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गलवान पर NCP सुप्रीमो शरद पवार केन्द्र के साथ, कांग्रेस को याद दिलाया 1962

Tez Samachar by Tez Samachar
June 28, 2020
in Featured, देश
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गलवान पर NCP सुप्रीमो शरद पवार केन्द्र के साथ, कांग्रेस को याद दिलाया 1962
मुंबई (तेज समाचार डेस्क). गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के मसले पर विपक्ष भले ही केन्द्र सरकार के खिलाफ लामबंद हो गया हो और चौतरफा हमला कर रहा हो, लेकिन विपक्ष के ही एक दल राष्ट्रवादी कांग्रेस के सुप्रीमो शरद पवार केन्द्र के साथ खड़े नजर आ रहे हैं. शरद पवार ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यह कोई नहीं भूल सकता कि चीन ने 1962 के युद्ध के बाद भारत की 45 हजार वर्ग किलोमीटर भूमि पर कब्जा कर लिया था.
– सरकार पर आरोप लगाना गलत
पवार ने कहा, चीनी सैनिकों ने हमारी सड़क पर अतिक्रमण करने की कोशिश की और धक्कामुक्की की. यह किसी की नाकामी नहीं है. अगर गश्त करने के दौरान कोई आपके क्षेत्र में आता है, तो वे किसी भी समय आ सकते हैं. हम यह नहीं कह सकते कि यह दिल्ली में बैठे रक्षा मंत्री की नाकामी है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘वहां गश्त चल रही थी. झड़प हुई इसका मतलब है कि आप चौकन्ना थे. अगर आप वहां नहीं होते तो आपको पता भी नहीं चलता कि कब वे आए और गए. इसलिए मुझे नहीं लगता कि इस समय ऐसा आरोप लगाना सही है.’’
– झड़प हुई इसका मतलब चौकन्ने थे हमारे सैनिक
राहुल गांधी द्वारा लगाए एक आरोप पर जवाब देते हुए पवार ने कहा कि यह कोई नहीं भूल सकता कि दोनों देशों के बीच 1962 के युद्ध के बाद चीन ने भारत की करीब 45,000 वर्ग किलोमीटर की जमीन पर कब्जा कर लिया था. पवार की टिप्पणी कांग्रेस नेता राहुल गांधी के उस आरोप पर थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन की आक्रामकता के चलते भारतीय क्षेत्र को सौंप दिया. उन्होंने यह भी कहा कि लद्दाख में गलवान घाटी की घटना को रक्षा मंत्री की नाकामी बताने में जल्दबाजी नहीं की जा सकती क्योंकि गश्त के दौरान भारतीय सैनिक चौकन्ने थे.
– राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर राजनीति करना गलत
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह पूरा प्रकरण ‘‘संवेदनशील’’ प्रकृति का है. गलवान घाटी में चीन ने उकसावे वाला रुख अपनाया. उन्होंने कहा, ‘‘यह जमीन अब भी चीन के पास है. मुझे नहीं मालूम कि क्या उन्होंने अब फिर से कुछ क्षेत्र पर अतिक्रमण कर लिया. लेकिन जब मैं आरोप लगाता हूं तो मुझे यह भी देखना चाहिए कि जब मैं सत्ता में था तो क्या हुआ था. अगर इतनी बड़ी जमीन अधिग्रहीत की जाती है तो इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है और मुझे लगता है कि इसका राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए.’’
Tags: #trending newsCongressNCPSharad pawar
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