कोलकाता (तेज समाचार डेस्क). मुर्शिदाबाद जिले के जियागंज हत्याकाण्ड मामले में पुलिस ने एक सप्ताह बाद हत्यारे को गिरफ्तार कर लिया है. उसका नाम उत्पल बेहरा है और वह पेशे से राजमिस्त्री है. रुपये को लेकर हुए विवाद के कारण उसने तीनों की हत्या की थी. मंगलवार को उसे जिला न्यायालय में पेश कर 14 दिनों के रिमांड पर लिया गया है.
– इंश्योरेंस का भी काम करते थे बंधु गोपाल
मुर्शिदाबाद जिला पुलिस अधीक्षक मुकेश कुमार का दावा है कि उत्पल ने अपना अपराध कबूल कर लिया है. उसने बताया है कि महज 24 हजार रुपये के लिए उसने पूरे परिवार को मौत के घाट उतार दिया था. दरअसल बंधु गोपाल लाइफ इंश्योरेंस का काम भी करते थे. उत्पल बेहरा ने उनसे अपना जीवन बीमा करा रखा था जिसका वार्षिक प्रीमियम 24,167 रुपये का था. पहले वर्ष के भुगतान की रसीद गोपाल ने उत्पल को दी थी लेकिन इस वर्ष उत्पल ने जो जीवन बीमा की राशि दी थी उसकी रसीद बंधु गोपाल ने कथित तौर पर नहीं दी थी. इसी कारण दोनों के बीच अमूमन लड़ाइयां होती रहती थीं. एक बार बंधु गोपाल ने कथित तौर पर उत्पल को इसके लिए अपमानित भी किया था जिसके बाद उसने ठान लिया था कि वह उसके पूरे परिवार को मौत के घाट उतार देगा. सोमवार देर रात मृत शिक्षक के पैतृक गांव के पास सागर दिघी के शाहपुर से उसे गिरफ्तार किया गया है.
– अकेले ही की तीनों की हत्या
पुलिस को संदेह है कि इस वारदात में और भी कई लोग शामिल हैं इसलिए उससे पूछताछ किए जाने की जरूरत है. उसने कथित तौर पर दावा किया है कि उसने अकेले ही तीनों की हत्या की है. उसने बताया है कि नवमी की रात बेटे के साथ बंधु गोपाल और उनकी पत्नी ने देर रात तक दशहरा कार्यक्रम देखा था. उसके बाद दूसरे दिन यानी दशमी को सुबह के समय ही राजमिस्त्री उनके घर में गया था और रुपये को लेकर हुए विवाद के बाद हत्या कर दी थी. उसने कैसे हत्या की थी, इसके लिए पूछताछ की जा रही है. इसके पहले पुलिस ने मृतक के पिता अमर पाल, उसके मित्र सौभिक बनिक और दो अन्य लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी. बीरभूम जिले के कई जगहों पर भी छापेमारी की गई थी. पुलिस ने दूध विक्रेता राजीव दास से भी पुलिस ने पूछताछ की थी. मुकेश कुमार ने दावा किया है कि बंधु गोपाल के घर से रक्तरंजित एक कागज भी बरामद हुआ था जिसमें उत्पल बेहरा का नाम लिखा हुआ था. उससे भी पूछताछ जारी थी. पुलिस के सवालों के सामने वह टूट गया और आखिरकार अपना गुनाह स्वीकार कर चुका है.
– आरएसएस कार्यकर्ता थे बंधु गोपाल पाल
उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह आठ अक्टूबर को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ता और शिक्षक बंधु गोपाल पाल, उनकी गर्भवती पत्नी ब्यूटी और बेटे अंगन की धारदार हथियार से गोदकर हत्या कर दी गई थी. चूंकि वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता थे इसलिए भाजपा और अन्य संगठनों ने राज्य प्रशासन पर निष्क्रियता बरतने का आरोप लगाया था.