पुणे (तेज समाचार डेस्क). विधानसभा चुनाव का आगाज होने के साथ ही भूतपूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार पुणे और पिंपरी चिंचवड़ की सियासत में सक्रिय हो गए हैं. गत दिन आला नेताओं व इच्छुकों से चर्चा करने के बाद रविवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस के कार्यकर्ता सम्मेलन में उन्होंने पुणे में विधानसभा की आठ में से चार सीटें राष्ट्रवादी और तीन सीटें कांग्रेस के पास रहने और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) को एक सीट देने की बात तय होने के संकेत दिए.
– मनसे के साथ होने के संकेत
पुणे में पर्वती, हडपसर, वडग़ांव शेरी, खडकवासला ये चार विधानसभा क्षेत्र की सीटें राष्ट्रवादी कांग्रेस के पास रहेंगी, इसकी आधिकारिक घोषणा के साथ ही पवार ने अन्य चार सीटें कांग्रेस और मित्र दलों को देने की बात कही. माना जा रहा है कि कसबा, शिवाजी नगर और पुणे कैंटोनमेंट विधानसभा क्षेत्र की तीन सीटें कांग्रेस और कोथरुड विधानसभा की एक सीट मनसे को दी जाएगी. कोथरुड की सीट से कांग्रेस के पास भी तगड़ा प्रत्याशी नहीं रहने से यह सीट मनसे को दी जा रही है. इससे मनसे के राष्ट्रवादी व कांग्रेस के महागठबंधन में शामिल होने के संकेत मिल रहे हैं.
– भाजपा ने राज्य को कर्ज की खाई में धकेला
इस कार्यकर्ता सम्मेलन में अजीत पवार ने केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, भाजपा सरकार ने राज्य को कर्ज की खाई में धकेल दिया है. इन पांच सालों में सरकार पर ढाई लाख करोड़ रुपए का कर्ज चढ़ गया है. भाजपा के सत्ता में आने से पहले 54 सालों में उतना कर्ज राज्य पर नहीं चढ़ा जितना इन पांच सालों में चढ़ा है. अपने पालकमंत्री पद पर रहते पुणे में कभी पीने के पानी की कमी महसूस नहीं होने दी. मगर आज बांध लबालब रहने के बाद भी पुणेकरों पर पीने के पानी के लिए आंदोलन करने की नौबत आई है.