औरंगाबाद (तेज समाचार डेस्क). कोरोना संक्रमण में हर आदमी दूसरे व्यक्ति से मिलने से कतरा रहा है. इसी दरमियान शहर के जुनाबाजार में रहनेवाले 55 वर्षिय सुनीलसिंह राजपूत नामक व्यक्ति की मौत हुई. औरंगाबाद में सुनील का उसके भाई के अलावा कोई भी रिश्तेदार नहीं था. जुना बाजार परिसर के मुस्लिम युवकों ने आगे आकर उस व्यक्ति के अंतिम संस्कार का सारा खर्च उठाकर हिंदु-मुस्लिम भाईचारे की मिसाल पेश की. मुस्लिम युवकों द्वारा किए गए कार्य पर मृतक के भाई अनिलसिंह राजपूत ने उन युवकों का तहेदिल से आभार माना.
गत तीन सप्ताह से शहर में लॉकडाउन जारी है. लॉकडाउन के दरमियान ही शहर के जुना बाजार निवासी 55 वर्षीय सुनीलसिंह बीमार होने पर उन्हें इलाज के लिए सरकारी घाटी अस्पताल में भरती कराया था. करीब एक पखवाड़े तक घाटी में इलाज के बाद मिस्त्री काम करनेवाले सुनीलसिंह को अस्पताल से छुट्टी मिली थी. अस्पताल से छुट्टी के बाद सुनील आर्थिक कमजोरी के चलते अस्पताल परिसर में ही डेरा जमाया हुआ था. हाल ही में सुनील राजपूत का निधन हुआ. सुनील का औरंगाबाद में उनके भाई अनिलसिंह राजपूत के अलावा कोई भी रिश्तेदार नहीं था. सुनील की मौत की जानकारी बेगमपुरा पुलिस ने उनके भाई को दी. सुनील के भाई की आर्थिक स्थिति भी काफी कमजोर होने से उसने अस्पताल में ही अंतिम संस्कार करने पर बल दिया. लेकिन, कोरोना संक्रमण के चलते यह व्यवस्था घाटी में इन दिनों बंद है.जिससे अनिलसिंह के समक्ष अपने भाई का अंतिम संस्कार करने को लेकर परेशानियां खडी हुई.
इधर, जुनाबाजार निवासी फरहत खान को अनिल के अंतिम संस्कार को लेकर आ रही परेशानियों की जानकारी मिलने पर उन्होंने उसी परिसर के रियाज खान, अब्दुल माजीद की सहायता लेकर शहर के बेगमपुरा श्मशान भूमि में हिंदु रितिरिवाज के अनुसार सुनीलसिंह राजपूत का अंतिम संस्कार किया. मुस्लिम युवकों द्वारा किए कार्यों पर मृतक के भाई अनिलसिंह ने कहा मैं सुरक्षा रक्षक का काम करता हूं. लॉकडाउन के चलते वह भी काम बंद है. जिससे में आर्थिक परेशानियों से गुजर रहा हूं. इसी दरमियान मेरे भाई की मौत होने से मेरे समक्ष उसके अंतिम संस्कार करने को लेकर कई परेशानियां दिखायी दे रही थी. परंतु, मुस्लिम युवकों ने तत्काल मेरी आर्थिक परेशानी को दूर कर मेरे भाई का अंतिम संस्कार किया. मुस्लिम युवकों ने इन्सानियत के नाते मेरी जो मदद की उसके लिए मैं उनका बहुत आभारी हूं. यह प्रतिक्रिया अनिल सिंह ने दी.