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एब्राहम अकॉर्ड में सबसे बड़ा अनाड़ी बनकर उभरा पाकिस्तान, तुर्की ने भी छोड़ा साथ

Tez Samachar by Tez Samachar
December 27, 2020
in Featured, दुनिया
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एब्राहम अकॉर्ड में सबसे बड़ा अनाड़ी बनकर उभरा पाकिस्तान, तुर्की ने भी छोड़ा साथ

नई दिल्ली (तेज समाचार डेस्क): अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भले ही सत्ता से बाहर जा रहे हो, लेकिन उनकी कुछ उपलब्धियां ऐसी हैं जो भुलाये नहीं भूली जाएंगी। उनमें से एक है ऐतिहासिक एब्राहम अकॉर्ड, जिसके अंतर्गत मध्य एशिया के कई इस्लाम बहुल देशों ने वर्षों की संकुचित विचारधाराओं को दूर करते हुए इज़राएल के साथ संबंध स्थापित किये। लेकिन जाने-अनजाने में इस अकॉर्ड से एक देश को बिना किसी विशेष निर्णय या कार्रवाई के उसकी औकात बताई गई है, और वह है पाकिस्तान।यदि एब्राहम अकॉर्ड ने किसी देश को तबीयत से धोया है, तो वह है पाकिस्तान। जिसके कारण अब कोई भी देश उस इस्लामिक देश से संबंध नहीं बनाना चाहता। अपनी सनक में एक समय तो पाकिस्तान ने 1967 के 6 डे वॉर में इस्लामिक देशों की मदद हेतु अपने वायुसेना के जहाज भी भेजे थे। लेकिन आज उसकी हालत ऐसी है कि उसका नया आका तुर्की भी इज़राएल के साथ अपने संबंध सुधारने पर विचार कर रहा है।
कुछ महीने पहले तुर्की और ग्रीस के बीच भूमध्य सागर में घुसपैठ को लेकर हुई तनातनी पर इज़राएल ने तुर्की की आक्रामकता को चिंताजनक माना था और एक अप्रत्यक्ष संदेश भेजा था कि अब ईरान के बजाए तुर्की उसके लिए चिंता का विषय बन सकता है।लेकिन तुर्की जल्द ही समझ गया कि इज़राएल से पंगा लेना मतलब अपनी ही बर्बादी का गाजे बाजे सहित निमंत्रण देना होगा, इसलिए वह अब इज़राएल से अपने संबंध सुधारने पर विचार कर रहा है। तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एरदोगन ने हाल ही में एक साक्षात्कार में कहा कि अगर फिलिस्तीन का मुद्दा छोड़ दिया जाए, तो तुर्की स्वयं चाहता है कि इज़राएल के साथ रिश्ते बेहतर हों, और इसके लिए उन्होंने ये भी बताया कि दोनों देशों के बीच अब इंटेलिजेंस के मुद्दों पर बातचीत पुनः प्रारंभ हुई है।संभव है कि यह निर्णय तुर्की ने वर्तमान समीकरणों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, ताकि उसे सऊदी अरब का प्रकोप कम से कम झेलना पड़े।
दरअसल एरदोगन के खलीफा बनने की चाह ने उन्हें सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात यानि यूएई का प्रमुख विरोधी बना दिया है, और ऐसे में इज़राएल के प्रति ये नरम रुख यही संदेश देता है कि समय आने पर वह भी इज़राएल से अपने संबंध सुधारने पर ध्यान देंगे।ऐसे में अब पाकिस्तान की हालत धोबी के कुत्ते की तरह हो गई है, जो न घर का रहा और न ही घाट का। जिस प्रकार से पाकिस्तान को एब्राहम अकॉर्ड के अंतर्गत कई देशों ने दुलत्ती मारी है, और अब तुर्की भी उससे मुंह मोड़ता हुआ दिखाई दे रहा है, उससे यही स्पष्ट होता है कि यदि पाकिस्तान समय रहते नहीं सुधरा तो वह एक दिन पूरी दुनिया से अलग थलग पड़ जाएगा और उसके पास बंजर जमीन के सिवा कुछ नहीं बचेगा।
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