रमजान माह में इन दिनों मस्जिदों के आस-पास मुस्लिम बस्तियों में इफ्तार के लिए बाजार भी सजने लगे हैं। शाम को असर की नमाज के बाद से ही शहर के अकबर चौक,मौलवी गंज की मस्जिद के पास,देवपुर, वड़जई रोड़ समेत शहर की सभी मस्जिदों के आस-पास बड़ी संख्या में चाट-पकौड़ी इफ्तार के अन्य व्यंजनों की दुकानें सजने लगी हैं। यहां इफ्तार की दावत की सामग्री खरीद फरोख्त हेतु मुस्लिम समाज के लोगों की भीड़ लगी रहती है।
ऐसा मौका 32 साल बाद आया है। जब ऐसी भीषण गर्मी में रमजान का मुकद्दस माह आया है। इससे पहले इतनी गर्मी अौर इन दिनों में रोजे 1984 में आए थे। तब एक जून को पहला रोजा था। इस्लामी कलेंडर चांद के हिसाब से चलता है। ऐसे में हर साल, 10 से 11 दिन कम होते हैं।
बाजार में इफ्तार के लिए खजूर सहित अन्य फलों की दुकानें गुलजार हैं। इस बार फलों के दाम बढ़ने से रोजेदारों को जेब ज्यादा ढीली करनी पड़ रही है।शुक्रवार से मुकद्दस रमजान का दूसरा अशरा शुरू हो गया। शनिवार को रमजान का गयरह रोजा मुकम्मल हो गया। पहला अशरे की विदायगी के साथ ही धीरे-धीरे बाजार की रौनक भी बढ़ रही है। कपड़ों से लेकर खाने-पीने की चीज बाजार में सज गई हैं।

