नई दिल्ली (तेज समाचार डेस्क). असम में अवैध रूप से हर रहे बांग्लादेशियों और रोहिग्या मुसलामानों गणना करने के लिए इन दिनों असम में सर्वे किया जा रहा है. प्रारंभिक सर्वे यानी एनसीआर से ज्ञात हुआ है कि असम में करीब 40 लाख नागरिक अवैध रूप से रह रहे हैं. इनमें से अधिकांश लोग बांग्लादेशी घुसपैठिए और रोहिग्या मुसलमाल है. यहीं स्थिति अन्य राज्यों की भी है, जिसमें पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक अवैध नागरिक होने की आशंका जताई जा रही है. एनसीआर की प्रथम रिपोर्ट आने के बाद से राष्ट्रीय नागरिक पंजी यानी NRC पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. ताजा घटनाक्रम में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केन्द्र सरकार को चेतावनी दी है कि इससे देश में रक्तपात और गृह युद्ध छिड़ जाएगा.
दरअसल, सीएम ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) की कवायद राजनैतिक उद्देश्यों से की गई है. इसका मकसद लोगों को बांटा जा सके. बीजेपी पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि यह पार्टी देश को बांटने का प्रयास कर रही है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने चेतावनी दी कि इससे देश में रक्तपात और गृह युद्ध छिड़ जाएगा.
– NCR को बांग्ला भाषा, धर्म से जोड़ रही हैं ममला
ममता ने यहां एक सम्मेलन में कहा, कि NRC राजनैतिक उद्देश्यों से किया जा रहा है. हम ऐसा होने नहीं देंगे. BJP लोगों को बांटने का प्रयास कर रही है. इस स्थिति को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. देश में गृह युद्ध, रक्तपात हो जाएगा.
– यह है मूल मुद्दा
बता दें कि असम में रह रहे असली भारतीय नागरिकों की पहचान के लिये उच्चतम न्यायालय की निगरानी में चल रही व्यापक कवायद के तहत अंतिम मसौदा सूची में 40 लाख से अधिक लोगों को जगह नहीं मिली है.
इस मुद्दे की गूंज संसद के दोनों सदनों में सुनाई पड़ी. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्ष से अपील की कि वह इस संवेदनशील मामले का राजनीतिकरण नहीं करे. गृह मंत्री राजनीथ सिंह ने कहा कि NRC उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर प्रकाशित की गई है और केंद्र की इसमें कोई भूमिका नहीं है. उन्होंने कहा कि NRC की मसौदा सूची में जिन लोगों के नाम नहीं हैं, उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी. बल्कि उन्हें अपनी नागरिकता साबित करने के लिए मौके दिए जाएंगे. यदि इसके बाद भी वे अपनी नागरिकता साबित नहीं कर पाते हैं, तो उन पर देश निकाला की कार्रवाई की जा सकती है.