जलगांव (नरेंद्र इंगले):” आनंद कभी मरते नहि ” 1970 के दशक मे बनी फील्म आनंद मे परदे पर डीलीवर किया गया यह संवाद मोबाईल क्रांति युग मे आज कि पिढी ने शायद सुना भी होगा के नहि यह पता लगाना अनूसंधान का विषय हो सकता है ! लेकिन फ़िल्म आनंद के इस सदाबहार संवाद ने समाज कि कयी हस्तीयो कि प्रतिभा और व्यक्तीत्व समझने तथा चमकाने का काम निरंतर किया है फ़िर कामकाजी क्षेत्र कोई भी हो ! इसी संवाद के अनुरुप जामनेर जैसे अती विकसित कसबे के सांस्कृतिक जगत मे अलख जगाने का प्रयास किया है “आनंदयात्री परीवार ” ने ! शहर के कुछ बुद्धीजिवी तथा तर्कवादीयो ने मिलकर ” आनंदयात्री ” कि नींव रखी है ! जलगांव और जामनेर के आनंदयात्रीयो तथा परिवर्तनवादी संस्थांओ के साझा तत्वावधान मे 2 अगस्त से 4 अगस्त तक तीन दिवसीय विशेष सांस्कृतिक महोत्सव आयोजन करवाया गया है ! 2 अगस्त को शाम 6 बजे ‘अमृताची गोडी’ नाम से मराठी कवीताओ के 800 बरस के इतिहास पर प्रकाश डाला जाएगा समारोह का दिग्दर्शन मंजुषा भिडे करेंगी इस संस्करण के महाराष्ट्र मे 17 मंचन किए जा चुके है !
3 अगस्त को प्रेम भावना पर आधारीत हृदयस्पर्शी ‘ नली ‘ इस मराठी नाटीका का 36 वा प्रयोग योगेश पाटील के दिग्दर्शन मे अभिनेता हर्षल पाटील प्रस्तुत करेंगे ! 4 अगस्त को नारायण बावीस्कर दिग्दर्शित तथा मोहन राकेश लिखित मराठी अनूवादक शंभु पाटील रचीत “अपूर्णांक” इस नाटक का 46 वा संस्करण प्रस्तुत किया जाएगा ! इस सांस्कृतिक समारोह के आयोजन तथा प्रबंधन कि जानकारी को सोशल मिडीया के जरीये साझा करते हुए डा चंद्रशेखर पाटील ने जनता को इस आनंदयात्रा का लाभ उठाने कि अपील कि है ! इस से पहले आनंदयात्री द्वारा संपन्न पहल कि समाचार मे हमने तहसिल के सांस्कृतिक तथा , कलाविश्व से जुडी धरोहर के समाहन , क्षती और राजनितीकरण के विषय पर काफी कुछ बताने का प्रयास किया था ! आनेवाली पिढीयो के उज्वल भविष्य और तहसिल कि सांस्कृतीक विरासत को गरीमापूर्ण आयाम देने के लिए आनंद यात्रीयो कि इन ताबडतोड इमानदार कोशीशो कि सराहना के लिए हिंदी सिने जगत के सैकडो मशहुर संवादो को जरुर याद किया जा सकता है !