पुणे (तेज समाचार डेस्क)। महामारी कोरोना के बढ़ते संक्रमण से बचने के लिए कोरोना का टीका संजीवनी साबित होने की उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है। नासिक के बाद अब पुणे के ससून अस्पताल में काम करने वाली एक नर्स को कोरोना का टीका लगवाने के बावजूद कोविड पॉजिटिव होने की खबर सामने आई है। नर्स ने कुछ दिनों पहले कोरोना का टीका लगवाया था। कुछ दिनों से तबीयत खराब होने पर जब उन्होंने जांच करवाई तो वह कोरोना पॉजिटिव पाई गयीं। इस घटना के बाद से जहां अस्पताल में हड़कंप मचा हुआ है, वहीं जिला प्रशासन की चिंता भी बढ़ गई है।
घबराने की जरूरत नहीं : मुरलीधर तांबे
ससून अस्पताल के अधिष्ठाता मुरलीधर तांबे ने मीडिया से बातचीत के दौरान लोगों से धीरज रखने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि अगर नर्स को टीका लगवाने के बाद भी कोरोना हुआ है तो भी घबराने की जरूरत नहीं है। क्योंकि उन्होंने अभी तक सिर्फ पहली डोज ही लगवाई थी उनका कोर्स पूरा नहीं हुआ था। फिलहाल नर्स के स्वास्थ्य की निगरानी की जा रही है। बहरहाल महामारी कोरोना से बचाव करनेवाला टीका लगाने के बाद संक्रमित होने के इस नए मामले से चिंता बढ़ गई है। क्योंकि गत कुछ दिनों से पुणे, पिंपरी चिंचवड़ समेत समस्त जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसके चलते लोग बड़ी बेसब्री से टीके का इंतजार कर रहे हैं।
ससून अस्पताल के अधिष्ठाता मुरलीधर तांबे ने मीडिया से बातचीत के दौरान लोगों से धीरज रखने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि अगर नर्स को टीका लगवाने के बाद भी कोरोना हुआ है तो भी घबराने की जरूरत नहीं है। क्योंकि उन्होंने अभी तक सिर्फ पहली डोज ही लगवाई थी उनका कोर्स पूरा नहीं हुआ था। फिलहाल नर्स के स्वास्थ्य की निगरानी की जा रही है। बहरहाल महामारी कोरोना से बचाव करनेवाला टीका लगाने के बाद संक्रमित होने के इस नए मामले से चिंता बढ़ गई है। क्योंकि गत कुछ दिनों से पुणे, पिंपरी चिंचवड़ समेत समस्त जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसके चलते लोग बड़ी बेसब्री से टीके का इंतजार कर रहे हैं।
_ नाशिक के सिविल अस्पताल में भी सामने आया था मामला
इससे पहले नासिक के सिविल अस्पताल में भी ऐसा ही मामला सामने आया था, जहां अस्पताल में काम करने वाले फार्मासिस्ट ने कोरोना का टीका लगवाया था। हालांकि को-वैक्सीन की दूसरी डोज लेने के पहले वह कोरोना मरीजों के संपर्क में आया। इसके बाद उसने कोरोना की जांच करवाई तो वह कोरोना पॉजिटिव पाया गया। उससे पहले अमरावती जिले में भी ऐसा ही मामला सामने आया था। शहर के जिला अस्पताल में काम करने वाले 12 स्वास्थ्य कर्मी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। इन सभी स्वास्थ्य कर्मियों ने भारत बायोटेक की को-वैक्सीन की पहली डोज 16 जनवरी को लगवाई थी। अमरावती के सिविल सर्जन के अनुसार वैक्सीन से इसका कोई सम्बन्ध नहीं है। कोरोना से बचने के लिए वैक्सीन की दो डोज़ लेना ज़रूरी है। स्वास्थ्यकर्मियों को एक ही डोज़ दी गयी थी। इसके बाद सावधानी बरतनी होती है। दूसरी डोज़ 13 फ़रवरी को दी जानी थी।
इससे पहले नासिक के सिविल अस्पताल में भी ऐसा ही मामला सामने आया था, जहां अस्पताल में काम करने वाले फार्मासिस्ट ने कोरोना का टीका लगवाया था। हालांकि को-वैक्सीन की दूसरी डोज लेने के पहले वह कोरोना मरीजों के संपर्क में आया। इसके बाद उसने कोरोना की जांच करवाई तो वह कोरोना पॉजिटिव पाया गया। उससे पहले अमरावती जिले में भी ऐसा ही मामला सामने आया था। शहर के जिला अस्पताल में काम करने वाले 12 स्वास्थ्य कर्मी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। इन सभी स्वास्थ्य कर्मियों ने भारत बायोटेक की को-वैक्सीन की पहली डोज 16 जनवरी को लगवाई थी। अमरावती के सिविल सर्जन के अनुसार वैक्सीन से इसका कोई सम्बन्ध नहीं है। कोरोना से बचने के लिए वैक्सीन की दो डोज़ लेना ज़रूरी है। स्वास्थ्यकर्मियों को एक ही डोज़ दी गयी थी। इसके बाद सावधानी बरतनी होती है। दूसरी डोज़ 13 फ़रवरी को दी जानी थी।