पुणे (तेज समाचार डेस्क). हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में पुणे-मावल-शिरूर लोकसभा चुनाव में कुल 75 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे. इसमें से मात्र 6 उम्मीदवारों के बीच ही मुकाबला देखा गया था, जबकि शेष 69 उम्मीदवारों ने वोट काटने का काम ही किया. हालांकि ये 69 उम्मीदवार वोट काटने की अपनी कथित मंशा में का कतई कामयाब नहीं हो सके. चुनाव आयोग के नियम के अनुसार देश का कोई भी नागरिक लोकसभा चुनाव लड़ सकता है. उसके लिए ओपन गुट के उम्मीदवारों को 25 हजार रुपए की डिपॉजिट रकम जमा करनी पड़ती है. रिजर्व कैटेगिरी के उम्मीदवार को 50 प्रतिशत सहुलियत होती है. उन्हें 12 हजार 500 रुपए डिपॉजिट रकम जमा करनी पड़ती है. मतगणना के बाद कुल वैध वोट के 1/6 वोट से अधिक वोट लेने वाले उम्मीदवारों को डिपॉजिट की राशि वापस मिलती है, शेष सभी उम्मीदवारों की डिपॉजिट रकम जब्त की जाती है.
– पुणे में बापट-जोशी के बीच ही हुआ मुकाबला
पुणे लोकसभा क्षेत्र के करीब 29 उम्मीदवारों के डिपॉजिट जब्त हो गए. पुणे में कुल 31 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे. इनमें केवल विजेता भाजपा के गिरीश बापट और दो नंबर रहे कांग्रेस के मोहन जोशी का ही डिपॉजिट बच गया है. पुणे सीट से कुल 31 उम्मीदवार चुनाव के लिए खड़े थे. इसमें से बापट और जोशी छोड़ कर शेष 29 उम्मीदवारों का डिपॉजिट जब्त हो गया है. पुणे क्षेत्र में सीधा मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच हुआ. वंचित बहुजन आघाड़ी के उम्मीदवार को तीन नंबर के वोट मिलने के बावजूद वे अपना डिपॉजिट बचा नहीं सके.
पुणे क्षेत्र में भाजपा के गिरीश बापट ने कांग्रेस के मोहन जोशी को 3 लाख 24 हजार 628 वोट से हराया, इन दो उम्मीदवारों को छोड़ अन्य सभी उम्मीदवारों का डिपॉजिट जब्त हो गया. इनमें विभिन्न दलों और संगठनों के 14 तथा 15 निर्दलीय उम्मीदवारों का समावेश है. नोटा को 10 हजार 972 वोट मिले हैं. वंचित बहुजन आघाड़ी के अनिल जाधव 64 हजार 734 वोट लेकर तीसरे नंबर पर रहे, लेकिन वे भी अपना डिपॉजिट बचा नहीं सके.
– मावल में राकां-शिवसेना के बीच था मुकाबला
मावल लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने वाले 21 में से 19 उम्मीदवारों का डिपॉजिट जब्त हो गया. इनमें वंचित बहुजन आघाड़ी के राजाराम पटिल 75,904 वोट पाने के बावजूद अपना डिपॉजिट नहीं बचा पाए. खास बात यह रही कि 11 निर्दलीय उम्मीदवार केवल वोट काटने की इच्छा से चुनाव मैदान में उतरे थे. मावल लोकसभा चुनाव में केवल प्रमुख पार्टी एनसीपी और शिवसेना के उम्मीदवार डिपॉजिट बचा पाए. मावल लोकसभा क्षेत्र आधा शहरी व आधा ग्रामीण इलाकों से बना है. चुनाव में शहरी व ग्रामीण भागों के उम्मीदवारों ने भाग लिया, दस विविध राजनैतिक पार्टियों के अलावा 11 निर्दलीय उम्मीदवारों के साथ कुल 21 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे. मगर मुख्य मुकाबला शिवसेना के श्रीरंग बारणे और एनसीपी के पार्थ अजीत पवार के बीच हुआ. पूरे राज्य में चर्चा वाले इस रोमांचक मुकाबले में श्रीरंग बारणे को 7 लाख 20 हजार 663 वोट मिले. जबकी एनसीपी के पार्थ पवार को 5 लाख 4 हजार 750 वोट मिले. श्रीरंग बारणे ने 2,15,913 वोटों से पार्थ पवार को धूल चटाई. मुकाबले में अन्य पार्टियों व निर्दलीय उम्मीदवार कोसों दूर रहे और खुद की डिपॉजिट भी नहीं बचा पाये. मावल में बारणे पवार की प्रतिष्ठित लड़ाई में सभी 19 उम्मीदवारों को अपनी डिपॉजिट राशि गंवानी पड़ी. मावल लोकसभा क्षेत्र में कुल 13,53,311 वैध वोट पड़े.
– शिरूर में राकां के कोल्हे और सेना के आढलराव के बीच थी टक्कर
शिरुर लोकसभा क्षेत्र के 21 उम्मीदवारों ने अपनी डिपाजिट राशि गंवा दी. इस क्षेत्र में 23 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे. यहां विजेता एनसीपी के डॉ. अमोल कोल्हे और दूसरे स्थान पर रहे शिवसेना उम्मीदवार शिवाजीराव आढलराव पाटिल की ही डिपाजिट राशि बच पाई. डिपाजिट राशि जब्त होने वाले उम्मीदवारों में निर्दलीय उम्मीदवारों का समावेश है. शिरूर में मुख्य मुकाबला शिवसेना और एनसीपी के उम्मीदवारों के बीच हुआ. यहां वंचित बहुजन आघाडी और बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार तीसरे व चौथे स्थान पर रहे. लेकिन चुनाव आयोग के नियमानुसार कुल वोटों के 1/6 प्रतिशत वोट पाने में असफल होने से वे भी अपनी डिपाजिट राशि बचा नहीं पाये. शिरुर में निर्दलीयों के साथ-साथ वंचित बहुजन आघाडी, बसपा, बलिराजा पार्टी, भारत प्रभात पार्टी, हमारी अपनी पार्टी, बहुजन रिपब्लीकन सोशलिस्ट पार्टी, भारतीय बहुजन क्रांति दल, भारतीय नौजवान सेना पार्टी, बहुजन मुक्ति पार्टी, के भी उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे. शिरुर के रोमाचंक मुकाबले में एनसीपी के डॉ. अमोल कोल्हे ने तीन बार सांसद रहे शिवसेना के शिवाजीराव आढलराव पाटिल को 58,483 वोटों से पराजित किया. एनसीपी के डॉ. अमोल कोल्हे को 6,35,830 वोट मिले जबकि शिवसेना के शिवाजीराव आढलराव पाटिल को 5,77,347 वोट मिले, वंचित बहजन आघाडी के राहुल ओव्हाल को 38,070 वोट मिले, लेकिन वे भी अपना डिपाजिट नहीं बचा पाए शिरुर में नोटा के 6051 वोट पड़े.