नई दिल्ली (तेज समाचार डेस्क). करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन के अवसर पर सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नानक नाम लेवा संगत की करीब 70 साल की अरदास पूरी होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद किया. कैप्टन ने कहा कि प्रधानमंत्री ने उनकी चाहत पूरी की है. इस दौरान कैप्टन का पाकिस्तान के प्रति रवैया तल्ख रहा. उन्होंने कहा कि वाहेगुरु से अरदास है कि उन्हें जल्द ही अन्य गुरुद्वारों में भी अरदास करने और माथा टेकने के सौभाग्य प्राप्त हो.
कैप्टन ने कहा कि 1947 में कुदरती तौर पर ऐसे हालात बने कि हमारे कई धार्मिक स्थान पाकिस्तान चले गए. उन्हें एक बार श्री पंजा साहिब जाने और दो बार श्री ननकाना साहिब जाने का मौका मिला. पहली बार श्री करतारपुर साहिब जा रहे हैं. पूरा पंजाब, पूरा सिख जगत धन्यवादी है. पाकिस्तान का नाम लिए बिना कैप्टन ने कहा कि वह आशा करते हैं कि पड़ोसी देश में अन्य गुरुद्वारे के भी दर्शन करने को मिलेंगे. उन्होंने कहा कि अब जमाना बदल गया है. प्यार की आवाज उठी है और वह आशा करते हैं कि पड़ोसी भी समझे कि यह हमारा मुल्क है जो बैर नहीं प्यार चाहता है. प्रधानमंत्री ने भी उनसे बातचीत के दौरान यही चाहा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम पर तो वाहेगुरु की कृपा हुई है. हम तरक्की कर रहे हैं लेकिन दूसरी तरफ का मुल्क सारा डूबा पड़ा है. पंजाब में ऐसी कोई जगह नही जहां लिंक रोड और बिजली नहीं है. वह अपने लोगों को क्या देंगे, लड़ाई झगड़े से क्या हासिल होगा. पाकिस्तान का नाम लिए बिना कैप्टन ने कहा कि वह मुल्क अफरीदी, कुर्कजाईयों, दक्षिण में बलूची और उत्तर में आईसिस, तालिबान के साथ लड़ रहा है और कभी कश्मीर में भारत की फौज से पंगा ले रहा है. अब पंजाब में माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं.
कैप्टन ने तीखे लहजे में कहा कि उन्होंने कई बार कहा है कि ऐसा काम न करे. पंजाबी ऐसे लोग नहीं जो हाथ पर हाथ धर कर यह बर्दाश्त करेंगे. न तो कश्मीर में आपकी कोई बात बननी है और न पंजाब में. जो पैसा बचाओगे वह अपने लोगों के विकास पर लगाओ. कैप्टन ने कहा कि वहां हमारे गुरुद्वारा साहिब है और वह चाहते हैं कि वहां भी सब कुछ ठीक हो. तीन दिन पहले वह सुल्तानपुर से जा रहे थे तो उन्होंने देखा कि 30-40 जगहों पर खेतों में आग लगी हुई थी. क्या हम प्रथम गुरु का हुक्म नहीं मानेंगे.
हमें अपनी धरती, हमारे लोगों को बचाना है. श्री गुरु नानक देव जी ने 550 साल पहले ही यह बात कही थी. पंजाब के लोगों ने एक साल में 77 लाख पौधे लगाए हैं. पंजाब में शाम को खुशी की दीपमाला होगी. वह करतारपुर जाएंगे और वहां सभी के लिए माथा टेकेंगे.
– एक पंगत में लंगर छक नेताओं ने दिया सांझीवालता का संदेश
करतारपुर कॉरिडोर के खुलने के अवसर पर नेताओं ने शनिवार को बाबा नानक के बताए हुए सिद्धांतों पर चलते भाईचारे और सांझीवालता के संदेश पर चलकर एक मिसाल पेश की. शनिवार को कलानौर- गुरदासपुर रोड पर लंगर का एक पंडाल लगाया गया था. यह पंडाल कॉरिडोर के साथ लगती सड़क पर था. पीएम मोदी का काफिला कॉरिडोर की तरफ जा रहा था. इसी दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह, केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल, गवर्नर वीपी सिंह बदनौर, सुनील जाखड़, मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा उस लंगर पंडाल में रुके और सभी ने एक पंगत में बैठकर लंगर छका. पंडाल की दूसरी ओर लंगर छक रहे लोगों को जैसे ही मोदी और कैप्टन की आमद के बारे में पता चला तो लोग खाना बीच में ही छोड़ उनकी तस्वीरें लेने लगे.
– कुल्हड़ वाली तंदूरी चाय का लुत्फ
श्री गुरु नानक देव जी की नगरी सुल्तानपुर लोधी आने वाले श्रद्धालु पूना की मशहूर कुल्हड़ वाली तंदूरी चाय का खूब लुत्फ उठा रहे हैं. 550वें प्रकाश पर्व में नतमस्तक होने वाली संगत के लिए कई तरह के लंगर मौजूद हैं, लेकिन फिर भी संगत पर तंदूरी चाय का जादू खूब चढ़ रहा है. पांच नवंबर को 550वें प्रकाश पर्व के समागम का आगाज करवाने पहुंचे सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी इस चाय का आनंद उठाया है. सुल्तानपुर लोधी में चार जगह राजनंदनी कुलचा कार्नर, टेंट सिटी नंबर 3, मुख्य मेले में लगे झूले के पास और गुरुद्वारा श्री बेर साहिब के समीप तंदूरी चाय का प्रबंध है. राजनंदनी ढाबा के मालिक सूरज यादव बताते हैं कि उन्हें पूना में इस चाय के बारे में पता चला. उसके बाद वह हाल ही में इलाहाबाद कुंभ में पीएम नरेंद्र मोदी को खुद अपने हाथों से चाय बनाकर पिला चुके हैं. पांच नवंबर को सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के लिए कुछ अधिकारी चाय लेने के लिए आए थे. उनके लिए भी उन्होंने चाय बनाई. सूरज बताते हैं कि चाय तो पहले से ही तैयार होती हैं, गर्म चाय में अलग तंदूर में तपने के लिए रखे कुल्हड़ को चिमटे से उठाकर डालकर उबाला जाता है, जिससे मिट्टी की सोंधी महक चाय में समा जाती है.