेरगांव, पुणे) है। उसकी हत्या के आरोप में वाकड पुलिस ने गुंड्या ऊर्फ किशोर ज्ञानदेव शेलार (निवासी दुर्गा कॉर्नर बिल्डिंग, लिंकरोड, चिंचवड, पुणे), सीजीन फिलिप जॉर्ज (26, निवासी जोतिबा मंगल कार्यालय के पीछे, कालेवाडी, पुणे), रोहित लल्लन सिंह (22, निवासी पवनानगर कालोनी, कालेवाडी, पुणे) और सचिन सोनू साठे (26, निवासी गणराज कालोनी, कालेवाडी, पुणे) को गिरफ्तार किया है। इस बारे में प्रमोद किसन गायकवाड (26) ने वाकड थाने में शिकायत दर्ज कराई है।
– सॉरी के बाद भी मन रह गई थी टीस
वाकड थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक डॉ विवेक मुगलीकर के अनुसार, ऋषभ गायकवाड और आरोपी सीजीन फिलीप जॉर्ज के बीच सालभर पूर्व विवाद हुआ था। तब पुलिस में न जाते हुए एक-दूसरे को सॉरी बोलकर मामला शांत किया गया था। हालांकि सीजीन के मन में इसकी टीस थी। उसने गुंडया उर्फ किशोर शेलार, जिसे पुलिस ने एक मामले में गिरफ्तार किया था, को जमानत पर छुड़ाने में मदद की थी। तब से दोनों की दोस्ती हो गई। उसके जमानत पर बाहर आने के बाद जॉर्ज ने ऋषभ के साथ हुए विवाद के बारे में शेलार को बताया। इसके बाद दोनों ने मिलकर अपने अन्य साथियों को साथ लेकर ऋषभ की हत्या का प्लान बनाया।
– दो बार हुआ हत्या का प्रयास
सभी आरोपियों ने दो तीन बार ऋषभ को जान से मारने की कोशिश की मगर हर बार उनका प्लान फेल होता गया। शुक्रवार की रात मात्र उन्हें मौका मिल गया और ऋषभ उन्हें अकेला मिल गया। उन्होंने घातक हथियारों से उस पर वार किए फिर बच न जाय इसके लिए पत्थरों से भी उसपर हमला किया। इसके बाद सभी मौके से भाग निकले। हालांकि वाकड पुलिस की डीबी के शिकंजे से ज्यादा देर दूर नहीं रह पाए। इस कार्रवाई को वाकड पुलिस थाने की डीबी के सहायक पुलिस निरीक्षक हरीश माने, महेश स्वामी, अविनाश पवार, तानाजी भोगम, उपनिरीक्षक सिद्धनाथ बाबर, प्रणील चौगुले, शंभू रणवरे, कर्मचारी बिभीषण कन्हेरकर, विक्रम जगदाले, बापूसाहेब धुमाल, जावेद पठाण, बाबाजान इनामदार, सुहास पाटोले, प्रमोद भांडवलकर, विक्रम कुदल, विजय गंभीरे, नितीन गेंगजे, सुरेश सुतार, श्याम बाबा, नितीन ढोरजे, दीपक भोसले, प्रमोद कदम, सचिन नरुटे, तात्या शिंदे, प्रशांत गिलबिले, अभिमन्यू बनसोडे, अन्वर मोमीन, अमोल दातार, सचिन जाधव, देवा वाघमारे, मोहिनी थोपटे, नूतन कोंडे की टीम ने अंजाम दिया।