नई दिल्ली (तेज़ समाचार प्रतिनिधि ):इंडिपेंडेंट टीवी केबल नेटवर्क का प्रसारण लगभग दस दिन पहले अचानक बंद हो गया था। जिससे देश भर के उसके 17 लाख उपभोक्ता और सैकड़ों डिस्ट्रीब्यूटर परेशान हैं। प्रसारण बंद होने पर उन्होंने कंपनी के निदेशकों पर 400 करोड़ रुपये का गबन करने का आरोप लगाया था। केबल नेटवर्क कंपनी इंडिपेंडेंट टीवी के विरुद्ध पश्चिम उ.प्र. के डिस्ट्रीब्यूटरों ने सोमवार को जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया। प्रधानमंत्री कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई और ट्राई कार्यालय पहुंचकर कंपनी के निदेशकों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की। इस दौरान ट्राई अफसरों ने बताया कि इंडिपेंडेंट टीवी के नाम से केबिल नेटवर्क कंपनी का पंजीकरण उसके बंद होने से मात्र 12 दिन पहले ही हुआ है। इस जानकारी से डिस्ट्रीब्यूटर हैरत में हैं।
बंद होने से मात्र 12 दिन पहले ही हुआ था पंजीकरण
कंपनी के अधिकारियों द्वारा लगातार फेसबुक पर जल्द प्रसारण शुरू करने का दावा किया जा रहा है। लेकिन बार बार इसकी तिथियां बदल रही हैं। सोमवार को बड़ी संख्या में डिस्ट्रीब्यूटर सबसे पहले ट्राई (दूरसंचार नियामक आयोग) के कार्यालय पर पहुंचे। एडवाइजरी बोर्ड डायरेक्टर वी के अग्रवाल से मिलकर कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। डिस्ट्रीब्यूटरों ने बताया कि ट्राई के रिकार्ड में इंडिपेंडेंट टीवी के नाम से कंपनी का पंजीकरण ही प्रसारण बंद होने से मात्र 12 दिन पहले हुआ है। कंपनी ने 20 करोड़ की जमानत राशि भी जमा कराई है। इससे पहले यह बिग टीवी के नाम से प्रसारण चल रहा था। डिस्ट्रीब्यूटरों ने प्रधानमंत्री कार्यालय में भी लिखित शिकायत प्राप्त कराई है। उन्होंने जंतर मंतर पर भी पहुंचकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में गौरव टंडन, नितिन, हर्षित, अंकुर, बी कृष्णा आदि शामिल रहे।
लाखों उपभोक्ताओं के साथ डिस्ट्रीब्यूटर्स व जोनल डिस्ट्रीब्यूटर्स भी निवेश करके फंसे
इंडिपेंडेंट टीवी का प्रसारण अचानक बंद होने पर कंपनी के लाखों उपभोक्ताओं के साथ डिस्ट्रीब्यूटर्स व जोनल डिस्ट्रीब्यूटर्स भी निवेश करके फंसे हुए हैं। मंगलवार को विभिन्न प्रदेशों से 50 से अधिक जोनल डिस्ट्रीब्यूटर कोतवाली फेज तीन पहुंचे और पुलिस से शिकायत की। पुलिस के सामने जोनल डिस्ट्रीब्यूटर्स ने अपनी बात रख कार्रवाई की मांग की। इसके बाद पुलिस ने कंपनी अधिकारियों को बुलाकर उनका पक्ष जाना। इसके बाद जोनल डिस्ट्रीब्यूटर एसएसपी वैभव कृष्ण से मिले। एसएसपी ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं। उधर, इंडिपेंडेंट टीवी के अधिकारियों का कहना है कि 13 जून की रात प्रसारण बंद होने से पहले उपभोक्ताओं को विभिन्न माध्यम से जानकारी दी गई थी।
मामला ट्रिब्यूनल कोर्ट में है। उसमें दो जुलाई को सुनवाई है व फैसला आने की उम्मीद है। उम्मीद जताया कि उसके बाद से प्रसारण शुरू होगा व उपभोक्ताओं के साथ डिस्ट्रीब्यूटर्स की समस्या भी खत्म होगी। 13 जून को पूरी तरह बंद हो गया प्रसारण डिस्ट्रीब्यूटरों के अनुसार वर्ष 2018 से इंडिपेडेंट टीवी का प्रसारण शुरू हुआ था, लेकिन फरवरी 2019 से प्रसारण में समस्याएं बढ़नी शुरू हो गई। 13 जून की रात अचानक प्रसारण पूरी तरह से बंद हो गया। इसके बाद ग्राहकों का दबाव बढ़ने पर जोनल डिस्ट्रीब्यूटर कंपनी के सेक्टर 63 स्थित ऑफिस पर लोग एकत्रित होने लगे।
मंगलवार को करीब 50 जोनल डिस्ट्रीब्यूटर्स पुलिस के पास पहुंचे। डिस्ट्रीब्यूटर्स का कहना था कि उन लोगों से पैसे तो लिए गए हैं, लेकिन कंपनी ने आगे सरकारी एजेंसी अंतरिक्ष को भुगतान नहीं किया, जिसकी वजह से प्रसारण रोक दिया गया। मालूम हो कि इंडिपेंडेंट टीवी को 2018 में रिलांच किया गया था। इससे पेंटल टेक्नालॉजी नाम की कंपनी भी जुड़ी हुई है। पेंटल टेक्नॉलॉजी सेट टॉप बॉक्स संबंधित हार्डवेयर का काम देखती है। इस कंपनी ने 2250 रुपये में साल भर तक लगभग सभी चैनलों के प्रसारण करने का दावा किया था।
50 लाख खर्च कर छह जिलों के बने थे जोनल डिस्ट्रीब्यूटर
कंपनी ने सेक्टर 63 स्थित में कॉल सेंटर बना रखा है। उसमें ढाई सौ से अधिक कर्मचारी काम करते हैं। मंगलवार को जब डिस्ट्रिब्यूटर पहुंचे थे उसी दौरान कॉल सेंटर कर्मचारी भी कोतवाली पहुंचे। कर्मचारियों का कहना था कि पिछले दो माह से कंपनी ने उन्हें सैलरी नहीं दी है। बाइक बोट का मालिक संजय भाटी पहले रह चुका है निदेशक लाखों निवेशकों में ठगी में गिरफ्तार बाइक बोट का मालिक संजय भाटी पहले इंडिपेंडेंट टीवी में निदेशक रह चुका है। हालांकि वर्ष 2018 में ही वह कंपनी निदेशक से हट गया। पिछले दिनों जब नोएडा पुलिस ने बाइक बोट के खिलाफ जांच शुरू की व संजय भाटी पर शिकंजा कसना शुरू किया तो नोएडा पुलिस ने इंडिपेंडेंट टीवी के खाते को भी फिलहाल फ्रीज करा दिए हैं।इंडिपेंडेंट टीवी के जोनल डिस्ट्रीब्यूटर मिले थे और उन्होंने संजय भाटी के खिलाफ शिकायत दी हैं। जांच के आदेश दे दिए गए हैं। पिछले दिनों जांच के दौरान इंडिपेंडेंट टीवी का खाता भी फ्रीज कराया गया है।
कोतवाली पहुंचे अलीगढ़ निवासी चेतन दीक्षित ने बताया कि वह अलीगढ़, एटा कासगंज, हाथरस, मैनपुरी व इटावा के लिए 2018 में इंडिपेंडेंट टीवी का जोनल डिस्ट्रीब्यूटरशिप ली थी। करीब 50 लाख रुपये खर्च कर किये हैं। अब अचानक प्रसारण बंद हो जाने से उन्हें डिस्ट्रिब्यूटर व ग्राहकों का विरोध भी झेलना पड़ रहा है। दिल्ली जोनल डिस्ट्रीब्यूटर नवीन माहेश्वरी ने कहा कि उन्होंने तीन करोड़ रुपये खर्च किये हैं। चार महीने में ही चैनल आने बंद हो गए। मध्य प्रदेश निवासी एक जोनल डिस्ट्रिब्यूटर अमित ने करीब 60 लाख खर्च किए हैं। कॉल सेंटर कर्मियों की भी सैलरी नहीं मिली