पुणे (तेज समाचार डेस्क). केंद्र सरकार के स्वच्छ सर्वेक्षण प्रतियोगिता में पुणे शहर को देश में 15वां स्थान दिया गया है. शहर को पिछले साल 37वां स्थान मिला था. प्रतियोगिता के परिणाम केंद्र सरकार द्वारा घोषित किए गए हैं और लगातार चौथे साल इंदौर ने पहला स्थान हासिल किया है. नवी मुंबई मनपा इस साल तीसरे और राज्य में नंबर एक पर है. पुणे शहर पिछले साल राज्य में 8वें स्थान पर था और इस साल चौथे स्थान पर है. ऐसी जानकारी घनकचरा विभाग प्रमुख ज्ञानेश्वर मोलक ने दी.
– गत वर्ष 34वें स्थान पर था पुणे
2018 साल में 10 लाख से ज्यादा तादाद वाले शहरों में पुणे शहर को 10वीं रैकिंग मिली थी. लेकिन 2019 में यह रैकिंग 14 पर जा खिसकी थी. तो 1 लाख से अधिक जनसंख्या की बात करें तो पुणे सीधे 37वें क्रमांक पर जा गिरा. जिसके चलते पुणे महापालिका की काफी आलोचना हो रही थी. केंद्र सरकार की ओर से हर साल स्वच्छ सर्वे किया जाता है. इसमें 1 लाख से अधिक व 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों के लिए प्रतियोगिता ली जाती है. 1 लाख से अधिक तादाद वाले प्रतियोगिता में लगातार तीसरी बार इंदौर शहर में प्रथम रहा तो 10 लाख्श से अधिक जनसंख्या से संबंधित प्रतियोगिता में अहमदाबाद प्रथम स्थान पर रहा था. जबकि पुणे महापालिका ने स्वच्छता को लेकर कई उपाय किए थे, इस पर करोड़ो रुपए खर्च किए हैं. फिर भी पुणे शहर की रैकिंग नीचे आयी थी. इसके लिए पूरी तरह से प्रशासन को जिम्मेदार माना जा रहा था.
– अगले वर्ष टॉप-5 में जगह बनाने का करेंगे प्रयास : मोकल
इस बारे में घनकचरा विभाग के प्रमुख मोलक ने कहा कि इस बीच गार्बेज फ्री सिटी के तहत भी पिछली बार मानांकन निचे आया था. इसमें केंद्र सरकार ने ही गलतियां करने से यह दर्जा निचे आया था. लेकिन मनपा द्वारा फिर से अपील किया गया था. इसके अनुसार अब मनपा के काम का दर्जा नजर आया. इसी आधार पर मनपा को अच्छा मानांकन मिला था. मोलक के अनुसार उसके बाद अब स्वच्छ सर्वे में 15 वा स्थान मिल चुका है. इससे समाधान मिला है. आगामी काल में पहले 5 वे स्थान पर आने के लिए प्रयास करेंगे.