लंदन ( तेजसमाचार डेस्क ) – नोबेल पुरस्कार विजेता वी.एस. नायपॉल का 85 वर्ष की आयु में निधन हो गया. नायपॉल की पत्नी श्रीमती नादिरा नैपाल ने पुष्टि कर कहा कि उनका निधन शनिवार को लंदन में हुआ. उन्होंने बयान में कहा, ‘‘उन्होंने जो कुछ हासिल किया था वह बहुत बड़ा था और उनके आखिरी वक्त वह लोग पास थे जिनसे वह प्यार करते थे. उन्होंने रचनात्मकता और उद्यमिता से भरी जिंदगी जी.’’
प्रधानमंत्री ने वी एस नैपौल के निधन पर शोक जताया
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वी एस नैपौल के निधन पर शोक जताया है. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘ सर वी एस नैपौल अपने व्यापक कार्यों के लिए याद रखे जांएगे, जिनमें इतिहास, संस्कृति, औपनिवेशवाद, राजनीति एवं और भी बहुत कुछ शामिल हैं. उनका निधन साहित्य की दुनिया के लिए एक बड़ी क्षति है. दुख के इन क्षणों में उनके परिवार एवं शुभ चिंतकों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं.‘
वीएस नायपॉल यानी विद्याधर सूरज प्रसाद नायपॉल का जन्म 17 अगस्त सन 1932 को ट्रिनिडाड के चगवानस में हुआ था. त्रिनिडाड में पले-बढ़े नायपॉल ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्याल से पढ़ाई की थी. लेखन की दुनिया में उन्हें काफी प्रसिद्धि हासिल है. ए बेंड इन द रिवर और अ हाउस फॉर मिस्टर बिस्वास उनकी चर्चित कृतियां हैं.
1957 में छपी थी पहली किताब-
उपनिवेशवाद और इससे जुड़े विषयों पर किताबें लिखने के लिए पहचाने जाने वाले वी.एस. नायपॉल की पहली किताब ‘द मिस्टिक मैसर’ (The Mystic Masseur) वर्ष 1957 में प्रकाशित हुई थी. एक बार लेखन की दुनिया में आने के बाद नायपॉल, सदा के लिए साहित्य-सेवा में ही जुट गए.
वी एस नाइपॉल या विद्याधर सूरजप्रसाद नैपालका जन्म 17 अगस्त सन 1932 को ट्रिनिडाड के चगवानस (Chaguanas) में हुआ। उन्हें नुतन अंग्रेज़ी छंद का गुरु कहा जाता था । वे कई साहित्यिक पुरस्कार से सम्मानित किये गए थे
सम्मान –
जोन लिलवेलीन रीज पुरस्कार (1958),
दी सोमरसेट मोगम अवाङँ (1980),
दी होवथोरडन पुरस्कार (1964),
दी डबलु एच स्मिथ साहित्यिक अवाङँ (1968),
दी बुकर पुरस्कार (1971),
दी डेविड कोहेन पुरस्कार (1993)
ब्रिटिश साहित्य मे जीवनपर्यंत कार्य
2001 मे साहित्य मे नोबेल पुरस्कार
2008 मे दी टाईम्स ने वी एस नैपाल को अपनी 50 महान ब्रिटिश साहित्यकारो की सूची मे सातवां स्थान दिया।
ऐसी धारणा है कि इनके पूर्वज गोरखपुर के भूमिहार ब्राह्मण थे जिन्हें ट्रिनिडाड ले जाया गया. उनकी शिक्षा ट्रिनिडाड और इंगलैंड में हुई। वे दीर्घकाल से ब्रिटेन के निवासी रहे । उनके पिताजी श्रीप्रसाद नैपाल, छोटे भाई शिव नैपाल, भतीजे नील बिसुनदत, चचेरे भाई वह्नि कपिलदेव सभी नामी लेखक रहे हैं। उनकी पत्नी श्रीमती नादिरा नैपाल पहले पत्रकार थीं.
वीएस नायपॉल के जीवन से जुडी कुछ खास बातें-
– नोबेल पुरस्कार विजेता विद्याधर सूरजप्रसाद नायपॉल का जन्म 17 अगस्त 1932 को हुआ था.
– दादा-दादी मजदूरी करने के लिए भारत से त्रिनिडाड चले गए थे, जहा उनका जन्म हुआ.
– ऑक्सफोर्ड वो बी.लिट की परीक्षा में वह फेल हो गए थे.
– उसके बाद उन्हें 1971 में बुकर प्राइज मिला, और 2001 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिला.
– 2001 में आई द मिस्टिक मेसर फिल्म उनकी किताब पर आधारित है, जो इन्होने 1957 में लिखी थी.
– नायपॉल ने 61 साल की उम्र में 30 से ज्यादा किताबें लिखीं थी.
– वी. एस. नायपॉल की कुछ उल्लेखनीय कृतियां –
इन ए फ्री स्टेट (1971),
ए वे इन द वर्ल्ड (1994),
हाफ ए लाइफ (2001),
मैजिक सीड्स (2004).