नई दिल्ली ( तेजसमाचार प्रतिनिधि ) – पाकिस्तानी जेल में छह साल बिताकर स्वदेश लौटे सॉफ्टवेयर इंजीनियर हामिद निहाल अंसारी ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की. इस दौरान बेहद भावुक हो गए हामिद ने रिहाई के लिए किए गए प्रयासों को लेकर सुषमा स्वराज और उनके मंत्रलय को धन्यवाद दिया. विदेश मंत्री को आपबीती बताते-बताते उसकी आंखों से आंसू भी बह निकले.
विदित हो कि सॉफ्टवेयर इंजीनियर को फर्जी पाकिस्तानी पहचान पत्र रखने को लेकर एक सैन्य अदालत ने 2015 में तीन साल की सजा सुनाई थी. हामिद को अफगानिस्तान के रास्ते पाकिस्तान में गैरकानूनी रूप से घुसने के आरोप में 2012 में गिरफ्तार किया गया था. वह वहां कथित रूप से अपनी ऑनलाइन गर्लफ्रेंड से मिलने गया था. मुंबई निवासी युवक की सजा की अवधि 15 दिसंबर को समाप्त हो गई थी, लेकिन कानूनी कागजात तैयार नहीं होने के चलते उसकी भारत वापसी नहीं हो सकी थी. हामिद पेशावर सेंट्रल जेल में बंद था. हामिद तक राजनयिक पहुंच के लिए भारत ने पाकिस्तान को 96 अनुरोध पत्र भेजे थे. भारत वापसी के तुरंत बाद डॉक्टरों द्वारा उसकी चिकित्सीय जांच की गई.
अपनी मां फौजिया अंसारी और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ विदेश मंत्री से मिलने पहुंचे हामिद ने उनसे कहा, ‘कृपया मुझे माफ कर दीजिए.. आपका बहुत-बहुत धन्यवाद.’ इस पर सुषमा ने उसे गले लगा लिया और पीठ थपथपाई. सुषमा स्वराज ने उससे कहा कि भाग्य उसे उस देश में ले गया था. उन्होंने कहा, ‘आप बहुत साहसी हो.. आपको माफी नहीं मांगनी चाहिए.’
सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पिता निहाल अंसारी ने कहा कि यह हमारे लिए नया सवेरा है. हामिद को अटारी वाघा सीमा पर भारतीय अफसरों को सौंपा गया. बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी के बाद वह भारतीय क्षेत्र में दाखिल हुआ.
हामिद की मां फौजिया ने भी पाकिस्तान में कानूनी लड़ाई लड़ने में उनके परिवार को हर तरह की मदद देने के लिए सुषमा और उनके मंत्रलय को धन्यवाद दिया. भावुक फौजिया ने सुषमा को गले लगाते हुए कहा, ‘मेरा भारत महान, मेरी मैडम सुषमा स्वराज महान.’ इससे पहले दिल्ली पहुंचने पर हामिद का कहना था, ‘घर लौटकर मुझे वास्तव में बहुत अच्छा लग रहा है. मैं इस समय काफी भावुक हूं.’
अपनी आप बीती सुनाते हुए हामिद ने बताया कि , ‘मैं उस लड़की से सोशल मीडिया के जरिए मिला. धीरे-धीरे बात बढ़ी तो हमारे दिल में एक-दूसरे के लिए भावनाएं जाग गईं. इसी दौरान लड़की के घर पर कोई दुर्घटना हुई और उसे शादी के लिए मजबूर किया जाने लगा. उसने मुझसे मदद मांगी, वह मुझसे शादी करना चाहती थीं. मैंने भी मदद करने की ठानी और पाकिस्तान में वीजा के लिए आवेदन किया. लेकिन हाईकमीशन ने कहा कि उन्हें गृह मंत्रालय से मंजूरी नहीं मिल रही है.’
हामिद आगे बताते हैं, “मैं वीजा पाने के लिए जुटा था और उधर लड़की की शादी की तैयारियां हो रही थीं. फिर मैंने एक अन्य पाकिस्तानी व्यक्ति से ऑनलाइन संपर्क किया. उसने मुझे अफगानिस्तान के रास्ते पाकिस्तान में दाखिल होने का रास्ता सुझाया और इसके लिए मुझे नकली दस्तावेज भी दिए. मैं लड़की को लेकर भावुक था तो ‘मैं अफगानिस्तान के तुरखम बॉर्डर के रास्ते पेशावर पहुंचा. यहां उस पाकिस्तानी लड़के ने मुझे नकली दस्तावेज दिए. बाद में पुलिस ने मुझे नकली दस्तावेजों के साथ गिरफ्तार कर लिया. तब मुझे अहसास हुआ कि यह उस लड़के का बिछाया जाल था. पुलिस ने मुझे खुफिया एजेंसियों को सौंप दिया. खुफिया एजेंसियां मुझे अज्ञात जगह ले गईं और पूछताछ करने लगीं. मैंने अपनी पूरी कहानी उन्हें बताई. लड़की ने एजेंसियों से पूछताछ में मुझसे रिश्ते की बात कबूली.
हामिद ने बताया कि ‘लड़की के इकबालिया बयान के बाद पुलिस ने उसे पेशावर शिफ्ट कर दिया. यहां उसने अंडरग्राउंड सेल में लगभग तीन साल बिताए. हामिद ने पेशावर जेल में मिली यातनाओं के बारे में भी शब्दशः जानकारी दी .