नई दिल्ली (तेज समाचार डेस्क): योग गुरु रामदेव और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के बीच जारी खींचतानी बढ़ता ही जा रहा है।इसी बीच आईएमए के राष्ट्रीय प्रमुख डॉ. जेए जयलाल ने शुक्रवार (28 मई) को कहा है कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पास रामदेव के खिलाफ कुछ भी नहीं है।अगर योग गुरु बाबा रामदेव एलोपैथी, मॉडर्न मेडिकल साइंस और कोरोना वैक्सीन पर दिए अपने बयान को वापस ले लेते हैं तो वह मानहानि शिकायत को वापस लेने पर विचार करेंगे।जयलाल ने कहा कि कोरोना महामारी और इसके इलाज को लेकर आधुनिक चिकित्सा पद्धति पर रामदेव ने सवाल उठाकर और मजाक बनाकर लोगों को भ्रमित किया है।एलोपैथी बनाम आयुर्वेद की जंग बाबा रामदेव के उस बयान के बाद छिड़ गई है, जिसमें योग गुरू ने कहा है कि एलोपैथी इलाज और दवा की वजह से कोरोना के लाखों मरीजों की मौत हो गई है।समाचार एजेंसी पीटीआई/भाषा से बात करते हुए आईएमए प्रमुख डॉ. जेए जयलाल ने कहा, ”हमारे पास योग गुरु बाबा रामदेव के खिलाफ कुछ भी नहीं है। उनके बयान कोविड-19 के वैक्सीनेशन के खिलाफ हैं। हमें लगता है कि उनके बयान लोगों को भ्रमित कर सकते हैं, उन्हें विचलित कर सकते हैं। हमारी सबसे बड़ी चिंता यही है क्योंकि उनके कई अनुयायी हैं।”जयलाल ने कहा कि अगर रामदेव अपनी टिप्पणी को पूरी तरह वापस लेने के लिए आगे आते हैं तो आईएमए शिकायत और मानहानि नोटिस को वापस लेने पर विचार करेगा।आईएमए हाल ही में रामदेव को आधुनिक चिकित्सा पद्धति और डॉक्टरों के खिलाफ अपमानजनक बयान देने के लिए मानहानि का नोटिस भेजा है।
नोटिस में आईएमए ने बाबा रामदेव को सार्वजनिक रूप से माफी मांगने और अपने बयान को पूरी तरह से वापस लेने के लिए 15 दिनों का वक्त दिया है। अगर रामदेव ऐसा नहीं करते हैं तो 1 हजार करोड़ रुपये का हर्जाना क्षतिपूर्ति को लेकर देना होगा।इसके अलावा आईएमए ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बाबा रामदेव के खिलाफ देशद्रोह का केस लगाकर कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। आईएमए प्रमुख ने जानकारी दी गई है कि बाबा रामदेव के खिलाफ दिल्ली,उत्तराखंड और अन्य जगहों पर शिकायतें दर्ज कराई गई हैं।