पुणे (तेज समाचार डेस्क). रेलवे प्रशासन की लापरवाही से 4 निर्दोष लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी. रेलवे की सीमा में लगे भारीभरकम अवैध होर्डिंग गिरने से उसके नीचे कई लोग दब गए. जिसमें से 4 की मौत हो गई तो करीब 10 लोग जख्मी हो गए. उनका ससून अस्पताल में उपचार जारी है. शुक्रवार दोपहर पौने दो बजे यह दुर्घटना आरटीओ के पास रेलवे पुल के पास घटी. खास बात यह है कि यह होर्डिग अवैध था. पिछले डेढ़ साल से इस होर्डिंग की समय सीमा समाप्त हो गई थी. उसके बावजूद यह होर्डिंग वहां पर लगा हुआ था. इसका पैसा न तो रेलवे केा मिल रहा था व न ही ऐड एजेंसी को. महापालिका प्रशासन की ओर से पिछले एक साल से रेलवे प्रशासन को पत्र भेजकर इस अवैध होर्डिंग को हटाने की मांग बार बार की गई थी. इससे संबंधित 9 नोटिस भी महापालिका प्रशासन की ओर से रेलवे को भेजी गयी थी. फिर भी रेलवे प्रशासन ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की. रेलवे ने अपनी चूक मान ली है व जांच कर दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की बात की है. बंड गार्डन पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है.
– नीचे से काटा जा रहा था होर्डिंग
शुक्रवार दोपहर को अवैध होर्डिंग हटाने का काम किया जा रहा था, उसकी जानकारी न तो पुलिस या मनपा प्रशासन को दी गयी थी. होर्डिंग हटाने का काम भी गलत तरीके से किया जा रहा था. एड. एजेंसी की ओर से ऊपर की बजाए नीचे की ओर से इसे काटा जा रहा था. इस वजह से यह घटना घटी व उसके नीचे दबने से 4 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी. महापालिका प्रशासन ने इसके लिए पूरी तरह से रेलवे प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है.
– अवैध होर्डिंग पर रेलवे ने नहीं की कार्रवाई
ज्ञात हो कि जो होर्डिंग गिरा वह पूरी तरह से अवैध था. होर्डिग की यह सीमा रेलवे के दायरे में आता है. लेकिन इसको लेकर मनपा के पास ढेरों शिकायतें आती थीं. इस वजह से महापालिका प्रशासन की ओर से रेलवे प्रशासन को पत्र लिखकर उस होर्डिंग पर कार्रवाई करने के लिए कहा गया था. इस बारे में महापालिका आकाशचिन्ह विभाग के प्रमुख विजय दहिभाते ने कहा कि विगत कई सालों से हम इसको लेकर रेलवे प्रशासन को पत्र लिख रहे थे. अंतिम पत्र हमने जनवरी 2018 में दिया था. क्योंकि नियम के बाहर जाकर यह होर्डिंग लगाई गई थी. फिर भी रेलवे प्रशासन द्वारा इस पर कार्रवाई नहीं की जा रही थी. दहिभाते ने कहा कि एक बार तो महापालिका की ओर से कार्रवाई करने के लिए वहां कर्मी भी भेजे गए थे. लेकिन रेलवे के अधिकारियों ने उन कर्मियों को अपनी सीमा के अंदर आने भी नहीं दिया था. इस वजह से मनपा प्रशासन को वापस लौटना पड़ा था. संबंधित आउटडोर एड एजेंसी का रेलवे के साथ जो करार था, वह डेढ साल पहले ही खत्म हो गया था. पर इसके बावजूद उसे नहीं हटाया जा रहा था. इसके चलते उसपे लगनेवाले एड का पैसा न तो रेलवे को मिल पा रहा था व न ही एड एजेंसी कंपनी को. यह पैसा किसके पास जा रहा था, यह जांच के बाद ही सामने आ पाएगा. शुक्रवार दोपहर को होर्डिंग हटाने की कार्रवाई एड एजेंसी की ओर से की जा रही थी. उपर की दिशा की बजाए नीचे से काटने के कारण होर्डिंग अचानक गिर पड़ा व उसके नीचे कई लोग दब गए.
– रेलवे प्रशासन ने मानी गलती
पुणे रेल मंडल के रेल मंडल प्रमुख मिलिंद देउस्कर ने इस दुर्घटना के लिए रेलवे की गलती मानी है. उन्होंने कहा कि इसमें रेलवे की चूक है. इसकी जांच उच्च स्तरीय कमेटी से कराई जाएगी. शनिवार से ही यह जांच शुरू की जाएगी. दोषियों पर उचित कार्रवाई की जाएगी. इसमें जो लोग जख्मी हुए हैं, उन्हें भी वित्तीय मदद रेलवे करेगी. इससे संबंधित प्रस्ताव भी केंद्र सरकार को भेजा जाएगा.
– शहर के होर्डिंग का होगा स्ट्रक्चरल ऑडिट
यह घटना घटने के बाद तत्काल महापालिका के अधिकारियों ने वहां जाकर इलाके का मुआयना किया. इस अवसर पर अतिरिक्त आयुक्त राजेंद्र निंबालकर, महापौर मुक्ता तिलक, आकाशचिन्ह विभाग प्रमुख विजय दहिभाते, साथ ही कई नगरसेवक उपस्थित थे. इस बारे में अतिरिक्त आयुक्त राजेंद्र निंबालकर ने कहा कि हमने प्रशासन से निर्देश दिए है कि शहर के सभी अवैध होर्डिंग को हटाया जाएगा. हाल ही में शहर में 1888 वैध होर्डिंग हैं. तो 114 अवैध होर्डिंग हैं. शहर के वैध होर्डिंग का स्ट्रक्चरल ऑडिट किया जाएगा. साथ ही अवैध होर्डिंग पर पूरी तरह से कार्रवाई की जाएगी. यह कार्रवाई कल से ही शुरू की जाएगी.
– मृतक व घायल
दुर्घटना में भगवानराव धोत्रे (४८), भीमराव कासार (७०) और शिवाजी देविदास परदेशी (४०) की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि जावेद मिसबाऊद्दीन खान (४९) की ससून में इलाज के दौरान मौत हो गई. इसके अलावा उमेश धर्मराज मोरे (3६), किरण ठोसर (४५), यशवंत खोबरे (४५), महेश यशवंतराव विश्वेश्वर (५०), रुक्मिणी परदेशी (५५), देवांश परदेशी (४०), समृद्धि परदेशी (१८) गंभीर रूप से जख्मी हुए हैं, इन सभी का ससून में इलाज जारी है.
– बेसहारा हुआ परदेशी परिवार
बताया जा रहा है कि घटना का शिकार हुए शिवाजी देविदास परदेशी की पत्नी का एक दिन पहले ही देहांत हुआ था. वे अपनी दोनों बेटियों, मां के साथ अपनी पत्नी की अस्थियां आलंदी में विसर्जित करने गए थे और वहां से अपनी कार से लौट रहे थे. लेकिन अब होर्डिंग हादसे में शिवाजी परदेशी की मौत के कारण उनकी बेटियां और मां पूरी तरह से बेसहारा हो गई है. उनकी मां और दो लड़कियों पर ससून अस्पताल में इलाज जारी है.
जख्मियों को हरसंभव मदद एवं जो लोग मृत हुए हैं उनके परिवार को 2 लाख रुपए मुआवजे के लिए हम मुख्यमंत्री सहायता निधि से निधि दिलाने का प्रयास करेंगे. इससे संबंधित प्रस्ताव जल्द ही मनपा प्रशासन द्वारा दिया जाएगा. रेलवे ने भी अपनी गलती मानकर वहां के लोगों को मदद करने की तैयारी दर्शायी है.
– मुक्ता तिलक, महापौर
प्रशासन से निर्देश दिए हैं कि शहर के सभी अवैध होर्डिंग को हटाया जाएगा. शहर में 1888 वैध होर्डिंग हैं. तो 114 अवैध होर्डिंग हैं. शहर के वैध होर्डिंग का स्ट्रक्चरल ऑडिट किया जाएगा. साथ ही अवैध होर्डिंग पर पूरी तरह से कार्रवाई की जाएगी.
– राजेंद्र निंबालकर, अतिरिक्त आयुक्त, मनपा.
रेलवे से चूक हुई है. इसकी जांच उच्च स्तरीय कमेटी से कराई जाएगी. शनिवार से ही यह जांच शुरू की जाएगी. दोषियों पर उचित कार्रवाई की जाएगी. इसमें जो लोग जख्मी हुए हैं, उन्हें भी वित्तीय मदद रेलवे करेगी. इससे संबंधित प्रस्ताव भी केंद्र सरकार को भेजा जाएगा.
-मिलिंद देउस्कर, रेल मंडल प्रमुख पुणे रेल मंडल