पुणे (तेज समाचार डेस्क). कहा जाता है कि इस धरती पर यदि सबसे वफादार कोई प्राणी है, तो वह है कुत्ता. ऐसी कई सारी कहानियां आपने देखी या सुनी होगी, जिसमें कुत्ते ने अपने मालिक के लिए अपनी जान की बलि दे दी. लेकिन इंसान एक ऐसा प्राणी हे, जो मुसीबत में सिर्फ अपने बारे में सोचता है. इन दिनों चारों ओर कोरोना का डर छाया हुआ है. कोरोना के भय से पुणे शहर में बाहर छोड़ दिये गए पालतू जानवरों को खासकर विदेशी नस्ल के कुत्तों को बचाने के लिए कुछ लोग व एनजीओ आगे आए हैं. ये वो जानवर हैं जिन्हें उनके मालिकों ने उनसे कोरोना वायरस संक्रमण फैलने की आशंका के चलते सड़कों पर छोड़ दिया था.
– एनजीओ ने उठाई इन वफादारों की जिम्मेदारी
एनिमल एडॉप्शन एंड रेस्क्यू टीम (एएआरटी) के 50 स्वयंसेवी कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान पुणे की सड़कों पर गश्त कर छोड़े गए पालतू जानवरों को बचाने और उन्हें खाना खिलाने का काम कर रहे हैं.एनजीओ के एक स्वयंसेवी अजय पुजार ने कहा, लॉकडाउन के बाद से, हमने कुत्ते के मालिकों को अपने जानवरों को छोड़ देने के मामलों में बढ़ोतरी देखी है.
– अब तक 40 कुत्तों को ढूंढ निकाला
उन्होंने बताया कि, खासकर विदेशी नस्ल जैसे डॉबरमेन, लेब्राडोर और जर्मन शेफर्ड कुत्ते संगठन ने अब तक 40 ऐसे कुत्तों को शहर के विभिन्न हिस्सों से निकाला है और उन्हें पुणे के बाहर आश्रय गृहों में भेजा है. बहरहाल कोरोना के संक्रमण काल में जहां इंसान इंसान को नहीं पूछ रहा, वहीं मालिकों द्वारा कोरोना के डर से बाहर छोड़ दिये गए पालतू जानवरों के लिए पशु प्रेमी नागरिकों व एनजीओ की छटपटाहट चर्चा का विषय बनी हुई है.