पुणे (तेज समाचार डेस्क). शहर में आवारा कुत्तों से नागरिकों को परेशान किया जाता है. इस पर रोक पाने के लिए महापालिका प्रशासन की ओर से कई उपाय किए जाते हैं. इसके तहत कुत्तों की नसबंदी की जाती है. ऐसा करने के बावजूद भी मनपा को इसे रोक पाने के लिए सफलता नहीं मिल पा रही है. आवारा कुत्तों के बाद महापालिका आवारा बिल्लियों का पीछा करेगी. आवारा बिल्लियों का स्वास्थ्य सही सलामत रखने एवं उन पर रोक लगाने के लिए मनपा अब उपाय करेगी. उसके लिए मनपा को 1 करोड़ 20 लाख की लागत आएगी. इससे संबंधित प्रस्ताव प्रशासन ने स्थायी समिति के समक्ष रखा था. इस पर समिति की बुधवार की बैठक में चर्चा हुई व इसे मंजूरी दी गई.
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– एक माह में रिपोर्ट पेश करने के निर्देश
स्थायी समिति के समक्ष रखे प्रस्ताव के अनुसार एनिमल वेल्फेयर बोर्ड ऑफ इंडिया ने स्थानिय निकाय संस्था यानी महापालिका के सीमा के आवारा बिल्लियों का साथ ही आवारा कुत्तों का स्वास्थ्य अच्छा रखने के निर्देश दिए है. केंद्र के निर्देश के बाद अब राज्य के नगरविकास विभाग ने भी इस तरह के निर्देश महापालिका को दिए है. इसलिए टीकाकरण व नसबंदी जैसी उपाययोजना महापालिका को करनी पड़ेगी. साथ ही इससे संबंधित कार्यवाही की रिपोर्ट भी सरकार ने 1 माह के अंदर पेश करने के लिए कहा है.
– बिल्लियों को दिया जाएगा टीका
प्रशासन के प्रस्ताव के अनुसार बृहन्मुंबई मनपा के तर्ज पर पुणे मनपा के सीमा में गैरसरकारी संस्थाओं ने जगह उपलब्ध कर दी तो उस पर डॉग पॉड़ बनाए जा सकते है. इसमें आवारा बिल्ली व कुत्तों के स्वास्थ्य का ख्याल रखा जा सकता है. यहां पर उनके लिए टीकाकरण व नसबंदी की प्रक्रिया की जा सकती है. इसके अनुसार श्वान गृह बनाना, उन पर एन्टीरेबिज का टीकाकरण व नसबंदी करना, ऑपरेटिव केअर करना, साथ ही उन्हें पकड़ाए जगह पर छोड़ना, ऐसे काम के लिए संस्था को नियुक्त करना पड़ेगा. उसके लिए महापालिका को करीब 1 करोड़ 20 लाख की लागत आएगी. यह निधि आवंटन के माध्यम से उपलब्ध किया जाएगा. इससे संबंधित प्रस्ताव प्रशासन द्वारा स्थायी समिति के समक्ष रखा गया था. इस पर समिति की बुधवार की बैठक में चर्चा हुई व इसे मंजूरी दी गई.