पुणे (तेज समाचार डेस्क). लोकसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत के बाद भाजपा की दोबारा सत्ता में वापसी हुई है. इसके साथ राजनीति में पॉवरफुल और सफल जोड़ी के रूप में पीएम नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह चर्चा का केंद्र बन चुके हैं. उन दोनों के बीच केमिस्ट्री के पीछे क्या राज है, इस पर विख्यात न्यूमरोलॉजिस्ट (अंक ज्योतिषी) अनुपम कपिल ने प्रकाश डाला है. अनुपम कपिल के बताया कि न्यूमरोलॉजी के अनुसार भारत की नियति मोदी और शाह की जोड़ी से बंधी है. कई लोग अक्सर मुझसे पूछते हैं कि सबसे शक्तिशाली नंबर कौन सा है. इसका जवाब आसान नहीं है, क्योंकि सभी नंबर्स शक्तिशाली होते हैं. नंबर 1, 3 और 9 शक्तिशाली हैं. लेकिन 8 और 4 भी सबसे अधिक शक्तिशाली हैं. लेकिन सभी 8 वालों के पास शनि के कंपन नहीं होते, न ही सभी 4 वाले अग्रणी बन पाते है. कैरो के अनुसार 4 हमेशा 8 को आकर्षित करता है.
उनके बीच स्वाभाविक रूप से एक दूसरे की ओर आकर्षित होने से उनके जीवन, रिश्ते, दोस्ती, जीवनसाथी, घर के पते पर भी प्रभाव डालते हैं. उनके बीच-भाग्य का संबंध होता है. नरेंद्र मोदी को 8 के सर्वश्रेष्ठ कंपन का लाभ मिल रहे हैं. 8 को उनके भाग्यांक नंबर 5 (बुध) का साथ मिला है. उनके संपूर्ण नाम का जोड़ 72 = 9 आता है, जो मंगल से शासित होता है और यह स्थिति उनकी कर्क राशि को है. वही उनके नरेंद्र मोदी नाम का जोड 41=5 आता है, जो उनका भाग्यांक है.
अमित शाह की जन्मतारीख 22.10.1964 है. इसलिए उनका मूलांक 4 और भाग्यांक 7 है. वही उनका पूरे नाम का जोड 55=1 और पिता का नाम के बिना नाम का जोड 24=6 आता है. 1 और 6 दोनों भाग्यशाली नंबर्स उनके नाम में है. नंबर 4 पर राहु का प्रभाव होता है, जो मिथुन और केतु में भी शक्तिशाली है. मोदी और शाह दोनों भारत के भाग्य से बंधे हुए हैं. क्योंकि मोदी का मूलांक 8 भारत के भाग्यांक 8 से तालमेल है.