पुणे (तेज समाचार डेस्क). दोस्ती में लेन-देन का व्यवहार कभी-कभी जानलेवा हो जाता है. इसका उदाहरण वाकड़ पुलिस स्टेशन में दर्ज एक मामले में सामने आया. रहाटणी के एक युवक ने अपने दोस्त को उधार पैसे दिये, लेकिन रकम चुकाने में असमर्थ दोस्त ने मददगार मित्र को ही मौत के घाट उतार दिया. अपना पाप छिपाने के लिए गद्दार दोस्त ने शव को खाई में फेंक दिया, लेकिन पुलिस की तफ्तीश में उसके चेहरे से शराफत का नकाब उतर गया. हत्यारा दोस्त व उसका साथी अब सलाखों के पीछे है. दिल को दहला देने वाला यह मामला सामने आने के बाद सवाल उठने लगा है कि किस पर भरोसा किया जाए और किस पर नहीं? गद्दार दोस्त के जरिए मौत का शिकार हुए व्यक्ति का नाम तेजस सुनील भिसे (28, रहाटणी) है. उनकी हत्या के आरोप में गद्दार दोस्त दत्ता नवनाथ बिरंगल (30, नेवाले बस्ती, चिखली, मूल नि. सोनेगांव, तहसील जामखेड़, जिला अहमदनगर) व समाधान विभीषण भोगल (24, जाधववाड़ी, चिखली, मूल निवासी बोरगांव, तहसील करमाला, जिला सोलापुर) को गिरफ्तार किया गया है.
जानकारी के अनुसार दत्ता को पैसों की जरूरत थी. पुरानी गाड़ियों की खरीदी-बिक्री का कारोबार करने वाले तेजस ने दोस्ती निभाते हुए अपनी महिला मित्र का चिखली स्थित फ्लैट गिरवी रख बैंक लोन लेकर उसे 20 लाख रुपए उधार में दिये. दत्ता द्वारा समय पर पैसे न लौटाए जाने के कारण बैंक की ओर से तेजस व उनकी मित्र पर दबाव डाला जाने लगा. इससे परेशान तेजस दोस्त दत्ता से लगातार पैसे मांगने लगा और इस बात को लेकर दोनों में विवाद होने लगे. इसी कड़ी में दत्ता ने तेजस की हत्या करने की योजना बनाई. 20 अप्रैल की दोपहर 3 बजे तेजस अपने घर से यह कहकर निकला कि वे धुलिया व अमरावती जा रहा है. बाद में उसने अपने मौसेरे भाई नीतेश को बताया हैं कि वह दत्ता के साथ है. 21 अप्रैल को उन्होंने नीतेश को मेसेज कर बताया कि हैं वे जिस कार को ले गये हैं उसे कालेवाड़ी ६ स्थित भोईर लॉन्स के पास छोड़ा है. नीतेश को कार तो मिली, लेकिन तेजस घर नहीं पहुंचा था और उनसे संपर्क भी हैं नहीं हो पा रहा था. इस वजह से तेजस के भाई प्रवीण सुनील भिसे (29) ने वाकड़ पुलिस स्टेशन में तेजस की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई.
उधर, दत्ता बिरंगल ने 22 अप्रैल की दोपहर अपना फोन नंबर बंद कर दिया, जिसके कारण उस पर इस बात को लेकर शक गहरा गया कि तेजस के लापता होने में उसी का हाथ है. इस वजह से दत्ता के खिलाफ तेजस के अपहरण का मामला दर्ज कराया गया. वाकड़ पुलिस ने दत्ता व समाधान को पकड़कर पूछताछ शुरू की, लेकिन उन्होंने ठीक से जवाब नहीं दिया. इसके बाद पुलिस ने उनसे अपनी स्टाइल में पूछताछ की, जिसमें दोनों ने कबूल किया कि जामखेड़ में उन्होंने रुमाल से गला दबाकर तेजस की हत्या की. बाद में शव को अहमदनगर के पास सौताड़ा घाट से 60 फीट गहरी खाई में फेंक दिया. इसके पश्चात आरोपियों ने तेजस के कपड़े, जूते, बेल्ट व अन्य चीजें अहमदनगर जिले के राजुरी में जला दिए.
यह कार्रवाई पुलिस आयुक्त आर.के. पद्मनाभन, अपर पुलिस आयुक्त मकरंद रानडे, पुलिस उपायुक्त विनायक ढाकणे, सहायक पुलिस आयुक्त अश्विनी राख के मार्गदर्शन में वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सतीश माने, पुलिस निरीक्षक (क्राइम ब्रांच) ज्ञानेश्वर साबले, पुलिस उप-निरीक्षक हरीश माने, सिद्धनाथ बाबर, पुलिसकर्मी विभीषण कन्हेरकर, बापूसाहेब धुमाल, नितिन ढोरजे, दीपक भोसले, रमेश गायकवाड़, जावेद पठान, विजय गंभीरे, प्रमोद कदम, विक्रम कुदन, नितिन गेंगजे, श्याम बाबा, सुरेश भोसले, भैरोबा यादव, मयूर जाधव, सूरज सुतार आदि की टीम ने की.