नई दिल्ली (तेज समाचार डेस्क): राजस्थान में सबसे पिछड़ा वर्ग (एमबीसी) में बैकलॉग की भर्तियों, पांच प्रतिशत आरक्षण सहित अन्य मांगों को लेकर गुर्जरों ने एक बार फिर से आंदोलन शुरू कर दिया है। रोडवेज के पांच बड़े डिपो दौसा, हिंडौन, करौली, भरतपुर और बयाना की लगभग 220 बसों को रोक दिया गया। वहीं भरतपुर, करौली, दौसा, सवाई माधोपुर और जयपुर जिले की कई तहसीलों में इंटरनेट सेवाएं बंद हैं। कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के गुट के लोग रविवार को रेलवे ट्रैक पर धरने पर बैठ गए। उनका ये धरना आज भी जारी है।
एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘इस बार हमारा प्रतिनिधिमंडल सरकार के साथ बातचीत करने के लिए कहीं नहीं जाएगा। अगर सरकार बात करना चाहती है, तो वे रेलवे ट्रैक पर आकर हमसे मिल सकती है।’
आरक्षण को लेकर प्रदर्शन कर रहे गुर्जर समुदाय ने राज्य की अशोक गहलोत सरकार से पांच प्रतिशत आरक्षण देने की अपनी मांग दोहराई है। इसके अलावा वे समझौता और घोषणापत्र में वादे के मुताबिक बैकलॉग की भर्तियां निकाले जाने, आरक्षण आंदोलन में मारे गए लोगों के परिजनों को सरकारी नौकरी और मुआवजा देने, आरक्षण विधेयक को नौवीं अनुसूची में शामिल करने, एमबीसी कोटे से भर्ती 1252 कर्मचारियों को रेगुलर पे-स्केल देने और देव नारायण योजना में विकास योजनाओं के लिए बजट दिए जाने की भी मांग कर रहे हैं।
गुर्जर समुदाय के लोग अपनी मांगों को लेकर रेल की पटरियों पर लेट गए हैं। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं की जाएगी वो पटरियों से नहीं हटेंगे। इसकी वजह से रेलवे को दिल्ली और मुंबई के बीच चलने वाली 16 ट्रेनों के रूट में बदलाव करना पड़ा। वहीं कई ट्रेनों को झांसी-बीना-नागदा रूट पर मोड़ा गया है।