पुणे (तेज समाचार डेस्क). कोरोना से रोकथाम की लड़ाई में मास्क सबसे अहम औजार साबित हो रहा है. इसलिए लोग मास्क का उपयोग कर रहे हैं. धीरे-धीरे मास्क धारण करना आज फैशन का रूप ले चुका है. लोग तरह- तरह के मास्क पहन रहे हैं. इसे देखते हुए आज मार्केट में कपड़ों के रंग-बिरंगे मास्क उपलब्ध हैं. पर आज सबसे अधिक मांग खादी के कपड़ों के बने मास्क की है. क्योंकि स्वतंत्रतता दिन समीप है. ऊपर से राष्ट्रवाद भी चरम पर है. इसलिए खादी से बने मास्क का क्रेज लोगों में अधिक देखा जा रहा है. इसे देखते हुए मास्क निर्माता बड़े पैमाने पर खादी से बने मास्क का उत्पादन कर रहे हैं.
– आपदा को बनाया अवसर
ऐसी ही एक उभरती हुई उद्योजक है धनश्री पाठक, जो आमतौर पर महाराष्ट्र की पैठणी साड़ी से बने बैग, पर्स व वर्तमान में विशेष रूप से पैठणी मास्क का निर्माण करती आई हैं, भी स्वतंत्रता दिन को देखते हुए खादी के कपड़े से मास्क बना रही हैं. धनश्री बताती हैं कि कोरोना के डर से शुरू-शुरू में लोगों की ओर से N95 मास्क की मांग अधिक थी. इसके चलते मेडिकल स्टाफ के लिए इसकी कमी हो गई. इसलिए सरकार की ओर से गाइडलाइन जारी करनी पड़ी कि कपड़े का मास्क भी कोरोना से लड़ने के लिए कारगर है. इसलिए लोगों ने घर में कपड़े से सिले हुए मास्क का उपयोग करना शुरू किया. इसके चलते कई गृहिणियों को रोजगार का जरिया उपलब्ध हुआ. कई महिलाएं आज इस काम से बड़े पैमाने पर जुड़ी हुई हैं. इसलिए उन्होंने भी इस काम को करना शुरू किया. जो आज व्यापक रूप ले चुका है.
– पैठणी साड़ी का मास्क बना ब्रांड
धनश्री के अनुसार आज मास्क धारण करना भी एक फैशन का रूप ले चुका है. खासकर महिलाएं अपनी साड़ी या कपड़े की मेचिंग के हिसाब से मास्क धारण कर रही हैं. इसे देखते हुए उनके मन में पैठणी साड़ी से मास्क बनाने का ख्याल आया. फिर क्या था उनके इस मास्क को लोगों ने हाथोंहाथ लिया. आज पैठणी साड़ी से बना मास्क एक ब्रांड बन चुका है. इसलिए उनहों इस ब्रांड का नाम धनाज पैठणी पर्से हाऊस रखा. उन्होंने बताया कि पिछले 3 साल से वे पैठणी पर्स व पैठणी की विभिन्न वस्तुएं बनाती आई हैं. नारायणपेठ के होम बेस्ड शॉप में इन वस्तुओं को खरीदने के लिए लोग आतुर रहते हैं. परंतु कोरोना के लॉक डाउन के समय सारे उत्पादन बंद हो गए.
– पति का मिला अमूल्य सहयोग
ऐसे में मास्क की मांग को देखते वे व उनके पति ने मास्क उत्पादन का निर्णय लिया. पर हमने कुछ अलग पैठणी की साड़ी से बने रंग बिरंगे मास्क बनाने का निर्णय लिया. क्यों कि हमें विश्वास था कि जिन्हें पैठणी पसंद है, वे जरूर इसे पसंद करेंगे. पर इसके पीछे हमार मकसद केवल फैशन नहीं बल्कि कोरोन से डबल संरक्षण भी था. इसलिए हमने ये मास्क २ लेयर में बनाना शुरू किया. जिसका लेयर सेमी पैठनी का है व अंदर का लेयर सॉफ्ट कॉटन से बना हुआ है.
– प्रधानमंत्री की मेक इन इंडिया से मिली प्रेरणा
धनश्री बताती हैं कि प्रधानमंत्री मोदी ने मेक इन इंडिया की जो संकल्पना रखी कि हमारे देश में ही बऐ प्रोडक्ट विदेशों में बिकने चाहिए. इसलिए हमने महाराष्ट्र की शान पैठणी साडी से मास्क बनाना शुरू किया. आज हमारे इस मासक को विदेशों में भी काफी डिमांड है. धनश्री के अनुसार विवाह के लिए स्पेशल पैठणी मास्क भी वे बनाती हैं. विवाह मंडप में दुल्हन इस मास्क से निखर के आए व उसका हेयर स्टाइल उठ का आए व कोरोना से उसका प्रोटेक्शन भी हो जाए इसलिए हम तीन लेयर का प्रीमियम पैठणी मास्क व दूल्हे के लिए प्रीमियम खादी मास्क बनाते हैं.
– विदेशों में भी हो रही पैठणी मास्क की मांग
धनश्री बताती है कि उन्होंने अपने पैठणी और खादी मास्क का वीडियो बना कर वायरल किया, जिसे देश सहित विदेश में रहनेवाले अनेक महाराष्ट्रीय लोगों ने देखा. इस वीडियो को देखने के बाद अब विदेशों से भी उनके पैठणी और खादी मास्क की मांग हो रही है.
– कई लोगों को मिला रोजगार
धनश्री बताती हैं कि अब त्योहार या ओकेशन के हिसाब से मास्क की डिमांड हो रही है. फिलहाल 15 अगस्त को देखते हुए लोगों पर राष्ट्रवाद की खुमारी छाई हुई है. इसलिए खादी के मास्क पर भी हमारा काफी जोर है. धनश्री के इस कदम से आज न केवल वे अपने पैरों पर खड़ी हैं बल्कि उनकी वजह से 7-8 कारीगर जो उनके यहां काम कर रही हैं, उनके परिवार की रोजी रोटी भी चल रही है.