नई दिल्ली (तेज समाचार डेस्क). हाल ही में संपन्न हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के जो एग्जिट पोल विभिन्न समाचार चैनलों पर दिखाए गए हैं, उसके अनुसार पांचों राज्यों में भाजपा की हार और कांग्रेस की जीत दिखाई दे रही है. हालांकि चुनाव के नतीजे 11 दिसंबर को आनेवाले है और भाजपा समर्थन देश का हर नागरिक यहीं उम्मीद लगाए बैठा है कि समाचार चैनलों के सभी एग्जिट पोल गलत साबित हो और पांचों राज्यों में भाजपा की सरकार बने. विशेष रूप से राजस्थान और मध्यप्रदेश. राजस्थान और मध्यप्रदेश भाजपा के लिए प्रतिष्ठा के चुनाव साबित हुए है, जिसके परिणाम 11 दिसंबर को आनेवाले है.
सभी एग्जिट पोल भाजपा के विरोध में आने के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी महासचिवों की बैठक बुलाई है. यह बैठक दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय में चल रही है. बैठक में चुनाव के बाद आगे की रणनीति पर चर्चा की जा रही है. बीजेपी अध्यक्ष उन महासचिवों से मुलाकात की जिन्हें इन चुनावों में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी गईं थी. बैठक में पार्टी के सभी महासचिव राम माधव, भूपेंद्र यादव, अरुण सिंह, कैलाश विजयवर्गीय, सरोज पांडेय, अनिल जैन आदि मौजूद हैं.
– हर एग्जिट पोल में भाजपा की हार
बता दें कि विधानसभा चुनावों के बाद हुए एग्जिट पोल में भारतीय जनता पार्टी को भारी नुकसान होने की बात कही जा रही है. हालांकि, पार्टी अभी भी मानती है कि यह इन राज्यों में जीत जाएगी. इसके सर्वेक्षण से पता चलता है कि बाहर निकलने वाले सर्वेक्षण में क्या दिखाया जा रहा है. उन्होंने दावा किया कि बीजेपी सरकार बनाने की स्थिति में है.
– भाजपा को अपने सर्वे पर ज्यादा विश्वास
पार्टी के खुद के सर्वे में इसके विपरीत रिजल्ट सामने आए हैं. उन्होंने दावा किया कि यह परिणाम अधिक सटीक है और इन राज्यों में सरकार बनाने की स्थिति में है. इस बैठक में महासचिव रामलाल, अरुण सिंह समेत कई महासचिवों ने हर राज्य में बीजेपी की संभावनाओं पर चर्चा की. बीजेपी के सूत्रों का मानना है कि उन्होंने यह भी चर्चा की है कि यदि पार्टी को पर्याप्त संख्या नहीं मिली तो उनके संभावित सहयोगी कौन हो सकते हैं?
– एग्जिट पोल के बाद गहराई चिंता
अमित शाह ने विभिन्न टेलीविजन चैनलों पर आए एग्जिट पोल के बाद इस बैठक को बुलाया है जिसमें दिखाया गया है कि भाजपा लगभग पांचों राज्यों में हार रही है. रामलाल ने हर राज्य में ग्राउंड लेवल पर बीजेपी औऱ आरएसएस के वर्कर की मदद से बूथ मैनेजमेंट की जिम्मेदारी संभाल रहे थे. वहीं अनिल जैन पार्टी अध्यक्ष की रैलियों को संभाल रहे थे. इस बैठक में हर उस विधानसभा की डीटेल पर चर्चा की जहां पार्टी के हार की संभावना है, पार्टी अध्यक्ष को सरकार बनाने का भरोसा है.