कोविड 19 की मलमपट्टी के लिए जामनेर मे जनता कर्फ्यू
जामनेर (नरेंद्र इंगले ): 24 मार्च का वो दिन जब पुरे देश मे तालाबंदी की ऐतिहासिक घोषणा की गई ! तालाबंदी के तीन चरण समाप्त होने के बाद चौथे फेज के प्रबंधन का जिम्मा राज्य सरकारो को सौंप दिया गया ! वैसे सार्वजनिक स्वास्थ का विषय राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र मे आता है लेकिन किसी महामारी के चलते केंद्र सरकार को विशेष अधिकार प्राप्त होते है ! आज भारत अनलॉकडाउन मोड़ मे है महाराष्ट्र ने बिगिन अगेन का प्रयास किया है ! कोरोना को लेकर मुंबई की स्थिती पहले से काफी अच्छी है ! राज्य के अन्य जिलो मे एक्टिव केसेस और संक्रमण की खबरे आ रही है !
जलगांव जिला टॉप पर है , जामनेर मे 40 केसेस है ! प्रशासन ने 11 से 18 जून तक जामनेर बंद का फैसला किया है ! व्यापारी संगठनो की बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया ! जिन जगहो को सील किया गया है वहा अब तक कोविड से जुड़ी किसी प्रकार की मेडिकल सुविधा नही पहुची है बस बैरिकेट्स मौजूद है ! इस बीच यह उम्मीद अवश्य बनती है की 7 दिन के बंद के दौरान जो इलाके सील किए गए है उन सभी इलाको मे नागरिको की टेस्टिंग की जाएगी ! प्रशासन को व्यापक साझा कार्यक्रम तैयार करना होगा न कि मलमपट्टी की पहल ! वैसे तालाबंदी को हि कोरोना की दवा मान चुका प्रशासन बीते 2 महीनो तक सोता रहा जो अब केसेस बढ़ने के बाद अचानक से जाग गया है तो अब शायद जामनेर को कोविड मुक्त होने मे देर नही लगेगी !
बंद के दौरान सभी जीवनावश्यक चीजो की दुकाने जैसे मेडिकल , अस्पताल , किराना , कृषि सामग्री वगैरा निर्धारित समय के लिए खुली रहेगी ! कुल मिलाकर बंद का आयोजन इसी बात को रेखांकित करता है कि सार्वजनिक जगहो पर भीड़ जमा न हो पाए और संक्रमण को रोका जा सके ! जामनेर के रिकवरी रेट की बात करे तो वह बेहतर है ! संक्रमण का शिकार होने से आम लोग खुद को दूर रख रहे है जो संक्रमित हुए है वह इम्युनिटी पावर के बलबूते कोरोना से लड़ाई लड़ रहे है जीत भी रहे है ! प्रशासन की तत्परता को हम उन बातो से अनुभव कर सकते है जिन हालात मे वह काम कर रहा है ! राज्यशास्त्र की भाषा मे शहर और तहसिल के अभिभावक कहे जाने वाले तत्वो ने इस जंग मे जनता को मानो उसके हाल पर छोड़ दिया है इस नाजुक स्थिती मे उन सभी महानुभावो की सक्रियता की कामना आम नागरिको मे की जा रही है !