• ABOUT US
  • DISCLAIMER
  • PRIVACY POLICY
  • TERMS & CONDITION
  • CONTACT US
  • ADVERTISE WITH US
  • तेज़ समाचार मराठी
Tezsamachar
  • Home
  • देश
  • दुनिया
  • प्रदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • लाईफस्टाईल
  • विविधा
No Result
View All Result
  • Home
  • देश
  • दुनिया
  • प्रदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • लाईफस्टाईल
  • विविधा
No Result
View All Result
Tezsamachar
No Result
View All Result

ट्वीट खेलें, अधकचरा ज्ञान न पेलें

Tez Samachar by Tez Samachar
December 25, 2019
in Featured, विविधा
0
ट्वीट खेलें, अधकचरा ज्ञान न पेलें

दो-चार दिनों में जावेद अख्तर का कोई ट्वीट नजरों के सामने से नहीं गुजरा। संभव है, ट्वीट आया हो लेकिन अधिकांश चक्षु उसके दर्शन और मस्तिष्क ज्ञानार्जन सुख से वंचित हो गए हों। गीतकर जावेद अख्तर की छवि भले, जागरूक और बुद्धिमान इंसान के रूप में है। लेकिन, इंसान तो इंसान है, कई बार बड़े-बड़े लोग भी चूक जाते हैेें। जावेद की बात आगे बढ़ाते हुए संत कबीर का दोहा याद आ गया। कबीर ने कहा था, “ऐसी वाणी बोलिये कोई ना कहे चुप, ऐसी जगह बैठिये कोई ना कहे उठ।” पिछले दिनों जावेद का एक ट्वीट चर्चा में रहा। यह अलग बात है कि उस ट्वीट से अधिक आनंद उस पर मिले आईपीएस अधिकारी संदीप मित्तल के जवाब से आया। इस ट्वीट द्वंद्व पर खबर बन गई, छप गईं और लोगों ने मजे लिए। उपद्रवी छात्रों पर कार्रवाई करती पुलिस का जामिया मिलिया इस्लामिया शिक्षा परिसर में प्रवेश करना जावेद अख्तर को पसंद नहीं आया। उन्होंने ट्वीट कर सवाल उठा दिया। जावेद ने लिखा, “लॉ आफ लैंड के मुताबिक किसी भी परिस्थिति में पुलिस किसी भी यूनिवर्सिटी कैंपस में यूनिवर्सिटी अधिकारियों की अनुमति के बिना प्रवेश नहीं कर सकती। जामिया कैंपस में बिना इजाजत घुसकर पुलिस ने एक ऐसी मिसाल कायम की है, जो हर यूनिवर्सिटी के लिए एक खतरा है।” जावेद को आईपीएस मित्तल ने कटाक्ष से लैस जवाब दिया। उन्होंने लिखा, “प्रिय लॉ एक्सपर्ट, प्लीज लॉ आफ लैंड, सेक्शन नंबर, एक्ट के नाम को थोड़ा विस्तार से समझाएं, ताकि हम प्रबुद्ध हों।” इस जवाब पर जावेद की ओर से सन्नाटा है। जाहिर है, चूक चुके हैं ‘चौहान’।

फेसबुक, ट्वीटर और वाट्सएप के इस दौर में जिस तरह से प्रवाचकों और ज्ञानियों की बाढ़ दिखाई देने लगी है वह हमारे देश और समाज में अभूतपूर्व है। लोग किसी भी विषय पर बोलने हर पल तैयार दिखते हैं। टीवी बहसों में अक्सर ऐसे अनेक डिबेटर दिख जाते हैं जिनकी मुद्दे पर पकड़ धेले भर नहीं होती। नाम चल गया है या चला दिया गया है तो मौका नहीं छोडऩा चाहते। हर जगह अपनी ढपली और अपना राग वाली बात दिखाई देती है। एक लोकप्रिय टीवी चैनल पर गत दिवस सीएए पर बहस चल रही थी। सिर्फ दो ही विवादी(यहां इस शब्द का प्रयोग डिबेटर से बेहतर लगता है) थे। दोनों पेशे से वकील। भाजपा पक्ष वाले ने कहा, “आप कह रहे हैं कि संविधान का उल्लंघन किया गया है, जरा मुझे बताइए की संविधान में कितने अनुच्छेद हैं।” इसके बाद दर्शकों के आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा। दूसरे विवादी महोदय साधारण से सवाल का जवाब नहीं दे पाए। यहां-वहां की बात करते हुए झगड़े पर उतारू होने लगे। उनके कानूनी और संविधान के ज्ञान की पोल खुल चुकी थी। साफ था कि उन्होंने भारतीय संविधान कितना पढ़ा है और उन्हें  इसकी कितनी समझ है। इस उदाहरण को अधिकांश विवादी-विद्वानों के कानून और संविधान के ज्ञान की बानगी कह सकते हैं। यह कानून, संविधान, लोकतंत्र और अभिव्यक्ति के नाम पर लोगों को बरगलाने वालों की अक्ल का नमूना है।

जामिया में पुलिस लाठीचार्ज पर फिल्मी दुनिया यानि बॉलीबुड के कुछ लोगों ने नाराजगी व्यक्त है। इनमें निर्देशक, अभिनेता और अभिनेत्रियां शामिल हैं। ट्वीट किए और करवाए गए। एक विरोध कार्यक्रम आयोजित किया गया। सिने प्रेमियों में फरहान अख्तर एक परिचित नाम कहा जा सकता है। विरोध कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे फरहान मीडिया के सवालों पर जिस तरह बगले झांकते दिखे उससे उनके प्रशंसकों को अवश्य निराशा हुई होगी। जामिया मुद्दे पर ट्वीट का खेल शुरू करने वाली फिल्मी हस्तियों में फरहान अव्वल रहे हैं। शायद उन्हें सीधे और पैने सवालों की उम्मीद नहीं थी। किसी ने कटाक्ष किया है कि “फिल्म वालों से मीडिया को सीधे सवाल नहीं करना चाहिए। दिन में बीस बार आईना देखने वाली बिरादरी के अधिकांश सितारों को लिख कर दिए गए डायलॉग ही बोलना आता है।” जामिया घटना पर सोनाक्षी सिन्हा और आलिया भट्ट ने ट्वीट किया है। इन दोनों देवियों की सामान्य समझ जगजाहिर है। उस पर बहस नहीं हो सकती। इनके साथ एक और अभिनेत्री का नाम याद आ रहा है। परिणीति चौपड़ा के ट्वीट ने भी लोगों का ध्यान खींचा है। जामिया को लेकर वह कुछ ज्यादा ही भावुक हो उठीं। परिणीति ने लिखा है, “अगर लोगों द्वारा अपने विचार व्यक्त करने से हर बार यही होता रहे तो हमें लोकतंत्र को भूल जाना चाहिए। हमें एक बिल पास करना चाहिए और अब अपने देश को लोकतांत्रिक देश नहीं कहना चाहिए।” ईश्वर जानें, इनको ऐसा विलक्षण ज्ञान कहां से प्राप्त होता है। नि:संदेह उनके  प्रेरणा के स्रोत के दर्शनों के लिए अनेक आत्माएं लालायित होंगी। परिणीति से एक सवाल की तो होती है-” क्या विषय पर अधिकार नहीं होने पर बोलना जरूरी है?” यह कोई शुगर फ्री प्रोडक्ट का विज्ञापन नहीं है। भले जीवन में  कैलोरी की भूमिका और उसे मापने का तरीके का ज्ञान नहीं हो लेकिन विज्ञापन में डायलॉग जीरो कैलोरी का झाड़ सकते हैं।

एक लोकप्रिय न्यूज चैनल ने दिल्ली में नागरिकता कानून विरोधी प्रदर्शनकारियों के बीच जाकर उनसे सीएए और एनआरसी पर सवाल किए। हैरानी हुई कि एक दर्जन लोगों में से एक भी सही जवाब नहीं दे पाया। कोई बोला, “मालूम नहीं मौलाना साहब से पूछो।” किसी ने साफ शब्दों में कह दिया,” मालूम नहीं।” एक-दो प्रदर्शनकारी सवाल सुनते ही उखड़ पड़े। ऐसी स्थिति में सीएए और एनआरसी के फुलफार्म जानने की उनसे उम्मीद ही नहीं की जा सकती थी। स्पष्ट है कि दुष्प्रचार और बरगलाए जाने से भ्रम फैला है। अज्ञानता, अशिक्षा और अल्पशिक्षा को इसके लिए दोष दिया जा सकता है। दुख इस बात का है कि बात-बात पर गिटपिट इंग्लिश झाडऩे वाले सेलेब्रिटीज, ‘बांबीवासी’ बुद्धिजीवियों से लेकर राजनेताओं तक में उन विषयों और मुद्दों पर आधारभूत जानकारियों का अभाव साफ दिखाई देता है जिन पर वो हंगामा करते हैं। चलते-चलते, लालू पुत्र तेजस्वी यादव की याद आ गई। सीएए और एनआरसी के विरोध में शनिवार को तेजस्वी की अगुआई में राजद ने प्रदर्शन आयोजित किया था। क्या तेजस्वी सिर्फ पचास-पचास पंक्तियों में लोकतंत्र, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, संविधान और कानून पर सटीक ज्ञान देकर हमें भी प्रबुद्ध करने का कृपा करेंगे?

 

अनिल बिहारी श्रीवास्तव,

एलवी-08, इंडस गार्डन्स, गुलमोहर के पास,

भोपाल 462039

फोन: 0755 2422740 मोबाइल: 09425097084

Previous Post

धुलिया : पालकी विवाद में आपस में टकराए अंपलकर-खोपड़े गुट

Next Post

गुरिल्ला सियासत से बाज आए कांग्रेस

Next Post
गुरिल्ला सियासत से बाज आए कांग्रेस

गुरिल्ला सियासत से बाज आए कांग्रेस

  • Disclaimer
  • Privacy
  • Advertisement
  • Contact Us

© 2025 JNews - Premium WordPress news & magazine theme by Jegtheme.

No Result
View All Result
  • Home
  • देश
  • दुनिया
  • प्रदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • लाईफस्टाईल
  • विविधा

© 2025 JNews - Premium WordPress news & magazine theme by Jegtheme.