नई दिल्ली ( तेजसमाचार प्रतिनिधि ) – स्पाइसजेट ने रविवार को बायोफ्यूल से उड़ने वाले विमान का सफल परीक्षण किया. सोमवार को विमान देहरादून से उड़ान भरकर मात्र 45 मिनट में दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल-2 पर लैंड हुआ. विमान का स्वागत करने के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, डॉ. हर्षवर्धन, धर्मेंद्र प्रधान और सुरेश प्रभु मौजूद थे.
इससे पहले वर्ष 2012 में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम (आईआईपी) ने कनाडा की मदद से वहां बायोफ्यूल से उड़ान का सफल प्रयोग किया था, लेकिन इस बार भारत ने अपने दम पर सफलतापूर्वक प्रयोग पूरा किया.
विमान में 25% बायो फ्यूल के साथ एयर टर्बाइन फ्यूल की 75% मात्रा मिलाई गई थी. बायो फ्यूल जट्रोफा (रतनजोत) के बीज से बना है. पेट्रोलियम विज्ञानी अनिल सिन्हा ने वर्ष 2012 में जट्रोफा के बीज के कच्चे तेल से बायोफ्यूल बनाने की टेक्नोलॉजी का पेटेंट कराया. इस फ्लाइट में इस्तेमाल हो रहा फ्यूल उन्हीं की टेक्नोलॉजी व निगरानी में बना है. कर्नाटक बायोफ्यूल डेवलपमेंट बोर्ड के सीईओ रहे वाईबी रामाकृष्ण ने बड़े पैमाने पर बायोफ्यूल तैयार करके दिखाया.
इस 78 सीटर विमान में आईआईपी के निदेशक अंजन रे, केटालिसिस डिविजन की प्रमुख अंशु नानौती, छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल डेवलपमेंट अथॉरिटी के प्रोजेक्ट अफसर सुमित सरकार समेत प्रोजेक्ट से जुड़े तमाम अफसर मौजूद थे. अमेरिका-आॅस्ट्रेलिया जैसे विकसित देशों में यह प्रयोग सफल रहा है. इससे उड़ान की लागत में 20% तक कमी आएगी.