नई दिल्ली (तेज समाचार डेस्क). कथित किसान आंदोलन के बीच सिंघु बॉर्डर पर शुक्रवार को एक बार फिर बवाल हो गया. स्थानीय असली किसानों और कथित आंदोलनकारियों के बीच शुक्रवार को जम कर पत्थरबाजी हुई. आंदोलनकारियों ने एक बार फिर अपने उग्र मंनसूबों को जाहिर करते हुए वहां तैनात अलीपुर SHO पर तलवार से हमला कर दिया, जिससे वे घायल हो गए. बताया जाता है कि शुक्रवार दोपहर करीब 1 बजे सिंघु बॉर्डर पर नरेला की तरफ से आए वास्तविक किसानों ने धरनास्थल पर पहुंच कर आंदोलनकारियों को बॉर्डर खाली करने की मांग की. इनका कहना था कि किसान आंदोलन के चलते लोगों के कारोबार ठप हो रहे हैं. पौने दो बजे तक ये लोग किसानों के टेंट तक पहुंच गए और उनकी जरूरत के सामान तोड़ दिए. इसके बाद किसानों और नारेबाजी कर रहे लोगों के बीच झड़प शुरू हो गई. दोनों ओर से पथराव भी हुआ.
– 5 पुलिसवाले घायल
पुलिस ने बीच-बचाव की कोशिश की, लेकिन स्थिति बिगड़ते देख लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े. इस झड़प में 5 पुलिसवाले घायल हो गए. अलीपुर थाने के SHO प्रदीप पालीवाल भी तलवार से हुए हमले में जख्मी हो गए. बवाल के बाद हरियाणा सरकार ने एहतियातन 17 जिलों में कल शाम 5 बजे तक इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी है. इस दौरान केवल कॉलिंग सर्विसेज जारी रहेंगी.
– टीकरी बॉर्डर पर भी कथित आंदोलनकारियों के खिलाफ प्रदर्शन
कथित किसान आंदोलन के दूसरे अहम पॉइंट टीकरी बॉर्डर पर भी कुछ लोगों ने किसानों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए बॉर्डर खाली करने की मांग की. वे 26 जनवरी को लाल किले की प्राचीर पर धार्मिक झंडा लगाने की घटना का विरोध कर रहे थे. उनके हाथों में बैनर थे, जिन पर लिखा था कि तिरंगे का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान. हालांकि, वहां कोई उपद्रव नहीं हुआ. अभी स्थिति सामान्य है, लेकिन एहतियात के तौर पर पुलिस ने बैरिकेडिंग और मजबूत कर दी है.
– हरियाणा में इंटरनेट बंद
हरियाणा सरकार ने 17 जिलों में इंटरनेट सर्विसेज पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. इनमें अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल, पानीपत, हिसार, जींद, रोहतक, भिवानी, चरखी दादरी, फतेहाबाद, रेवाड़ी और सिरसा शामिल हैं. इन जिलों में वॉयस कॉल छोड़कर 30 जनवरी की शाम 5 बजे तक इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी. सोनीपत, पलवल व झज्जर में पहले ही इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगाई गई है.
मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत
ट्रैक्टर परेड में हिंसा के बाद पुलिस पिछले 2 दिनों से एक्शन में थी. इसके चलते गुरुवार को लगा कि गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन शायद खत्म हो जाए. लेकिन, देर रात भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत के इमोशनल ड्रामें के बाद आंदोलन और तेज होता नजर आ रहा है. मुजफ्फरनगर में शुक्रवार को किसान महापंचायत हुई, जिसमें शनिवार को किसानों से गाजीपुर बॉर्डर पहुंचने को कहा गया.