महात्मा फुले जी की विचारो की विरासत को आगे बढ़ाना हमारी जिम्मेदारी – प्रो शिंदे
जामनेर (नरेंद्र इंगले ): ” शिक्षा के अभाव से मती गई मती के अभाव से नीति गई नीति के अभाव से गती गई गती के अभाव से धन गया धन के अभाव से शुद्र टूट गए इतना अनर्थ एक शिक्षा के अभाव से हुआ ” महात्मा ज्योतिराव जी फुले इनके प्रखर विचारो ने बहुजन समाज की तत्कालीन स्थिती को रेखांकित किया था उनके यह विचार आज भी प्रेरक है ऐसा प्रतिपादन प्रो सुनील शिंदे ने किया ! महात्मा ज्योतिराव जी की पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित व्याख्यान मे प्रो शिंदे बोल रहे थे ! उन्होने अपने प्रबोधन मे कहा कि महात्मा फुले जी महान समाज सुधारक होने के साथ कृषी विशेषज्ञ , निर्माण क्षेत्र मे उत्कृष्ट तकनीकी जानकर तथा पहलवान भी रहे ! फुले जी के क्रांतिकारी विचारो की विरासत को आगे बढ़ाना हम सभी की जिम्मेदारी है ! राजमाता जिजामाता , छत्रपती शिवाजी महाराज , छत्रपती संभाजी महाराज , महात्मा फुले जी , क्रांतिज्योति सावित्रीमाई , राजश्री शाहूजी , डॉ बाबासाहेब अंबेडकर इन महामानवो की प्रतिमा को माल्यार्पण कर व्यख्यान माला का आरंभ किया गया ! समारोह की अध्यक्षता मुकुंदा माली ने की , मंच पर आतिश झालटे , दत्तू सोनावणे , सुधाकर माली , अशोक नेरकर , ज्ञानदेव भोर अन्य मान्यवर मौजूद रहे ! व्याख्यान की सफलता के लिए राजू महाजन , आकाश नेरकर , गजु माली , निखिल पवार , दत्ता नेरकर, सागर महाजन , विशाल महाजन , चेतन चौधरी , मोहन चौधरी , पराग नेरकर , पवन सोनावणे , जीतू गोरे , विनोद माली समेत युवक संगठन ने योगदान दिया ! प्रथमेश पाटील इस छात्र ने महात्मा फुले जी के जीवनी पर अपने विचार व्यक्त किए !