पुणे (तेज समाचार डेस्क). पेट्रोल-डीज़ल पर चलने वाले वाहनों से बड़े पैमाने पर प्रदूषण होता है. इस कारण से अब इथेनॉल, मिथेनॉल तथा बैटरी पर चलने वाले वाहनों का इस्तेमाल लाज़मी हो गया है. इसलिए आने वाले समय में पेट्रोल-डीज़ल पर चलने वाले वाहनों का उत्पादन घटा कर जैव ईंधन पर चलने वाले वाहनों का उत्पादन बढ़ाना होगा. यह प्रतिपादन केंद्रीय सड़क विकास तथा जहाजरानी मंत्री नितीन गडकरी ने दिया.
ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एआरएआई) की ओर से आयोजित सिंफोजियम ऑन इंटरनेशनल ऑटोमोटिव टेक्नॉलॉजी अंतरराष्ट्रीय वाहन परिषद में गडकरी बोल रहे थे.
 गडकरी ने आगे कहा कि, पेट्रोल और डीज़ल से चलनेवाले वाहनों से बड़े पैमाने पर कार्बन उत्सर्जन होता है, जिससे घातक प्रदूषण होता है. इस कारण से जैव ईंधन पर चलने वाले वाहनों का उत्पादन और इस्तेमाल व्यापक स्तर पर हों, इस दिशा में केंद्र सरकार प्रयास कर रही है. हालांकि, वाहनों में यूरो 6 इंजन का इस्तेमाल करने के लिए वाहन उत्पाद कंपनियां विरोध कर रही हैं. लेकिन इसे 1 अप्रैल 2020 से अनिवार्य किया जाएगा. इस फैसले पर मैंने हाल ही में हस्ताक्षर किए है. इस कारण से वाहन उद्योग इन बातों को ध्यान में रखते हुए आगे का नियोजन करें, ऐसे निर्देश उन्होंने दिए.
गडकरी ने आगे कहा कि, पेट्रोल और डीज़ल से चलनेवाले वाहनों से बड़े पैमाने पर कार्बन उत्सर्जन होता है, जिससे घातक प्रदूषण होता है. इस कारण से जैव ईंधन पर चलने वाले वाहनों का उत्पादन और इस्तेमाल व्यापक स्तर पर हों, इस दिशा में केंद्र सरकार प्रयास कर रही है. हालांकि, वाहनों में यूरो 6 इंजन का इस्तेमाल करने के लिए वाहन उत्पाद कंपनियां विरोध कर रही हैं. लेकिन इसे 1 अप्रैल 2020 से अनिवार्य किया जाएगा. इस फैसले पर मैंने हाल ही में हस्ताक्षर किए है. इस कारण से वाहन उद्योग इन बातों को ध्यान में रखते हुए आगे का नियोजन करें, ऐसे निर्देश उन्होंने दिए.गडकरी ने कहा कि पेट्रोल-डीज़ल के वाहनों के उत्पादन को मंजूरी देने वाला मंत्रालय मेरे ही पास है. लेकिन अब यह मंत्रालय किसी हाल में यह अनुमति नही देगा. ऐसी चेतावनी भी गडकरी ने इस समय दी.
इस कार्यक्रम में नीति आयोग के मिथेनॉल इकॉनॉमी कोर कमेटी के सदस्य प्रशांत श्रीनिवास, ‘तेरी’ संस्था के महासंचालक अजय माथूर, ‘एआरएआई’ की निदेशक रश्मि उर्ध्वरेषे उपस्थित थीं.
								
								
																
															 
			
